peenge Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
peenge ka kya matlab hota hai
पेंग
Noun:
न्यास, प्रण, संकल्प, बंधक, रेहन, प्रतिज्ञा,
Verb:
प्रतिज्ञा करना, वचन देना, धरना, बंधक करना, ज़मानत देना,
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peenge शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
यह ऐसे उपन्यास से लिया गया है जो कि मुस्लिम विरोधी है।
संस्कृत को संस्कारित करने वाले भी कोई साधारण भाषाविद् नहीं बल्कि महर्षि पाणिनि, महर्षि कात्यायन और योगशास्त्र के प्रणेता महर्षि पतंजलि हैं।
कुण्डिक साम वेद, संन्यास उपिनषद्।
ये संकेत लिपि प्रणालियां परस्पर विरोधी भी हैं।
बहुदलीय प्रणाली वाले इस संसदीय गणराज्य में छ: मान्यता-प्राप्त राष्ट्रीय पार्टियां, और ४० से भी ज़्यादा क्षेत्रीय पार्टियां हैं।
१९६-संन्यासोपनिषद् (अध्यायात्मक) (सामवेद)।
उन्होंने १८८२ में जब आनन्द मठ नामक बाँग्ला उपन्यास लिखा तब मातृभूमि के प्रेम से ओतप्रोत इस गीत को भी उसमें शामिल कर लिया।
परब्रह्म अथर्व वेद, संन्यास उपिनषद्।
अवधूत कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
परमहंस-परिव्राजक अथर्व वेद, संन्यास उपिनषद्।
इससे आँकड़ों को बिना किसी बाधा के विभिन्न प्रणालियों से होकर ले जाया जा सकता है।
अर्थात-- गोमाता में जिसकी भक्ति हो, प्रणव जिसका पूज्य मन्त्र हो, पुनर्जन्म में जिसका विश्वास हो--वही हिन्दू है।
१९७-संन्यासोपनिषद् (वाक्यात्मक)।
मैत्रेय साम वेद, संन्यास उपिनषद्।
चौथी-पांचवी शताब्दी के बीच गुप्त साम्राज्य ने वृहद् गंगा के मैदानी क्षेत्र में प्रशासन तथा कर निर्धारण की एक जटिल प्रणाली बनाई; यह प्रणाली बाद के भारतीय राज्यों के लिए एक आदर्श बन गई।
गोषु भक्तिर्भवेद्यस्य प्रणवे च दृढ़ा मतिः।
भिक्षुक (६०) शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
याज्ञवल्क्य शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
" किन्तु उपन्यास में इस गीत के आगे जो पद लिखे गये थे वे उपन्यास की मूल भाषा अर्थात् बाँग्ला में ही थे।
भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसकी द्विसदनात्मक संसद वेस्टमिन्स्टर शैली की संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है।
यह कई संचालन प्रणालियों, सभी आधुनिक ब्राउजरों और कई अन्य उत्पादों में होता है।
ज्ञानमण्डल के बृहद् हिन्दी शब्दकोश में पेटेवाली प्रणाली शुरू की गई है।
उपन्यास में यह गीत भवानन्द नाम का एक संन्यासी विद्रोही गाता है।
यह उपन्यास अंग्रेजी शासन, जमींदारों के शोषण व प्राकृतिक प्रकोप (अकाल) में मर रही जनता को जागृत करने।
६१-गुह्यषोढ़ान्यासोपनिषद्।
तेजो-बिन्दु कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
इसमें पर्याप्त सार्वजनिक श्रव्य प्रणाली होगी ताकि कॉयर के साथ मिलकर विभिन्न अवसरों पर जनसमूह गा सके);।
ब्रह्म कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
शात्यायिन शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्।
आनन्द मठ उपन्यास को लेकर भी कुछ विवाद हैं, कुछ कट्टर लोग इसे मुस्लिम विरोधी मानते हैं।
यूनिकोड का आविष्कार होने से पहले, ऐसे नंबर देने के लिए सैंकडों विभिन्न संकेत लिपि प्रणालियां थीं।
निर्वाण ऋग् वेद, संन्यास उपिनषद्।
आरुणेय साम वेद, संन्यास उपिनषद्।
संन्यास साम वेद, संन्यास उपिनषद्।
तुरीयातीत शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
वराह कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
अन्य सभी भारतीय भाषाओं की तरह हिन्दी में भी कर्ता-कर्म-क्रिया वाला वाक्यविन्यास है।
अक्षरों की क्रम व्यवस्था (विन्यास) भी बहुत ही वैज्ञानिक है।
जाबाल (यजुर्वेद) शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
परिव्रात् (नारदपरिव्राजक) अथर्व वेद, संन्यास उपिनषद्।
भारतीय संख्या प्रणाली।
इस उपन्यास में यह गीत भवानन्द नाम के संन्यासी द्वारा गाया गया है।
कठरुद्र कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
रबीन्द्रनाथ ठाकुर की कृतियाँ वन्दे मातरम् ( बाँग्ला: বন্দে মাতরম) बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा संस्कृत बाँग्ला मिश्रित भाषा में रचित इस गीत का प्रकाशन सन् १८८२ में उनके उपन्यास आनन्द मठ में अन्तर्निहित गीत के रूप में हुआ था।
परमहंस शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
अद्वयतारक शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।
हेतु अचानक उठ खड़े हुए संन्यासी विद्रोह पर आधारित था।
स्वर और व्यंजन में तर्कसंगत एवं वैज्ञानिक क्रम-विन्यास - देवनागरी के वर्णों का क्रमविन्यास उनके उच्चारण के स्थान (ओष्ठ्य, दन्त्य, तालव्य, मूर्धन्य आदि) को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
इसके अलावा उनका यह भी मानना था कि यह गीत जिस आनन्द मठ उपन्यास से लिया गया है वह मुसलमानों के खिलाफ लिखा गया है।