quatorzain Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
quatorzain ka kya matlab hota hai
क्वाटर्ज़ैन
Noun:
चतुष्पदी, रुबाई,
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quatorzain शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसने रुबाई नामक छंद निकाला, जिसने बाद में विशेष उन्नति की।
उन्होंने कविताओं की रुबाई शैली में महारत हासिल की और विज्ञान में कई योग दान दिए - जिसमें बीजगणित और खनिज-शास्त्र भी शामिल हैं।
वो चाहे गजल, नजम, रुबाई या क़ित हो उनका अपना ही एक अलग अन्दाज़ था।
नसीमी की रुबाईयां अज़रबैजान लोक कविता – बायाती के बहुत करीब हैं।
इनकी रुबाईयों (चार पंक्तियों में लिखी एक प्रकार की कविता) को विश्व स्तरीय करने में अंग्रेज़ी कवि एडवर्ड फ़िज़्ज़ेराल का बहुत योगदान रहा है।
हेलन - रुबाई (कैबरे नर्तकी)।
एकपदीं द्विपदीं त्रिपदीं चतुष्पदीम्, अष्टापदीं भ्ाुवनानु प्रथन्ता स्वाहा।
इनके अतिरिक्त अहोरात्रवाद, गीताविज्ञानभाष्य, शारिरकविज्ञानभाष्य, ब्रह्मविज्ञान प्रवेशिका, ब्रह्मविज्ञान, ब्रह्मचतुष्पदी, ब्रह्मसमंवय, देवतानिवित्, वैदिक कोष, कादम्बिनी आदि लगभग 120 प्राप्य रचनाएं हैं।
अकेले १० पृष्ठों में तो इस पुस्तक की विषयसूची ही है- जिस में 'आमुख वीथी/चतुष्पदी चत्वरः, मंगल-चत्वरः, नगरवीथी, राजवीथी, उत्सववीथी, नागरिकवीथी, उद्यानवीथी, अभिनन्दनवीथी और व्रजकवितावीथी जैसे अध्याय हैं।
इसमें कई शैलियों की पुरानी तुर्की रुबाईयाँ लिखी हुई हैं और तुर्क लोगों के निवास क्षेत्रों का सबसे पहला ज्ञात नक़्शा भी है।
शाकभक्षियों में अन्धांत्र (या जुगाली करने वाले चतुष्पदी पशुओं में जठरांत) विकसित हुए हैं।
रचनाओं को विधाओं (जैसेकि दोहा, सोरठा, पद, चौपाई, रुबाई, ग़ज़ल, नज़्म, त्रिवेणी, सॉनेट, नवगीत इत्यादि) के आधार पर भी वर्गीकृत किया जाता है।
ये ऐसे चतुष्पदीय जीव थे जिनका जीवन ट्राइऐसिक कल्प में, बहुत बड़े परिणाम में, थलीय से जलीय जीवन में बदल गया।
वैसे तो उन्होंने गीत, गजल, सॉनेट, कुंडलियां, बरवै, मुक्त छंद जैसे कविता के तमाम माध्यमों में लिखा, लेकिन सॉनेट (चतुष्पदी) के कारण वह ज्यादा जाने गए।
इसके लिए उन्होंने रोला छंद को आधार बनाया तथा बोलचाल की भाषा और लय का प्रयोग करते हुए चतुष्पदी को लोकरंग में रंगने का काम किया।
उर्दू ग़ज़ल के अतिरिक्त सीमाब की दिखाई हुई राह पर चलते हुए ज़िया ने भी क़ता, रुबाई और नज्में लिखीं जिन में सानेट और गीत भी शामिल हैं जो कि अब भारतीय साहित्य का एक अटूट अंग हैं।
उन्होंने ग़ज़लें और रुबाई लिखी।
हाँलांकि सौदा ने मसनवी, क़सीदे, मर्सिया तर्जीहबन्द, मुख़म्मस, रुबाई, क़ता और हिजो तक लिखा है।
ॐ मायो भवाय चतुष्पदी भव सा मामनुव्रता भव।
इस नाटक में कालिदास द्वारा स्वांग, चतुष्पदी छन्द तथा गायन के साथ अभिनय के भी संकेत किये गए हैं, जो इंगित करते हैं कि उस युग में भी लोकनाट्य के तत्व विद्यमान थे।
द्रुपदी चतुष्पदी - कनककुशल।
न्यायरत्न संस्कृत-आधारित शिक्षा के पारंपरिक केंद्रों में पढ़ाते थे जिन्हें "टोल-चतुष्पदी" कहा जाता था।
जुगाली करने वाले चतुष्पदी प्राणी जो रेशेदार पदार्थों (मुख्य रूप से सेल्यूलोज़) को पचा सकते हैं, वे अग्रोदर और जुगाली का उपयोग करके इस विभाजन को और आगे बढ़ाते हैं।
पृथ्वीराज ने कान्यकुब्ज (कनौज) नगर के द्वार, प्रासाद (महल), विशाल भवन, चतुष्पदी (चौराहे) और उद्यान देखें एवं कान्यकुब्ज (कनौज) नगर में भ्रमण करते हुए उन्होंने नगर के विषय में सूचनायेँ एकत्र कर ली।