pawa Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
pawa ka kya matlab hota hai
बरतन
Noun:
बाबू, अब्बा, बाबा,
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pawa शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
बाबू संस्कृति और बंगाली पुनर्जागरण।
इनमें से कई कवि सूफी विचारदारा से ओतप्रोत थे और अब्बासी शासन के अलावा कईयों को मंगोलों का जुल्म भी सहना पड़ा था।
इस तथ्यात्मक इतिहास का उल्लेख बंकिम बाबू ने 'आनन्द मठ' के तीसरे संस्करण में स्वयं ही कर दिया था।
अबुल अब्बास के वंशजों ने कई सदियों तक राज किया।
चार दिल चार राहें का निर्देशन ख्वाजा अहमद अब्बास ने किया, जिसमें स्टार मीना कुमारी, राज कपूर, शम्मी कपूर, कुमकुम और निम्मी थे।
अरब शासन के समय यहाँ इस्लाम धर्म आया और बगदाद अब्बासी खिलाफत की राजधानी रहा।
उसका वंश अब्बासी (अब्बासिद) वंश कहलाया और उन्होंने अपनी राजदानी बगदाद में स्थापित की।
मूल रूप से "बाबू" उन लोगों को कहा जाता था जो पश्चिमी ढंग की शिक्षा पाकर भारतीय मूल्यों को हिकारत की दृष्टि से देखते थे और खुद को ज्यादा से ज्याद पश्चिमी रंग ढंग में ढालने की कोशिश करते थे।
उन्होंने सन् 749-50 के बीच उम्मयदों को हरा दिया और एक नया खलीफ़ा घोषित किया - अबुल अब्बास।
अब्बासिद के आदेश पर अल-फ़ज़री ने इसका अरबी भाषा में अनुवाद किया।
अमिताभ ने फ़िल्मों में अपने कैरियर की शुरूआत ख्वाज़ा अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी फिल्म सात हिन्दुस्तानी के सात कलाकारों में एक कलाकार के रूप में की, उत्पल दत्त, मधु और जलाल आगा जैसे कलाकारों के साथ अभिनय कर के।
किन्तु मैथिली के सर्वांगीण विकास मे बाबू भोलालाल दास का जो योगदान है वह अप्रतिम है।
अबुल अब्बास अली और हुसैन का वंशज तो नही पर मुहम्मद साहब के एक और फरीक का वंशज था।
इसी दौरान बंगाल और खासकर कोलकाता में बाबू संस्कृति का विकास हुआ जो ब्रिटिश उदारवाद और बंगाली समाज के आंतरिक उथल पुथल का नतीजा थी जिसमे बंगाली जमींदारी प्रथा हिंदू धर्म के सामाजिक, राजनैतिक और नैतिक मूल्यों में उठापटक चल रही थी।
१८५७ के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजनगर से उत्तर खजौली, दक्षिण मधुबनी, पूरव बाबूबरही और पश्चिम रहिका ब्लाक है।
रोशन अब्बास, रेडियो जॉकी / फिल्म निर्देशक।
अब्बासिद ख़लीफ़ा अल-मंसूर (७१२-७७५ ईस्वी) ने बग़दाद की स्थापना की और इसे शिक्षा के केन्द्र के रूप में विकसित किया।
फ़ारस पर भी अरबों का प्रभुत्व हो गया और 762 में बग़दाद इस्लामी अब्बासी ख़िलाफ़त की राजधानी बनी।
भारतीय लेखकों में प्रमुख बाबू गुलाबराय की जन्म और कर्म भूमि यही थी।
राजा के छोटे भाई और संबंधियों को परगना दे दिया जाता था जिसके मालिक को बाबूसाहब कहा जाता था।
ये स्थल चंदनकियारी के बाबूडीह ग्राम में हैं।
प्रखंड- मधुबनी सदर (रहिका), पंडौल, बिस्फी, जयनगर, लदनिया, लौकहा, झंझारपुर, बेनीपट्टी, बासोपट्टी, राजनगर, मधेपुर, अंधराठाढ़ी, बाबूबरही, खुटौना, खजौली, घोघरडीहा, मधवापुर, हरलाखी, लौकही, लखनौर, फुलपरास, कलुआही।
NTR के दामाद चंद्रबाबू नायडू ने राजनीतिक तिकड़म भिड़ा कर, पीठ पीछे वार करते हुए उनसे सत्ता छीन ली।
उम्मयद वंश के बाद अब्बासी वंश ७५० में सत्ता में आया।