receivables Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
receivables ka kya matlab hota hai
प्राप्य
Noun:
प्राप्य,
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received
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receiver
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recensing
receivables शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
घग्गर-घाटी की मटियार भूमि तथा वर्षा ऋतु में भर जाने वाले तालाब तथा झीलों के तल में प्राप्य मटियार दोमट गेहूँ एवं चने की फसलों के लिए प्रसिद्ध हैं।
इसी प्रकार काशी, कोसल और विदेह के सामान्य पुरोहित जलजातूकर्ण्य का नाम शांखायन श्रौतसूत्र में प्राप्य है।
उपनिषद्यते-प्राप्यते ब्रह्मात्मभावोऽनया इति उपनिषद्।
खनिज तेल का अनुमानित भण्डार 450 लाख टन है जो पूरे भारत का लगभग 50 प्रतिशत है तथा प्रमुखतः बह्मपुत्र की ऊपरी घाटी में दिगबोई, नहरकटिया, मोशन, लक्वा, टियोक आदि के चतुर्दिक् प्राप्य है।
ईश्वर के अनुग्रह से ही यह भक्ति प्राप्य है, भक्त होना जीव के अपने वश में नहीं है।
ईश्वर के अनुग्रह से ही यह भक्ति प्राप्य है, भक्त होना जीव के अपने वश में नहीं है।
जाम्बवती विजय आज एक अप्राप्य रचना है जिसका उल्लेख राजशेखर नामक व्यक्ति ने जह्लण की सूक्ति मुक्तावली में किया है।
रोमन, अरबी एवं अन्य में यह गुण अप्राप्य है।
इसी घोषणा का सरकारी पाठ संयुक्त राष्ट्रों की इन पाँच भाषाओं में प्राप्य है: अंग्रेजी, चीनी, फ़्रांसीसी, रूसी और स्पेनी।
यह सफेद व कृष्ण वर्ण में भी प्राप्य है।
पाणिनि को दो साहित्यिक रचनाओं के लिए भी जाना जाता है, यद्यपि वे अब प्राप्य नहीं हैं।
घग्गर-घाटी की मटियार भूमि तथा वर्षा ऋतु में भर जाने वाले तालाब तथा झीलों के तल में प्राप्य मटियार दोमट गेहूँ एवं चने की फसलों के लिए प्रसिद्ध हैं।
काशींप्राप्य विमुच्येतनान्यथातीर्थकोटिभि:।
उसके समय के अनेक सुंदर संस्कृत अभिलेख प्राप्य हैं।
पाताल विजय, जो आज अप्राप्य रचना है, जिसका उल्लेख नामिसाधु ने रुद्रटकृत काव्यालंकार की टीका में किया है।
भाषा में परिवर्तन के अतिरिक्त दोनों साहित्यों में कुछ और भिन्नताएँ प्राप्य हैं:।
वसिष्ठधर्मसूत्र (७.१.२) में गृहस्थ, ब्रह्मचारी, वानप्रस्थ तथा पर्व्राािजक, इन चार आश्रमों का वर्णन किया है, किंतु आश्रम की उत्त्पति के संबंध में बतलाया है कि अंतिम दो आश्रमों का भेद प्रह्लाद के पुत्र कपिल नामक असुर ने इसलिए किया था कि देवताओं को यज्ञों का प्राप्य अंश न मिले और वे दुर्बल हो जाएँ (६.२९.३१)।
बिहार के मानसून और सिंहभूम जिले में सुवर्णरेखा नदी में भी स्वर्ण के कण प्राप्य हैं।
तत्कालीन समाज में लेखन सामग्री की दुष्प्राप्यता को ध्यान में रखकर पाणिनि ने व्याकरण को स्मृतिगम्य बनाने के लिए सूत्र शैली की सहायता ली है।
बिहार के मानसून और सिंहभूम जिले में सुवर्णरेखा नदी में भी स्वर्ण के कण प्राप्य हैं।
पदार्थधर्मसंग्रह पर आधारित चन्द्र के दशपदार्थशास्त्र का अब केवल चीनी अनुवाद प्राप्य है।
आजकल उसकी कृति का जूलियस अफ्रीकेनस, यूसीबियस तथा जोसेफस प्रभृति परवर्ती लेखकों की रचनाओं में उद्वरणों के रूप में सुरक्षित लगभग आधा भाग ही प्राप्य है।
पाणिनि को दो साहित्यिक रचनाओं के लिए भी जाना जाता है, यद्यपि वे अब प्राप्य नहीं हैं।
आजकल उसकी कृति का जूलियस अफ्रीकेनस, यूसीबियस तथा जोसेफस प्रभृति परवर्ती लेखकों की रचनाओं में उद्वरणों के रूप में सुरक्षित लगभग आधा भाग ही प्राप्य है।
इसी प्रकार काशी, कोसल और विदेह के सामान्य पुरोहित जलजातूकर्ण्य का नाम शांखायन श्रौतसूत्र में प्राप्य है।
खनिज तेल का अनुमानित भण्डार 450 लाख टन है जो पूरे भारत का लगभग 50 प्रतिशत है तथा प्रमुखतः बह्मपुत्र की ऊपरी घाटी में दिगबोई, नहरकटिया, मोशन, लक्वा, टियोक आदि के चतुर्दिक् प्राप्य है।