plapping Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
plapping ka kya matlab hota hai
फड़फड़ा
Noun:
ताली,
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plapping शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
पर आज भी, नव्य या आधुनिक भारतीय भाषाओं के कोश उस स्तर तक नहीं पहुँच पाए हैं जहाँ तक आक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी अथवा रूसी, अमेरिकन, जर्मन, इताली, फ़्रांसीसी आदि भाषाओं के उत्कृष्ट और अत्यन्त विकसित कोश पहुँच चुके हैं।
फड़फड़ाते चकोर को पकड़ने के लिए शिकारी चिड़िया चकोर के पास आती है।
मिताली राज, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी।
सामान्यतः, इलेक्ट्रॉनिक्स जो एक तुल्यरूप संकेत को डिजिटाइस करते हैं, वे थर्मल शोर, फड़फड़ाहट शोर और गोली के शोर जैसे कई शोर स्रोतों से पीड़ित होते है।
भारत की नदियाँ राँची (संताली: ᱨᱟᱺᱪᱤ) भारत का एक महानगर और झारखंड प्रदेश की राजधानी है।
नर अपने पंखों का प्रदर्शन करता है; और ताल में तब तक बारी-बारी से पहले एक फिर दूसरा पंख फड़फड़ाता है जब तक वह किसी मादा को रिझा नहीं लेता है।
संख्या की दृष्टि से इस परिवार की सबसे बड़ी भाषा संथाली या संताली है।
इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हो, मुंडारी, संथाली या संताली, खड़िया, सावरा इत्यादी भाषायें हैं।
उड़ते समय यह किसी बाज़, खासतौर पर शिकरा, की तरह उड़ता है यानि पर फड़फड़ाकर फिर उन्हें फैलाकर उड़ता है।
अकबर ने सदा की तरह अपना आखिरी हथियार रहीम खाने खाना को सलीम का अतालीक नियुक्त किया।
फिर वह ज़ोर-ज़ोर से अपने पंख फड़फड़ाता है ताकि ज़मीन में घोंसले के लिए जगह साफ़ कर सके।
संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, हरियाणवी, बुंदेली भाषा, डोगरी, खस, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली भाषाएँ), तमांग भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, नागपुरी, मैथिली, संताली, राजस्थानी भाषा, बघेली आदि भाषाएँ और स्थानीय बोलियाँ भी देवनागरी में लिखी जाती हैं।
चकोर वहाँ फड़फड़ाता है और इस प्रकार ऊपर उड़ते हुए शिकारी पक्षियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।
‘भरी पर ताली दी जाती हैं।
ये इसे विभिन्न तरह से पंखो को फड़फड़ा के, अपने स्थान पर कूद के और थोड़ी दूरी तक गोलाई में दौड़ कर और छोटे घास एवं लकड़ियों को उछाल कर पूरा करते हैं।
‘ताल’ में खाली उम भाग को कहते हैं जिस पर ताली नहीं दी जाती और जिससे गायक को सम के आने का आभास हो जाता है।
नर फिर से बारी-बारी से पहले एक फिर दूसरा पंख फड़फड़ाता है और अपनी चोंच ज़मीन पर मारता है।
उन्होंने मक्खियों की गतिविधियों को समीप से देखा क्योंकि वे फूल के भीतर एक फड़फड़ाहट के साथ उतर कर कार्य कर रही थीं और इस प्रकिया में मकरंद का स्थांतरण हो रहा था।
इसके अलावा, तम्बू के कपड़े की निरंतर फड़फड़ाहट से नींद में बाधा उत्पन्न हो सकती है तथा आश्रय की सुरक्षा के प्रति आशंका बढ़ सकती है।
शिक्षण संस्थान सरहुल या बाहा पोरोब (संताली: ᱵᱟᱦᱟ) मध्य-पूर्व भारत के आदिवासियों का एक प्रमुख पर्व है जो झारखंड, उड़ीसा, बंगाल और मध्य भारत के आदिवासी क्षेत्रों में मनाया जाता है।