reinvestigation Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
reinvestigation ka kya matlab hota hai
पुनर्जांच
Noun:
जांच पड़ताल करना, ऊहापोह, विवेचन, तहक़ीक़ात, अन्वीक्षण, खोज, अनुसंधान, अन्वेषण, जांच,
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reinvestigation शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
व्यक्ति के पास स्वयं के हित के अनेक विकल्प होते हैं और उनमें से जब उसे यह चयन करना होता है कि क्या उसके लिए अच्छा होगा व क्या गलत, कौन-सा विकल्प हितकर होगा व कौन-सा अहितकर, कौन-सा सुगम होगा व कौन-सा जटिल तो यह असमंजस व ऊहापोह की सिथति संघर्ष पैदा करती है।
करीब एक दशक की ऊहापोह के बीच 18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में एक नवंबर 1956 को पूरी हुई।
कक्षा में ही छात्र अपने अनुभवों का विश्लेषण और मूल्यांकन कर सकते हैं, शंका करना, प्रश्न पूछना, जांच पड़ताल करना और स्वतंत्र रूप से सोचना सीख सकते हैं।
अत: काव्यशास्त्रीय चिंतन में यह वह प्रधान पक्ष है जिसके अनेक पहलुओं को लेकर पूर्व और पश्चिम के विचारक पिछले अढ़ाई हजार वर्षो से ऊहापोह करते आ रहे हैं।
इस पूरी प्रक्रिया में व्यक्ति किसी भी प्रकार के ऊहापोह अथवा असमंजस में नहीं पड़ता।
आचारशास्त्र का स्वतंत्र अस्तित्व करीब-करीब समाप्त हो गया और नैतिक प्रश्नों का विवेचन ईसाई धर्मशास्त्र की कुछ वादग्रस्त समस्याओं में शाब्दिक ऊहापोह तक ही सीमित रह गया।
यूनान में प्राचीनतम भाषावैज्ञानिक विवेचन प्लेटो (425-348 47 ई0 पू0) के संवाद में मिलता है, जो मुख्यतया ऊहापोहात्मक है।
ह संजय सिंघानिया, शहर के नामजद (भूतपूर्व) व्यापारी जो सूचनानुसार घटनोत्तर स्मृति लोप से पीड़ित हैं, की विलक्षण वस्तु-स्थिति की जांच पड़ताल करना चाहती है।
गृहस्थ जीवन या संन्यास. मन में कुछ देर तक संघर्ष चला. ऊहापोह से गुजरते हुए उन्होंने उन्होंने निर्णय लिया और उसी गाड़ी में सवार हो गए।
नाट्यशास्त्र में स्पष्ट कहा है कि प्रेक्षक की सभी इन्द्रिय दुरस्त होने चाहिए, ऊहापोह में उसे पटु होना चाहिए-(आज की भाषा में ‘क्रिटिकल आडिएन्स’) दोष का जानकर और रागी होना चाहिए।
यहीं से मनुष्य सहित प्रत्यक्ष जगत् की बहुता दार्शनिकों के तात्विक ऊहापोह से मुक्त हुई।
जहाँ भट्टोजि दीक्षित कृत सिद्धान्तकौमुदी में अष्टाध्यायी के समस्त ३९५५ सूत्रों की विशद व्याख्या ऊहापोह एवं शास्त्रार्थ पद्धति से की गई है वहाँ लघुकौमुदी में केवल उन्हीं सूत्रों को लिया गया है जो व्यावहारिक ज्ञान के लिए उपयोगी हैं।
तीस से पैंतीस वर्ष तक उन्हें गंभीर दार्शनिक ऊहापोह कर प्रत्ययों (Ideas) का और शिवप्रत्यय (आयडिया ऑव दी गुड) का प्रकृष्ट ज्ञान प्राप्त करना है।
ऊहापोह इनकी आलोचना पुस्तक है।