reasearch Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
reasearch ka kya matlab hota hai
शोध
Noun:
खोज, ऊहापोह, अन्वेषण, अनुसंधान,
Verb:
खोज करना, अन्वेषण करना, अनुसंधान करना,
People Also Search:
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reasonableness
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reasoning
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reasearch शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
जिज्ञासाओं के ऋषियों द्वारा खोजे हुए उत्तर हैं।
आचारशास्त्र का स्वतंत्र अस्तित्व करीब-करीब समाप्त हो गया और नैतिक प्रश्नों का विवेचन ईसाई धर्मशास्त्र की कुछ वादग्रस्त समस्याओं में शाब्दिक ऊहापोह तक ही सीमित रह गया।
यूनान में प्राचीनतम भाषावैज्ञानिक विवेचन प्लेटो (425-348 47 ई0 पू0) के संवाद में मिलता है, जो मुख्यतया ऊहापोहात्मक है।
ब्रह्मांड विद्या के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों (लगभग 45 वर्षों पूर्व) की खोजों के फलस्वरूप कुछ महत्वपूर्ण बातें समाने आई हैं।
तीस से पैंतीस वर्ष तक उन्हें गंभीर दार्शनिक ऊहापोह कर प्रत्ययों (Ideas) का और शिवप्रत्यय (आयडिया ऑव दी गुड) का प्रकृष्ट ज्ञान प्राप्त करना है।
आत्मा शरीर से भिन्न तत्व है और इस जीवन की समाप्ति के बाद वह परलोक को जाती है इस सिद्धांत का आभास वैदिक ऋचाओं में मिलता अवश्य है परंतु संसार में आत्मा का आवागमन क्यों होता है, इसकी खोज में वैदिक ऋषि प्रवृत्त नहीं हुए।
यह काल आरंभिक भूगोलवेत्ताओं की खोजों और अन्वेषणों द्वारा विश्व की भौतिक व सांस्कृतिक प्रकृति के बारे में वृहत ज्ञान प्रदान करता है।
आधुनिक खोजों के कारण जैसे जैसे दूरबीन की क्षमता बढ़ती जाती है, वैसे वैसे ब्रह्मांड के इस दृश्यमान क्षेत्र की सीमा बढ़ती जाती है।
क्वासर और पल्सर नामक नए तारों की खोज से भी विस्फोट सिद्धांत की पुष्टि हो रही है।
यहीं से मनुष्य सहित प्रत्यक्ष जगत् की बहुता दार्शनिकों के तात्विक ऊहापोह से मुक्त हुई।
वे कवि-हृदय ऋषियों की काव्यमय आध्यात्मिक रचनाएँ हैं, अज्ञात की खोज के प्रयास हैं, वर्णनातीत परमशक्ति को शब्दों में बाँधने की कोशिशें हैं और उस निराकार, निर्विकार, असीम, अपार को अंतर्दृष्टि से समझने और परिभाषित करने की अदम्य आकांक्षा के लेखबद्ध विवरण हैं।
करीब एक दशक की ऊहापोह के बीच 18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में एक नवंबर 1956 को पूरी हुई।
अत: काव्यशास्त्रीय चिंतन में यह वह प्रधान पक्ष है जिसके अनेक पहलुओं को लेकर पूर्व और पश्चिम के विचारक पिछले अढ़ाई हजार वर्षो से ऊहापोह करते आ रहे हैं।
इस पूरी प्रक्रिया में व्यक्ति किसी भी प्रकार के ऊहापोह अथवा असमंजस में नहीं पड़ता।
और फिर शुरू हुई इन सबके उत्तर खोजने की ललक तथा जिज्ञासु मन-मस्तिष्क की अनंत खोज यात्रा।
आंध्रभारती का संस्कृत कोश गपेषणम् : आनलाइन संस्कृत कोश शोधन ; कई कोशों में एकसाथ खोज ; देवनागरी, बंगला आदि कई भारतीय लिपियों में आउटपुट; कई प्रारूपों में इनपुट की सुविधा।
इन विद्वानों ने मानचित्रकला के विकास में योगदान दिया और नवीन स्थलों की खोज की, जिसके फलस्वरूप भूगोल एक वैज्ञानिक विषय के रूप में विकसित हुआ।
जहाँ भट्टोजि दीक्षित कृत सिद्धान्तकौमुदी में अष्टाध्यायी के समस्त ३९५५ सूत्रों की विशद व्याख्या ऊहापोह एवं शास्त्रार्थ पद्धति से की गई है वहाँ लघुकौमुदी में केवल उन्हीं सूत्रों को लिया गया है जो व्यावहारिक ज्ञान के लिए उपयोगी हैं।
व्यक्ति के पास स्वयं के हित के अनेक विकल्प होते हैं और उनमें से जब उसे यह चयन करना होता है कि क्या उसके लिए अच्छा होगा व क्या गलत, कौन-सा विकल्प हितकर होगा व कौन-सा अहितकर, कौन-सा सुगम होगा व कौन-सा जटिल तो यह असमंजस व ऊहापोह की सिथति संघर्ष पैदा करती है।
उन्होंने वर्णक्रमों के अध्ययन से खगोलीय पिंडों के वातावरण में अत्यंत महत्वपूर्ण खोजें की हैं।
गृहस्थ जीवन या संन्यास. मन में कुछ देर तक संघर्ष चला. ऊहापोह से गुजरते हुए उन्होंने उन्होंने निर्णय लिया और उसी गाड़ी में सवार हो गए।
नाट्यशास्त्र में स्पष्ट कहा है कि प्रेक्षक की सभी इन्द्रिय दुरस्त होने चाहिए, ऊहापोह में उसे पटु होना चाहिए-(आज की भाषा में ‘क्रिटिकल आडिएन्स’) दोष का जानकर और रागी होना चाहिए।
वे कवि-हृदय ऋषियों की काव्यमय आध्यात्मिक रचनाएँ हैं, अज्ञात की खोज के प्रयास हैं, वर्णनातीत परमशक्ति को शब्दों में प्रस्तुत करनेकि की कोशिशें हैं और उस निराकार, निर्विकार, असीम, अपार को अन्तरदृष्टि से समझने और परिभाषित करने की अदम्य आकांक्षा के लेखबद्ध विवरण हैं।
ऊहापोह इनकी आलोचना पुस्तक है।