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relearning Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


relearning ka kya matlab hota hai


पुनर्अर्निंग

Noun:

विद्या, पांडित्य, पाण्डित्य, विद्वत्ता, प्रज्ञता, शिक्षा,



relearning शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



लोक और शास्त्र का समन्वय, गार्हस्थ्य और वैराग्य का समन्वय, भक्ति और ज्ञान का समन्वय, भाषा और संस्कृत का समन्वय, निर्गुण और सगुण का समन्वय, पांडित्य और अपांडित्य का समन्वय रामचरितमानस में शुरु से आखिर तक समन्वय का काव्य है।

दर्शन, भाषाविज्ञान, मनोविज्ञान, समाजविज्ञान और समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र आदि समस्त आधुनिक विद्याओं के कोश विश्व की विविध सम्पन्न भाषाओं में विशेषज्ञों की सहायता से बनाए जा रहे हैं और इस प्रकृति के सैकडों-हजारों कोश भी बन चुके हैं।

आज की कोशविद्या का विकसित स्वरूप भाषा विज्ञान, व्याकरणशास्त्र, साहित्य, अर्थविज्ञान, शब्दप्रयोगीय, ऐतिहासिक विकास, सन्दर्भसापेक्ष अर्थविकास और नाना शास्त्रों तथा विज्ञानों में प्रयुक्त विशिष्ट अर्थों के बौद्धिक और जागरूक शब्दार्थ संकलन का पुंजीकृत परिणाम है।

'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं।

वैदिक साहित्य : महर्षि वैदिक विश्वविद्यालय - पी डी एफ़ प्रारूप, देवनागरी।

भारत में कोशविद्या के आधुनिक स्वरुप का उद्भव और विकास मध्यकालीन हिंदी कोशों की मान्यता और रचनाप्रक्रिया से भिन्न उद्देश्यों को लेकर हुआ।

इसकी भाषा पांडित्यपूर्ण और साहित्य संबंधी चमत्कारों से भरी हुई है, इससे इसकी रचना कुछ पीछे की मानी जाती है।

'आक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी' का नव्यतम और बृहत्तम संस्करण आधुनिक कोशविद्या की प्रायः सभी विशेषताओं से संपन्न है।

भारत तथा अन्य देशों के कुछ संस्कृत विश्वविद्यालयों की सूची नीचे दी गयी है- (देखें, भारत स्थित संस्कृत विश्वविद्यालयों की सूची)।

आधुनिक कोशविद्या : तुलनात्मक दृष्टि ।

यह ठीक है कि उनके काव्य में भाव पक्ष की अपेक्षा कला पक्ष की प्रधानता है और पांडित्य प्रदर्शन के कारण उन्हें कठिन काव्य के प्रेत कह कर पुकारा जाता है किंतु उनका महत्व बिल्कुल समाप्त नहीं हो जाता।

भारतीय विश्वविद्यालयों में संस्कृत पर आधारित शोध प्रबन्धों की निर्देशिका (राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान)।

‘विन्या, संस्कृत की गीता समझ में नहीं आती.’ विनोबा जब अगली बार बाजार गए, गीता के तीन-चार मराठी अनुवाद खरीद लाए. लेकिन उनमें भी अनुवादक ने अपना पांडित्य प्रदर्शन किया था।

:— मोहन लाल विद्यार्थी - Indian Culture Through the Ages, p.'nbsp;61।

उनका ध्यान जितना पांडित्य-प्रदर्शन की ओर था उतना भाव-प्रदर्शन की ओर नहीं।

यद्यपि हिन्दी के प्रथम किशोरोपयोगी ज्ञानकोश (अपूर्ण) को श्री श्रीनारायण चतुर्वेदी तथा पं० कृष्ण वल्लभ द्विवेदि द्वारा विश्वभारती अभिधान दिया गया तो भी ज्ञान कोश, ज्ञानदीपिका, विश्वदर्शन, विश्वविद्यालयभण्डार आदि संज्ञाओं का प्रयोग भी ज्ञानकोश के लिये हुआ है।

कोशविद्या के इन पाश्चात्य पंडितों की दृष्टि में हिंदी का ही पर्याय हिंदुस्तानी था और वही सामान्य रूप में हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा थी।

वर्तमान युग ने कोशविद्या को अत्यन्त व्यापक परिवेश में विकसित किया।

योरप के उन्नत और समृद्ध देशों की प्रायः सभी भाषाओं में विकासित स्तर की कोशविद्या के आधार पर उत्कृष्ट, विशाल, प्रमाणिक और सम्पन्न कोशों का निर्माण हो चुका है और उन दोशों में कोशनिर्माण के लिये ऐसे स्थायी संस्थान प्रतिष्ठापित किए जा चुके हैं जिनमें अबाध गति से सर्वदा कार्य चलता रहता है।

पांडित्य-प्रदर्शन की इसी प्रवृत्ति के कारण कुछ आलोचकों ने केशव को हृदय-हीन कवि कहा है, किंतु यह आरोप पूर्णतः सत्य नहीं, क्योंकि पांडित्य प्रदर्शन के साथ-साथ केशव के काव्य में ऐसे अनेकानेक स्थल हैं जहां उनकी भावुकता और सहृदयतापूर्ण साकार हो उठी है।

देवनागरी लिपि एवं संगणक (अम्बा कुलकर्णी, विभागाध्यक्ष ,संस्कृत अध्ययन विभाग, हैदराबाद विश्वविद्यालय)।

शैली कृत्रिम तथा अलंकारों से बोझिल हो गई और शब्दचयन में भी पांडित्य का आडंबर खड़ा हुआ।

लोक और शास्त्र का समन्वय, ग्राहस्थ और वैराग्य का समन्वय, भक्ति और ज्ञान का समन्वय, भाषा और संस्कृति का समन्वय,निर्गुण और सगुण का समन्वय, कथा और तत्व ज्ञान का समन्वय, ब्राह्मण और चांडाल का समन्वय, पांडित्य और अपांडित्य का समन्वय, रामचरित मानस शुरू से आखिर तक समन्वय का काव्य है।

ये परिषदें पांडित्यपूर्ण अध्यापकों तथा विद्यार्थियों के सम्मेलन के रूप में होती थी और उपाधियाँ प्रदान करने के अधिकारिणी थीं।

उनका नेता जॉन विक्लिफ़ अद्भुत साहस और पांडित्यसंपन्न व्यक्ति था।

पांडित्य-प्रदर्शन के कारण वह कुछ दुरूह हो गई है।

सन् 1250 ई. के लगभग 'विश्वविद्यालय' (यूनिवर्सिटी) शब्द का प्रयोग नए अर्थ में होने लगा और ये पांडित्यपूर्ण विद्यार्थियों के बजाय शासकों द्वारा अपने राज्यों की राजनीतिक एवं सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए स्थापित किए जाने लगे।

Synonyms:

learn, larn, acquire,



Antonyms:

sell, lose, lend, refuse,



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