regionalisation Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
regionalisation ka kya matlab hota hai
क्षेत्रीयकरण
Noun:
रेशनलाइज़ेशन, समीकरण,
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regionalisation शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
चूंकि दूसरा नियम एक स्थिर द्रव्यमान की वस्तु पर लागू होता है, (dm /dt 0), पहला पद लुप्त हो जाता है और त्वरण की परिभाषा का उपयोग करते हुए प्रतिस्थापन के द्वारा समीकरण को संकेतों के रूप में निम्नानुसार लिखा जा सकता है।
इन्होंने एक घातीय अनिर्धार्य समीकरण का पूर्णाकों में व्यापक हल दिया, जो आधुनिक पुस्तकों में इसी रूप में पाया जाता है और अनिर्धार्य वर्ग समीकरण, K y2 + 1 x2, को भी हल करने का प्रयत्न किया।
‘ज़्यादा नियंत्रण- ज़्यादा भ्रष्टाचार’ के समीकरण को सही ठहराने के लिए तीस के दशक के अमेरिका में की गयी शराब-बंदी का उदाहरण भी दिया जाता है जिसके कारण संगठित और आर्थिक भ्रष्टाचार में अभूतपूर्व उछाल आ गया था।
(बीजगणित के जिस प्रकरण में अनिर्धार्य समीकरणों का अध्ययन किया जाता है, उसका पुराना नाम ‘कुट्टक’ है।
उन्होंने न्यूटन की सर्वसमिकाओं, न्यूटन की विधि, वर्गीकृत घन समतल वक्र (दो चरों में तीन के बहुआयामी पद) की खोज की, परिमित अंतरों के सिद्धांत में महत्वपूर्ण योगदान दिया, वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भिन्नात्मक सूचकांक का प्रयोग किया और डायोफेनताइन समीकरणों के हल को व्युत्पन्न करने के लिए निर्देशांक ज्यामिति का उपयोग किया।
ब्रह्मगुप्त ने द्विघातीय अनिर्धार्य समीकरणों (Nx2 + 1 y2) के हल की विधि भी खोज निकाली।
यह आत्मा का ब्रह्मा और उनकी अन्य अभिव्यक्तियों के साथ इस प्रकार समीकरण करता है: तुम ही ब्रह्मा हो, तुम ही विष्णु हो, तुम ही रूद्र (शिव) हो, तुम ही अग्नि, वरुण, वायु, इंद्र हो, तुम सब हो।
१८वें अध्याय, कुट्टक (बीजगणित) में आर्यभट्ट के रैखिक अनिर्धार्य समीकरण (linear indeterminate equation, equations of the form ax − by c) के हल की विधि की चर्चा है।
राजनैतिक नीति के स्तर पर, इस मुद्दे की आम तौर पर चर्चा या तो समीकरणवाद या बहुसंस्कृतिवाद के संदर्भ में की जाती है।
জজজ मगर हमें मालूम है कि आज के 4000 वर्ष पहले बेबीलोन तथा मिस्र सभ्यताएं गणित का इस्तेमाल पंचांग (कैलेंडर) बनाने के लिए किया करती थीं जिससे उन्हें पूर्व जानकारी रहती थी कि कब फसल की बुआई की जानी चाहिए या कब नील नदी में बाढ़ आएगी, या फिर इसका प्रयोग वे वर्ग समीकरणों को हल करने के लिए किया करती थीं।
यह परिवर्तन आइन्स्टीन के प्रसिद्ध समीकरण Em*c
|कैलकुलस || सदिश कैलकुलस || अवकल समीकरण || गतीय निकाय|| अक्रम सिद्धान्त (chaos theory) || समिश्र विश्लेषण।
पिण्ड और ब्रह्माण्ड के समीकरण के कारण मानव अपने व्यक्तिगत आध्यात्मिक यात्रा में भी इस संख्या को पाता है, यह वेद की धारणा है।