portside Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
portside ka kya matlab hota hai
पोर्टसाइड
Noun:
संसार,
Adjective:
पराया, बाहर का,
People Also Search:
portsmouthportugal
portugee
portuguese
portuguese guinea
portuguese monetary unit
portuguese republic
portulaca
portulacaceae
portulacas
porty
pory
pos
posada
posadas
portside शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
उनकी स्पष्ट धारणा थी कि देवनागरी लिपि भारत ही नहीं, संसार की सर्वाधिक वैज्ञानिक लिपि है।
|1971 || पराया धन || शंकर ||।
निघण्टु पर महर्षि यास्क की व्याख्या निरुक्त संसार का पहला शब्दार्थ कोश (डिक्शनरी) एवं विश्वकोश (ऐनसाइक्लोपीडिया) है।
|1971 || पराया धन || थानेदार ||।
|1971 || पराया धन || ||।
इन्होने कई फिल्में की जैसे वीर सावरकर (1982), बेज़ुबान (1976), चरस (1975), संन्यासी (1972), बे-ईमान (1972), मोम की गुड़िया (1971), आप आये बहार आई (1971 ), पराया धन (1970 ), पवित्र पापी (1966 ), 'यह रात फिर न आएगी' आदि।
उसकी सुन्दर छवि को देखकर गोपियों का तन मन सभी कुछ पराया हो जाता है वे सदा श्रीकृष्ण के दर्शन करना चाहती हैं।
हिन्दी की बोलियाँ और उन बोलियों की उपबोलियाँ हैं जो न केवल अपने में एक बड़ी परम्परा, इतिहास, सभ्यता को समेटे हुए हैं वरन स्वतन्त्रता संग्राम, जनसंघर्ष, वर्तमान के बाजारवाद के विरुद्ध भी उसका रचना संसार सचेत है।
आचार्य विनोबा भावे संसार की अनेक लिपियों के जानकार थे।
नारी नारीत्व 2.सर्वनाम से- अपना अपनापन, अपनत्व निज निजत्व,निजतापराया परायापन।
हिन्दू धर्म के अनुसार संसार के सभी प्राणियों में आत्मा होती है।
मेरे बच्चे कोई पराया नहीं है , पूरी दुनिया तुम्हारी अपनी है।
आत्मा शरीर से भिन्न तत्व है और इस जीवन की समाप्ति के बाद वह परलोक को जाती है इस सिद्धांत का आभास वैदिक ऋचाओं में मिलता अवश्य है परंतु संसार में आत्मा का आवागमन क्यों होता है, इसकी खोज में वैदिक ऋषि प्रवृत्त नहीं हुए।
प्रजापति कश्यप का निघण्टु संसार का प्राचीनतम शब्द संकलन है।
अरुणाचल प्रदेश में फिल्माई गई फिल्में पराया धन 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।
यह संसार की सबसे ऊँची पर्वतमाला है और इसमें अनेक चोटियाँ २४,००० फुट से अधिक ऊँची हैं।
उनके उपन्यास पर आधारित अन्य फिल्मों में निष्कृति, और अपना पराया (1980) हैं, जो अमोल पालेकर मुख्य भूमिका में हैं।
किसी भी भाषा का टेक्स्ट पूरे संसार में बिना भ्रष्ट हुए चल जाता है।
भारतीय मूल के लोग संसार में जहां-जहां भी रहते हैं, वे देवनागरी से परिचय रखते हैं, विशेषकर मारीशस, सूरीनाम, फिजी, गुयाना, त्रिनिदाद, टोबैगो आदि के लोग।
चाहे अपना हो या पराया किसी को आप सहयोग कर सकते हैं।
इस महान शृंखला की सशक्त कड़ी है छठी या सातवीं सदी में लिखा अमर सिंह कृत नामलिंगानुशासन या त्रिकाण्ड जिसे सारा संसार 'अमरकोश' के नाम से जानता है।
कोई भी दूसरा या पराया नहीं है।
पता नहीं कि संसार के किसी देश में इतने काल तक, इतनी दूरी तक व्याप्त, इतने उत्तम मस्तिष्क में विचरण करने वाली कोई भाषा है या नहीं।
भारत के बाहर संसार में शब्द संकलन का एक प्राचीन प्रयास अक्कादियाई संस्कृति की शब्द सूची है।