resequence Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
resequence ka kya matlab hota hai
पुनर्सेवी
Noun:
ग्रंथमाला, परिणाम, नतीजा, श्रेणी, परंपरा, तारतम्य, क्रम, अनुक्रम,
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resequence शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
(इस ग्रंथमाला का आरंभ सन् 1868 में किया गया था) यह बहुमूल्य परिसंपत्ति पाकर इस नवस्थापित संस्थान ने कई शैक्षिक योजनाएँ आरंभ करने का निश्चय किया।
कॉलसनिक के अनुसार, मनोविज्ञान के सिद्धान्तों व परिणामों का शिक्षा के क्षेत्र में अनुप्रयोग ही शिक्षा मनोविज्ञान कहलाता है।
संविधान के अनुसार यह व्यवस्था १९५० में समाप्त हो जाने वाली थी, लेकिन् तमिलनाडु राज्य के हिन्दी भाषा विरोधी आन्दोलन और हिन्दी भाषी राज्यों राजनैतिक विरोध के परिणामस्वरूप, संसद ने इस व्यवस्था की समाप्ति को अनिश्चित काल तक स्थगित कर दिया है।
जाति व्यवस्था के परिणामस्वरूप स्थानीय मतभेद होने लगे।
उसने अपनी ओर से भी एक प्राच्य ग्रंथमाला का आरंभ किया।
परिणामस्वरूप मनोविज्ञान की नई-नई शाखाओं का विकास होता गया।
किंतु पशुओं पर प्राप्त किए गए परिणाम कहाँ तक मनुष्यों के विषय में लागू हो सकते हैं, यह जानने के लिये विकासात्मक क्रम का ज्ञान भी आवश्यक था।
इसके सिवा उसने बंबई संस्कृत तथा प्राकृत ग्रंथमाला के प्रबंध का भार भी संस्थान को सौंप दिया।
प्रकाशन विभाग कई ग्रंथमालाओं का, जैसे बंबई संस्कृत और प्राकृत ग्रंथमाला, राजकीय प्राच्य ग्रंथमाला, भांडारकर प्राच्य ग्रंथमाला आदि का, प्रकाशन करता है।
खेल सामान्य अर्थ में उन गतिविधियों को कहा जाता है, जहाँ प्रतियोगी की शारीरिक क्षमता खेल के परिणाम (जीत या हार) का एकमात्र अथवा प्राथमिक निर्धारक होती है, लेकिन यह शब्द दिमागी खेल (कुछ कार्ड खेलों और बोर्ड खेलों का सामान्य नाम, जिनमें।
ललित कला ग्रंथमाला की समकालीन कला के लेखों में प्रख्यात अभ्यासरत कलाकारों की चर्चा होती है।
आप्टे अंग्रेजी --> संस्कृत शब्दकोश - इसमें परिणाम इच्छानुसार देवनागरी, iTrans, रोमन यूनिकोड आदि में प्राप्त किये जा सकते हैं।
(2) क्रमिकपुस्तकमालिका (गेय पदों का स्थूल रूपरेखात्मक संगीत-लिपि-समन्वित बृहत् संकलन) : ग्रंथमाला में चार खंडों के एकाधिक संस्करण जीवनकाल में एवं 5वाँ 6ठा देहांत के बाद 1937 में प्रकाशित।
भारतीय कला की ललित कला ग्रंथमाला के अंतर्गत अनेक छोटी पुस्तकें और लेख भारतीय चित्रकला और मूर्तिकला के प्रमुख स्कूलों से प्रकाशित होते हैं।
देवराज यज्वा द्वारा रचित एक व्याख्या का प्रकाशन गुरुमंडल ग्रंथमाला, कलकत्ता से 1952 में हुआ है।
(दोनों मराठी ग्रंथमालाओं और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद गत 10 वर्षो में प्रकाशित हुआ है)।
आज की कोशविद्या का विकसित स्वरूप भाषा विज्ञान, व्याकरणशास्त्र, साहित्य, अर्थविज्ञान, शब्दप्रयोगीय, ऐतिहासिक विकास, सन्दर्भसापेक्ष अर्थविकास और नाना शास्त्रों तथा विज्ञानों में प्रयुक्त विशिष्ट अर्थों के बौद्धिक और जागरूक शब्दार्थ संकलन का पुंजीकृत परिणाम है।
१८० ईसवी के आरम्भ से मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए, जिनके परिणामस्वरूप उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में यूनानी, शक, पार्थी और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुए।
इसका प्रकाशन आनंदाश्रम संस्कृत ग्रंथमाला, पूना से 1926 में और खेमराज श्रीकृष्णदास, बंबई से 1982 वै., में हुआ है।
(1) हिंदुस्तानी संगीतपद्धति (स्वकृत 'लक्ष्य संगीतम्' का प्रश्नोत्तर शैली में परोक्ष रूप से क्रमानुरोध निरपेक्ष भाष्य) : ग्रंथमाला में चार भाग; प्रथम तीन सन् 1910-14 में, एवं चौथा आपके देहांत से कुछ पूर्व प्रकाशित।
इनमें मुख्य रूप से भाषावैज्ञानिक अनुशीलन और शोध के परिणामस्वरूप उपलब्ध सामग्री का नियोजन किया गया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका और विभिन्न यूरोपीय उपनिवेशों में विशाल मात्रा मे चांदी के स्रोत मिलने के परिणामस्वरूप चांदी का मूल्य सोने के अपेक्षा काफी गिर गया।
इसके अतिरिक्त संस्था ने राष्ट्रभाषा कोश एवं कई ग्रंथमालाओं का प्रकाशन किया है।
इसीलिए भूगोल में सौरमंडल, सूर्य का अपने आभासी पथ पर गमन, पृथ्वी की दैनिक और वार्षि गतियों तथा उनके परिणामस्वरूप होने वाले परिवर्तनों - दिन-रात और ऋतु परिवर्तन, चन्द्र कलाओं, सूर्य ग्रहण, चन्द्रगहण आदि का अध्ययन किया जाता है।
सप्रे जी ने लोकमान्य तिलक के मराठी केसरी को यहाँ हिंदी केसरी के रूप में छापना प्रारम्भ किया तथा साथ ही हिंदी साहित्यकारों व लेखकों को एक सूत्र में पिरोने के लिए नागपुर से हिंदी ग्रंथमाला भी प्रकाशित की।
मानव भूगोल, भूगोल की वह शाखा है जो मानव समाज के क्रियाकलापों और उनके परिणाम स्वरूप बने भौगोलिक प्रतिरूपों का अध्ययन करता है।