pistache Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
pistache ka kya matlab hota hai
पिस्ता
Noun:
श्मश्रु, मूंछे, मूंछ,
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pistache शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
पान का राजा एकमात्र राजा है जिसकी मूंछें नहीं हैं और साथ ही ख़ास ढंग से उसके सिर के पीछे एक तलवार दिखाया गया है, मानो वह खुद को ही चोट पहुंचा रहा हो. इस कारण उसका उपनाम "आत्महंता राजा" हो गया।
पुरुष अपने बालों को छोटा और आमतौर पर, खेल दाढ़ी और छोटी मूंछें पहनते हैं।
ऋग्वेद में उल्लिखित इन्द्र के 'हरिश्मश्रु' होने का कथात्मक समर्थन महाभारत में भी मिलता है।
जैसे-भक्त की टेर, पत्रकार, प्रतिहिंसा, सहचर, हवा, आविष्कार, कथा, कार्य कुशलता, वोटर, मद, हिसाब-किताब, प्रमेला, वशीकरण, कम्यूनिस्ट सभा, वैषम्य, भक्षक-रक्षक, चलते-फिरते, वाह री होली, अवसरवाद, रक्षा-बन्धन, मनुष्य, स्वयं सेवक, मूंछें, विजय दशमी आदि।
पान के राजा की मूंछें न होना जैसी कुछ विचित्रताओं का भी कोई महत्व नहीं. मूल रूप से पान के राजा की मूंछ हुआ करती थी, मगर मूल प्रति की खराब नकल के कारण यह गायब हो गयी।
इसलिए कहा भी है कि शास्त्रोक्त विधि से भली-भाँति व्रत का आचरण करने वाला ब्रह्मचारी इस केशान्त-संस्कार में सिर के केशों को तथा श्मश्रु के बालों को कटवाता है।
ऋग्वेद में अग्नि को धृतपृष्ठ, शोचिषकेश, रक्तश्मश्रु,रक्तदन्त, गृहपति, देवदूत, हव्यवाहन, समिधान, जातवेदा, विश्वपति, दमूनस, यविष्ठय, मेध्य आदि नामों से सम्बोधि्ात किया गया है।
पह्लव उनकी आज्ञा से 'श्मश्रुधारी' हुए और पारद 'मुक्तकेश' रहने लगे।
इस ऊंट मेले के कुछ मुख्य आकर्षण मटकीफोड़, मूंछें और दुल्हन की प्रतियोगिताएं हैं।
इनमें सबसे उल्लेखनीय रहा नोइरिन केली द्वारा अपनी भौहों को साफ़ करना और अपने चेहरे पर मूंछें तथा चश्मे की चित्रकारी करना. यह काम उसे लगभग तीन हफ्ते तक करते रहना पडा जब तक कि उसने इसे बंद करने का एक अवसर जीत न लिया।
वो एक ऐसे पुरुष की विवाहिता है जो मूंछें रखता है।
यहाँ कहा गया है कि गौतम के शाप के कारण ही इन्द्र को हरिश्मश्रु (हरी दाढ़ी-मूँछों से युक्त) होना पड़ा।
| अचरज || आश्चर्य || गँवार || ग्रामीण || पनसारी || पण्यशालिका || मूंछ || श्मश्रु।
उसे अपनी लम्बी घनी मूंछे बहुत पसन्द थीं।
यह चरित्र एक तंग कोट, बड़ी पतलून और जूते और एक डर्बी पहनता है; एक बांस की छड़ी; और एक अनोखी टूथब्रश मूंछें हैं।
वह और पास आया तो मैंने गौर से देखा-दानेदार रेगमाल की तरह खुरदरी मुंह की खाल, कोयले की महीन कनियों-सी बढ़ी हुई दाढ़ी और मूंछें।
जानवरों को भव्य रूप से सजाया जाता है और यहां तक कि उनके मालिक भी रंगीन पगड़ी और लंबी मूंछें पहनकर तैयार होते हैं।
तथा यह जो आदित्यमण्डल के अन्तर्गत सुवर्णमय-सा पुरुष दिखाई देता है, जो सुवर्ण के समान श्मश्रुओंवाला और स्वर्णसदृश केशोंवाला है तथा जो नखपर्यन्त सारा-का-सारा सुवर्ण-सा ही है ।