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prase Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


prase ka kya matlab hota hai


प्रशंसा

Noun:

चन्द्रमा की कला, रूप, पहलू, स्थिति, अवस्था,



prase शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र में उन शब्दों को ‘देशी’ कहा है जो संस्कृत के तत्सम एवं सद्भव रूपों से भिन्न हैं।

हिन्दू धर्म हिन्दी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिंदी कहा जाता है, विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है।

यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं।

हिन्दू ज्योतिष चान्द्र-सौर पञ्चाङ्ग (lunisolar calendar) उन पंचांगों को कहते हैं जिसकी तिथियाँ चन्द्रमा की कला भी दर्शातीं हैं और सौर वर्ष का समय भी।

फरवरी 2019 में अबू धाबी में हिन्दी को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।

भाषाशास्त्र के अनुसार हिन्दी के चार प्रमुख रूप या शैलियाँ हैं :।

हिन्दी भारत में सम्पर्क भाषा का कार्य करती है और कुछ हद तक पूरे भारत में सामान्यतः एक सरल रूप में समझी जानेवाली भाषा है।

हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है।

) उसने पारिजात वृक्ष के पल्लवों से लाल रंग (आनन्द के लिये आकर्षण का गुण) ले लिया, चन्द्रमा की कला उसकी एकान्तवक्रता ले ली, उच्चैःश्रवा से उसकी चंचलता ग्रहण कर लिया, कालकूट से मोहने की शक्ति और मदिरा (वारुणी) से उसका मद ले लिया, कौस्तुभ मणि से उसकी कठोरता (निठुरता) ले ली।

इसके अतिरिक्त भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में 14 करोड़ 10 लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, व्याकरण के आधार पर हिन्दी के समान है, एवं दोनों ही हिन्दुस्तानी भाषा की परस्पर-सुबोध्य रूप हैं।

(2) दक्खिनी - उर्दू-हिन्दी का वह रूप जो हैदराबाद और उसके आसपास की जगहों में बोला जाता है।

अपभ्रंश का जो भी कथ्य रूप था - वही आधुनिक बोलियों में विकसित हुआ।

अफ़गानिस्तान के बाद सिन्धु नदी के इस पार हिन्दुस्तान के पूरे इलाके को प्राचीन फ़ारसी साहित्य में भी 'हिन्द', 'हिन्दुश' के नामों से पुकारा गया है तथा यहाँ की किसी भी वस्तु, भाषा, विचार को विशेषण के रूप में 'हिन्दीक' कहा गया है जिसका मतलब है 'हिन्द का' या 'हिन्द से'।

यही भाषाएँ बाद में विकसित होकर आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं के रूप में अभिहित हुईं।

चन्द्रमा की कला (घटने व बढ़ने) के अनुसार माह में दिनों की संख्या निर्धारित होती है |।

चन्द्रमा के प्रकाशित भाग के घटने-बढ़ने को ‘चन्द्रमा की कलाएँ’ (Phases of Moon) कहते हैं।

यूनानी शब्द ‘इण्डिका’ या लैटिन 'इण्डेया' या अंग्रेजी शब्द ‘इण्डिया’ आदि इस ‘हिन्दीक’ के ही दूसरे रूप हैं।

2) कवल चंद्रायण व्रत : 3 उपवास 28 उनोदर (चन्द्रमा की कलाओ के सामान ग्रास बढाना और फिर घटाना होता है) अवधी :31 दिन।

(1) मानक हिन्दी - हिन्दी का मानकीकृत रूप, जिसकी लिपि देवनागरी है।

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