rajab Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
rajab ka kya matlab hota hai
राजब
Noun:
रजब,
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rajab शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इनके अलावा अन्य समूहों में बियाट, कोच, संबंधित राजबोंगशी, बोरो, हाजोंग, दीमासा, कुकी, लखार, तीवा (लालुंग), करबी, राभा और नेपाली शामिल हैं।
रवींद्रनाथ टैगोर ने पश्चिमी हिंदी (ब्रज भाषा) और पुरातन बंगाली के मिश्रण में अपने भानुसिंघा ठाकुरर पदाबली (1884) की रचना की और विद्यापति की नकल के रूप में ब्रजबोली भाषा का नाम दिया (उन्होंने शुरू में इन गीतों को उन गीतों के रूप में बढ़ावा दिया एक नए खोजे गए कवि, भानुसिंघा)।
इसका रूट गलगलिया के पास - बघदोघरा - चलसा - नगरकाटा - गोयेरकाटा - डल्गाँव - हसीमरा - राजबात खवा - कोचगाँव - सिदिली - बिजनी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 31 तक है।
वैष्णव साधु समाज की जो भाषा बनी उसका नाम ब्रजबुलि है।
शंकरदेव की रचनाओं में ब्रजबुलि प्रयोगों का बाहुल्य है।
इसलिए उपर्युक्त मतों का खण्डन बड़े ही समवेत स्वर में भारतीय विचारक डॉ० राजबली पाण्डेय, डॉ० गौरीशंकर हीराचन्द ओझा तथा डॉ० ए० सी० दास आदि ने किया है।
ब्रजबोली में सबसे प्रारंभिक रचना, विद्यापति द्वारा लोकप्रिय एक कृत्रिम साहित्यिक भाषा, रामानंदा राय, ओडिशा के राजा, गजपति प्रतापरुद्र देव के गोदावरी प्रांत के राज्यपाल के रूप में वर्णित है।
यह स्थान राजबाड़े से लगभग १०० मीटर की दूरी पर है।
नतीजतन, एक कृत्रिम साहित्यिक भाषा, जिसे ब्रजबोली के रूप में जाना जाता है, सोलहवीं शताब्दी में विकसित की गई थी।
चित्र:Peacock on a brass chariot of Searsole Rajbari, West Bengal, India.jpg|thumb|पीतल के रथ पर मोर, सियरसोल राजबाड़ी, पश्चिम बंगाल, भारत।
चित्र:Matsya Avatar on a Brass Chariot(Rath) of Searsole Rajbari, West Bengal, India.jpg|thumb|पीतल के रथ पर मत्स्य अवतार, सियरसोल राजबाड़ी, पश्चिम बंगाल, भारत।
बंगाल पुनर्जागरण जैसे बंकिम चंद्र चटर्जी में १९वीं शताब्दी के अन्य आंकड़े भी ब्रजबोली में लिखे गए हैं।
बंगाल के कविवृंद मैथिली, बंगाली और ब्रजभाषा के मेल से घटित ब्रजबुली शैली को अपनाने लगे।
यहां स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर, पुराण राजबरी, जम्पुई पर्वत और भवतरिणी मंदिर आदि काफी प्रसिद्ध है।
राजबन्दी के रूप में डेढ़ वर्ष की सजा हुई।
ब्रजबोली मूल रूप से मैथिली है (जैसा कि मध्ययुगीन काल के दौरान प्रचलित था) लेकिन इसके रूपों को बंगाली की तरह दिखने के लिए संशोधित किया गया है।
* कूचबिहार (কোচবিহার, राजबंग्शी/कामतापुरी: কোচবিহার) भारत के पश्चिम बंगाल प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित कूचबिहार ज़िले का एक नगर है, जो उस ज़िले का मुख्यालय भी है।
उन्होंने चैतन्य महाप्रभु को अपनी ब्रजबोली कविताओं का पाठ किया, जब वे पहली बार उनसे गोदावरी नदी के किनारे राजमुंदरी में मिले, जो कि १५११-१२ में ओडिशा राज्य की दक्षिणी प्रांतीय राजधानी थी।
इसी समय के लगभग बँगला पर "ब्रजबुलि" का भी प्रभाव पड़ा।
20वीं शताब्दी में विश्वकवि रवींद्र ने "भानुसिंहेर पदावली" के नाम से कई सुंदर ब्रजबुलीद पद लिखे।
कूचबिहार राजबाड़ी कूच बिहार के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है।
वहाँ आने के पश्चात् उनका पंजाब के अन्य राजबंदियों से परिचय हुआ।