ranine Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
ranine ka kya matlab hota hai
रैनिन
Noun:
नाली, खोह, कन्दरा, कन्दर, नाला,
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ranine शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
यह खोह नदी के किनारे बसा हुआ है और इसका भूतपूर्व नाम खोहद्वार (Khohdwar) था।
शिमला से दिल्ली और मनाली दोनों लगभग 7 घंटे की दूरी पर हैं।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की अनेक बसें मनाली, कुल्लू, चंडीगढ़, शिमला और दिल्ली से मंडी के लिए चलती हैं।
यह शहर कालका के उत्तर में, चण्डीगढ़ के उत्तर-पूर्व में, मनाली के दक्षिण में, और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्व में स्थित है।
मनाली, कुल्लू, बजौरा, औट, पंडोह, मंडी, सुजानपुर टीहरा, नादौन और देहरा गोपीपुर इसके प्रमुख तटीय स्थान हैं।
यहाँ से लगभग १५ मील आगे खोह से इसका संगम होता है, और फिर यह मुरादाबाद जिले में प्रवेश कर जाती है, जहाँ की जलोढ़ तराई भूमि पर यह दक्षिण-पूर्वी दिशा में बहुत ही तेज बहाव के साथ बहती है।
मंदिरों से अनोखी चीजों तक, यहां से मनोरम दृश्य और रोमांचकारी गतिविधियां मनाली को हर मौसम और सभी प्रकार के यात्रियों के बीच लोकप्रिय बनाती हैं।
लोनाली प्लैनेट द्वारा चेन्नई को दुनिया का नौवां सबसे अच्छा महानगरीय शहर भी नामित किया गया था।
राजमार्ग मंडी को पठानकोट, मनाली और चंडीगढ़ से जोड़ते हैं।
इनमें से कुछ ये हैं- जरगो बाँध, बेचूवीर धाम, भण्डारी देवी, लखनियाँ दरी, चूना दरी, गुरूद्वारा बाग सिद्धपीठ दुर्गा खोह,परमहंस स्वामी अड़गड़ानन्द आश्रम, सिद्धनाथ की दरी, सिद्धनाथ धाम ”धुईं बाबा“, शिवशंकरी धाम, गोपालपुर, सीखड़, माँ शीतला धाम, राम सरोवर इत्यादि।
हांडी खोह : यह खाई पचमढ़ी की सबसे गहरी खाई है जो 300 फीट गहरी है।
१८९७ रेलवे लाइन बन जाने के बाद नगर धीरे धीरे दाईं ओर बढ़ने लगा, और खोह नदी की पश्चिमी दिशा की ओर विकसित होने लगा।
स्थानीय लोग इसे अंधी खोह भी कहते हैं जो अपने नाम को सार्थक करती है; यहाँ बने रेलिंग प्लेटफार्म से घाटी का नजारा बहुत सुंदर दिखता है।
चुनार के आसपास सबसे ज्यादा दर्शनीय स्थानों में से एक यहाँ का प्रसिद्ध माँ दुर्गा खोह मन्दिर है जो कि चुनार बस स्टैण्ड से मात्र दो किलोमीटर शक्तेशगढ़ रोड़ पर विंध पर्वत मालाओं के मध्य स्थित है।
सुबोधचंद्र सेन गुप्त पथेरदावी में बिजली पानीवाली झंझावाती रात में सव्यसाची के निषक्रमण को भावी महानायक सुभाषचंद्र बोस के पलायन के एक रूपक के तौर पर देखते हैं, जबकि यशपाल सव्यसाची के अतिमानवीय से लगने वाले कार्य-कलापों और खोह-खंडहरों में बिताए जानेवाले जीवन को वास्तविक और प्रामाणिक नहीं मानते।
मनाली, कुल्लू, बजौरा, औट, पंडोह, मंडी, कांढापतन ( मिनी हरिद्धार ), सुजानपुर टीहरा, नादौन और देहरा गोपीपुर इसके प्रमुख तटीय स्थान हैं।
कुल्लू-मनाली विमानक्षेत्र, भुंतर, कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)।
इनमें से पूर्वोंक्त प्रजातिवाले कंगारू पहाड़ की खोहों में और दूसरे घास के मैदानों में रहते हैं।
मनाली कुल्लू घाटी के उत्तर में स्थित हिमाचल प्रदेश का लोकप्रिय हिल स्टेशन है।
कुल्लू से उत्तर दिशा में केवल 40 किलो मीटर की दूरी पर लेह की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर घाटी के सिरे के पास मनाली स्थित है।
कोटद्वार का पुराना नगर खोह तथा गिवइन शोत नदियों के संगम पर स्थित था।
समुद्र तल से 2050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मनाली व्यास नदी के किनारे बसा है।
भुंतर (कुल्लू मनाली)।
सड़क मार्ग से चंडीगढ़, पठानकोट, शिमला, कुल्लू, मनाली और दिल्ली से मंडी पहुंचा जा सकता है।
ऐसी मान्यता है कि मूल तना के जड़ की खोह में नागदेवी एवं नागदेवता का निवास है प्रतिवर्ष नागपंचमी के दिन यहाँ एक मेले जैसा दृश्य होता है।
चत्रंग तालाब के समीप ही बीका खोह नामक बूर्ज है।