repique Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
repique ka kya matlab hota hai
घनघनाना
Noun:
परिशिष्ट, बाक़ी, छाछ, अवशेष,
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repique शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
बाक़ी वस्तुओं का अकार भिन्न-भिन्न है - कुछ तो दसियों किलोमीटर बड़े हैं और कुछ धूल के कण मात्र हैं।
इस कड़ी के अन्त में कई परिशिष्ट हैं।
आरण्यक ग्रन्थ वस्तुतः ब्राह्मणों के परिशिष्ट भाग हैं और उपनिषदों के पूर्वरूप।
इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के दो परिशिष्ट ग्रन्थ भी हैं जो प्रकाशित होते रहते हैं और जो नूतन संस्करण की सामग्री के रूप में सातत्य भाव से संकलित होते रहते हैं।
परिशिष्टों में बहुत ही ख़ूबसूरत तरीके से कई चीज़ें दी गयी हैं, जैसे :।
अगले कुछ वर्षों में बाक़ी के हिस्से में गतिविधियाँ होने लगीं।
बाक़ी स्तनधारियों की तरह इनकी रंग दृष्टि मनुष्य से काफ़ी कमज़ोर है जबकि इनकी सूँघने की ताक़त और ज़्यादा मज़बूत होती है।
बाक़ी के लोग लड़ाके, व्यापारी और नाविक के रूप में यहाँ आए थे।
यानी कि एक तंत्र पर काम करने का यह मतलब कतई नहीं था कि आप बाक़ी पर भी काम कर पाएँगे।
हिन्दू धार्मिक ग्रन्थों में उनकी पहली उपस्थिति महाभारत का खिल (परिशिष्ट) भाग माने जाने वाले हरिवंशपुराण में है, परन्तु विरोध के रूप में।
महाभारत के बाद के परिशिष्ट में हरिवंश में कृष्ण के बचपन और युवावस्था का एक विस्तृत संस्करण है।
इसके कई भाष्यकार भी हैं जैसे- चार्वाक, सायण, दयानंद सरस्वती, मैक्स मूलर आदि किंतु इनमे से सबसे अच्छा भाष्य दयानंद सरस्वती का था बाक़ी सब ने इसका अनुचित अनुवाद किया था।
बीसियों सूत्रों के साथ लगे हुए गणों में गोत्रों के अनेक नाम पाणिनि के "गणपाठ" नामक परिशिष्ट ग्रंथ में हैं।
अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ उनकी संक्षिप्त बातचीत, "वास्तविकता की प्रकृति पर नोट", बाद के उत्तरार्धों के एक परिशिष्ट के रूप में सम्मिलित किया गया है।
पंडित रविशंकर और उस्ताद अमीर ख़ान को छोड़कर बाक़ी प्रायः सभी नामी संगीतज्ञ उन दिनों पटना के दशहरा संगीत समारोहों की शोभा बन चुके थे।
देश की पैंतालीस प्रतिशत ज़मीन सहारा रेगिस्तान में है जबकि बाक़ी तटीय जमीन खेती के लिए इस्तमाल होती है।
'हरिवंश' वस्तुतः स्पष्ट रूप से महाभारत का खिल (परिशिष्ट) भाग के रूप में रचित है और इसी प्रकार 'विष्णुधर्मोत्तर' भी विष्णु पुराण के उत्तर भाग के रूप में ही रचित एवं प्रसिद्ध है।
सिर्फ़ यही जान लें कि पंडित रविशंकर और उस्ताद अमीर ख़ान को छोड़कर बाक़ी प्रायः सभी नामी संगीतज्ञ उन दिनों पटना के दशहरा संगीत समारोहों की शोभा बन चुके थे।
इस पुस्तक के परिशिष्ट-1 में पुस्तक में प्रतिपादित विषय के अधिक अध्ययन के लिए 20 पुस्तकों की सूची भी दी गयी है जिससे गाँधीजी के तत्कालीन अध्ययन के विस्तार की एक झलक भी मिलती है।
इसका एक परिशिष्ट सौर उपपुराण भी है, जिसमें उडिसा के कोणार्क मन्दिर का वर्णन है।
ये मंगोल नस्ल की है जबकि अंडमान और निकोबार की बाक़ी सभी जनजातियाँ नीग्रोईड यानी अफ्रीकियों जैसी हैं।
ध्वनियाँ अ, इ, और उ हमेशा हृश्व लम्बाई की होती हैं मगर बाक़ी ध्वनियाँ आ, ई, ऊ, ए, ओ, ऐ और ओ हमेशा दीर्घ लम्बाई की होती हैं।
कई संगीतकार इन समारोहों में आने के अवसर के आगे बाक़ी आमंत्रण छोड़ दिया करते थे।
इन परिशिष्टों में बहुत ही ख़ूबसूरत तरीके से कई चीज़ें दी गयी हैं, जैसे :।