rolfing Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
rolfing ka kya matlab hota hai
रॉल्फिंग
Adjective:
पहाड़ी, पर्वतमय, लोटनेवाला,
People Also Search:
rollroll about
roll around
roll by
roll call
roll film
roll in
roll in the hay
roll of tobacco
roll off
roll over
roll up
rollable
rollback
rollbacks
rolfing शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
थ़ का प्रयोग मुख्यतः पहाड़ी भाषाओँ में होता है जैसे की डोगरी (की उत्तरी उपभाषाओं) में "आंसू" के लिए शब्द है "अथ़्रू"।
सतपुड़ा की पर्वतश्रेणी उत्तर भारत को दक्षिण भारत से अलग करती है और पूर्व की ओर महादेव पहाड़ी तथा मैकाल पहाड़ी के नाम से जानी जाती है।
सन 1966 में इसमें पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को मिलाकर इसका पुनर्गठन किया गया तो इसका क्षेत्रफल बढ़कर 55,673 वर्ग कि॰मी॰ हो गया।
उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों के कारण झारखण्ड (१५ नवंबर २०००) को बिहार के दक्षिणी जिलों में से पृथक कर बनाया गया।
विष्णुपद मंदिर, बोधगया में भगवान बुद्ध से जुड़ा पीपल का वृक्ष तथा महाबोधि मंदिर के अलावे तिब्बती मंदिर, थाई मंदिर, जापानी मंदिर, बर्मा का मंदिर, बौधनी पहाड़ी { इमामगंज }।
सतपुड़ा पठार (पहाड़ी)।
इग्लिस उन श्रृंखलाओं का हिस्सा है जो इस क्षेत्र के पर्वतमय इलाकों तथा विलक्षण ग्रामीण वास्तुकला को दर्शाता है।
सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया।
कैमूर पठार और सतपुड़ा पहाड़ी।
छोटे आकार के बावजूद इस देश की जलवायु व स्थलाकृति विविध है — कहीं शीतल व पर्वतमय पठार, तो कहीं उष्ण व शुष्क मैदान | जनसंख्या मुख्यतः नृजातीय स्वाज़ियों की है, जिनकी मातृभाषा स्वाज़ी है।
सन २००० में पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र स्थित गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डल को मिला कर एक नये राज्य उत्तरांचल का गठन किया गया जिसका नाम बाद में बदल कर 2007 में उत्तराखण्ड कर दिया गया है।
अधिकतर महाप्रस्तर युगीन स्मारिकाएँ पहाड़ी क्षेत्रों से प्राप्त हुई।
भौगोलिक तौर पर बिहार को तीन प्राकृतिक विभागो में बाँटा जाता है- उत्तर का पर्वतीय एवं तराई भाग, मध्य का विशाल मैदान तथा दक्षिण का पहाड़ी किनारा।
विंध्य पठार (पहाड़ी)।
अन्तत: नवम्बर, 2000 में उत्तर प्रदेश के पश्चिमोत्तर हिस्से से उत्तरांचल के नए राज्य का, जिसमें कुमाऊँ और गढ़वाल के पहाड़ी क्षेत्र शामिल थे, गठन किया गया।
पठार तीन ओर पहाड़ी श्रेणियों से घिरा है।
मधुबनी शैली, पहाड़ी शैली, तंजौर शैली, मुगल शैली, बंगाल शैली अपनी-अपनी विशेषताओं के कारण आज जनशक्ति के मन चिन्हित है।