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reverencer Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


reverencer ka kya matlab hota hai


आदर

Noun:

सत्कार, पूजा, इज़्ज़त, भक्ति, आदर, सम्मान, श्रद्धा,



reverencer शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



वे जन सामान्य में राजर्षि (संधि विच्छेदः राजा+ऋषि राजर्षि अर्थात ऐसा प्रशासक जो ऋषि के समान सत्कार्य में लगा हुआ हो।

फ़िर विधिवत निम्नलिखित मन्त्रों (सभी संस्कृत में हैं) के साथ उसकी पूजा करें।

आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं।

अतिथि सत्कार और पर्यटन पर भी इसका प्रभाव पड़ा है और इसका व्यावसायिक रूप भी विकसित हुआ है।

ये अपनी सज्जनता, भोलेपन एवं अतिथी-सत्कार के लिये प्रसिद्ध हैं।

इस्लाम किसी व्यक्ति या वस्तु की पूजा करने को मना करता है और इस गीत में भारत की माँ के रूप में वन्दना की गयी है;।

पूजा की रीति इस तरह है : पहले कोई भी देवता चुनें, जिसकी पूजा करनी है।

हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है।

हिन्दुओं के सभी पूजा-पाठ और धार्मिक संस्कार की भाषा संस्कृत ही है।

इस पर हैदराबाद के नवाबी आदर-सत्कार व खान-पान को देखकर आपको भी लगेगा कि वाकई में आप किसी निजाम के शहर में आ गए हैं।

ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्प पूजां समर्पयामि .।

संयोगवश वन में आखेट करते वह जमदग्निमुनि के आश्रम जा पहुँचा और देवराज इन्द्र द्वारा उन्हें प्रदत्त कपिला कामधेनु की सहायता से हुए समस्त सैन्यदल के अद्भुत आतिथ्य सत्कार पर लोभवश जमदग्नि की अवज्ञा करते हुए कामधेनु को बलपूर्वक छीनकर ले गया।

ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . अंग पूजां समर्पयामि .।

इच्छित कर्म करने के लिये इनमें से एक या कई देवताओं को कर्मकाण्ड और पूजा द्वारा प्रसन्न करना ज़रूरी है।

इन सबके अलावा हिन्दू धर्म में गाय को भी माता के रूप में पूजा जाता है।

दसम ग्रन्थ का सत्कार सारी सिख कौम करती है।

ब्रह्म की पूजा नहीं की जाती है, क्योंकि वो पूजा से परे और अनिर्वचनीय है।

सत्कार्यवाद के दो भेद हैं- परिणामवाद तथा विवर्तवाद।

श्री महागणपतये नमः . नाम पूजां समर्पयामि .।

वायु पीकर ही अर्थात् उपवास करती हुई रहेगी और राम के आने पर उनका आतिथ्य-सत्कार करने पर पूर्व रूप में आ जाएगी।

ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पत्र पूजां समर्पयामि .।

वो पूजा और उपासना का विषय है।

सांख्य-दर्शन का मुख्य आधार सत्कार्यवाद है।

रविदास जी के सेवक इनको " सतगुरु", "जगतगुरु" आदि नामों से सत्कार करते हैं।

सत्कार्यवाद की स्थापना भी तर्कों के ही आधार पर की गई है।

इनमें एक अज्ञात मातृदेवी की मूर्तियाँ, भगवान शिव पशुपति जैसे देवता की मुद्राएँ, शिवलिंग, पीपल की पूजा, इत्यादि प्रमुख हैं।

चौमोहल्ला पैलेस- यह आसफ जाही वंश का स्थान था, जहां निज़ाम अपने शाही आगन्तुकों का सत्कार किया करते थे।

आधार दैनिक पूजा विधि हिन्दू धर्म की कई उपासना पद्धतियों में से एक है।

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