rottan Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
rottan ka kya matlab hota hai
सड़ा
Adjective:
बीभत्स, बिगड़ा हुआ, सड़ाया हुआ, सड़ा, सड़ा हुआ,
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rottan शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसका लेख बहुत बिगड़ा हुआ है।
तथापि यह उत्पत्ति सिद्धांत आत्यंतिक नहीं कहा जा सकता, क्योंकि परपक्ष का रौद्र या वीर रस स्वपक्ष के लिए भयानक की सृष्टि भी कर सकता है और बीभत्सदर्शन से शांत की उत्पत्ति भी संभव है।
शैवों में भक्तिमार्ग के अतिरिक्त बीभत्स आचारोंवाले कुछ संप्रदाय, पाशुपत, कापालिक और कालामुख जैसे थे, जिनमें से कुछ स्त्रीत्व की आराधना करते थे, जो प्राय: विकृत रूप ले लेती थी।
कार्यस्थल अनावरण के परिणामस्वरूप होने वाला (या बिगड़ा हुआ) अस्थमा एक आम तौर पर बताया गया पेशेवर रोग है।
हरियाणा के अम्बाला ज़िले के छोटी पहाड़ियों वाले इलाक़े से सरसूती नदी आती है (जिसका नाम 'सरस्वती' का बिगड़ा हुआ रूप है) और पंजाब में शत्राना के पास घग्गर में मिल जाती है।
‘पेपरोनी’ पेपेरोनी (peperoni) का बिगड़ा हुआ रूप है, जो काली मिर्च के इतालवी शब्द पेपेरोने का बहुवचन होता है।
उनके पश्चात् धनंजय (10वीं शती) ने चित्त की विकास, विस्तार, विक्षोभ तथा विक्षेप नामक चार अवस्थाएँ मानकर शृंगार तथा हास्य को विकास, वीर तथा अद्भुत को विस्तार, बीभत्स तथा भयानक को विक्षोभ और रौद्र तथा करुण को विक्षेपावस्था से संबंधित माना है।
व्याकरण कहता है कि यह क्या बला है, प्राचीन साहित्य का अध्ययन ही उसे बतलाएगा कि शाकटायन के प्रथम सूत्र ‘ऊँ नमः सिद्धम्’ का ही यह बिगड़ा हुआ रूप है।
विजय अग्निहोत्री (शाहरुख़ खान) एक बिगड़ा हुआ अमीरजादा है जो मुंबई में अपनी माँ के साथ रहता है।
2003 में, जापान के पर्वतारोही मकोतो नेबुका ने अपने बारह वर्षीय भाषाविज्ञान संबंधी अध्ययन के परिणामों को प्रकाशित किया जिसमें उन्होंने दावा किया कि "यति" शब्द वास्तव में "मति" शब्द का एक बिगड़ा हुआ रूप है, जो क्षेत्रीय भाषा में "भालू" शब्द का ही एक शब्द-रूप है।
"फ़ुमलहौत" अरबी के "फ़ुम अल-हौत" () का बिगड़ा हुआ रूप है, जिसका अर्थ "व्हेल का मुँह" होता है।
दीपावली का बिगड़ा हुआ रूप 'दीवाली' है दिवाली नहीं; परंतु विशुद्ध एवं उपयुक्त शब्द दीपावली है ।
करुण, बीभत्स, रौद्र, वीर और भयानक से शृंगार का; भयानक और करुण से हास्य का; हास्य और शृंगार से करुण का; हास्य, शृंगार और भयानक से रौद्र का; शृंगार, वीर, रौद्र, हास्य और शात से भयानक का; भयानक और शांत से वीर का; वीर, शृंगार, रौद्र, हास्य और भयानक से शांत का विरोध माना जाता है।
काली बाबा का घमंडी और बिगड़ा हुआ भाई, बाली अपने कुछ साथियों के साथ सेना में भर्ती होने जाता है, जिसमें उसका साथ ट्रेनर इंदर मोहन लहठी देता है।
यथा, शांत रस और दयावीर तथा वीभत्स में से दयावीर का शांत में अंतर्भाव तथा बीभत्स स्थायी जुगुप्सा को शांत का स्थायी माना गया है।
उदाहरण के लिए, नायक और अन्य ने पाया कि चिकित्सा के प्रारंभ में एक व्यक्ति का सामाजिक व्यवहार जितना अधिक बिगड़ा हुआ होगा, उस व्यक्ति को संगीत चिकित्सा से उतना ही अधिक लाभ प्राप्त होने की संभावना है।
इसी प्रकार यदि शृंगार में चित्त की द्रवित स्थिति, हास्य तथा अद्भुत में उसका विस्तार, वीर तथा रौद्र में उसकी दीप्ति तथा बीभत्स और भयानक में उसका संकोच मान लें तो भी भरत का क्रम ठीक नहीं बैठता।
भरतमुनि (2-3 शती ई.) ने काव्य के आवश्यक तत्व के रूप में रस की प्रतिष्ठा करते हुए शृंगार, हास्य, रौद्र, करुण, वीर, अद्भुत, बीभत्स तथा भयानक नाम से उसके आठ भेदों का स्पष्ट उल्लेख किया है तथा कतिपय पंक्तियों के आधार पर विद्वानों की कल्पना है कि उन्होंने शांत नामक नवें रस को भी स्वीकृति दी है।
जीवाणु अस्त्र में रोग फैलानेवाले जीवाणु होते हैं और जिस युद्ध में ये इस्तेमाल किए जाते हैं वह बहुत बीभत्स एवं संहारक होता है।
बीभत्स भरत तथा धनञ्जय के अनुसार शुद्ध, क्षोभन तथा उद्वेगी नाम से तीन प्रकार का होता है।
शृंगार का स्थायी रति, हास्य का हास, रौद्र का क्रोध, करुण का शोक, वीर का उत्साह, अद्भुत का विस्मय, बीभत्स का जुगुप्सा, भयानक का भय तथा शांत का स्थायी शम या निर्वेद कहलाता है।
उस नाटक में इस मिथक का एक विभिन्न या बिगड़ा हुआ रूप था जिसमें ड्राइवर भूत होता है और सहयात्री (लेकिन नाटक के शीर्षक रोल अदा करने वाला नहीं) जीवित होता है।
आगे चलकर इसका बिगड़ा हुआ रूप ब्रजेश्वरी हो गया।
सुखात्मक रसों में शृंगार, वीर, हास्य, अद्भुत तथा शांत की और दु:खात्मक में करुण, रौद्र, बीभत्स तथा भयानक की गणना की गई।
इसी प्रकार बीभत्सदर्शन से भयानक की उत्पत्ति भी संभव है।