paragogue Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
paragogue ka kya matlab hota hai
पैरागॉग
Noun:
उस्ताद, शिक्षाशास्री, शिक्षाविशारद, अध्यापक,
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paragogue शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
पर्वत अनंत पई (17 सितम्बर 1929, कार्कल, कर्नाटक — 24 फ़रवरी 2011, मुंबई), जो अंकल पई के नाम से लोकप्रिय थे, भारतीय शिक्षाशास्री और कॉमिक्स, ख़ासकर अमर चित्र कथा श्रृंखला, के रचयिता थे।
|खुद्दार ||गोविंद श्रीवास्तव / छोटू उस्ताद||।
सरोद उस्ताद अमजद अली ख़ान भी ग्वालियर के शाही शहर से है।
पंडित रविशंकर और उस्ताद अमीर ख़ान को छोड़कर बाक़ी प्रायः सभी नामी संगीतज्ञ उन दिनों पटना के दशहरा संगीत समारोहों की शोभा बन चुके थे।
1945 में उस्ताद ग़ुलाम हैदर (जिन्होंने पहले नूरजहाँ की खोज की थी) अपनी आनेवाली फ़िल्म के लिये लता को एक निर्माता के स्टूडियो ले गये जिसमे कामिनी कौशल मुख्य भूमिका निभा रही थी।
मंदिर में स्थापित देवी की पीतल की प्रतिमा राजा मेरू वर्मन के उस्ताद कारीगर मुग्गा ने बनाई थी।
उन्होंने ग्वालियर के उस्ताद हाफिज अली खान से भी संगीत की शिक्षा ली।
आशा जी उस्ताद अली अकबर खान से 1995 में विशेष रूप से मिली, बाद में आशा जी ने उस्ताद अली अकबर खान के साथ ग्यारह बंदिसे रिकार्ड की ’कैलीफिर्निया मे’।
1997 मई आशा जी पहली भारतीय गायिका बनी जो ‘ग्रेमी अवार्ड के लिए नामांकित की गई (उस्ताद अली अकबर खान के साथ एक विशेष एलबम के लिए)।
लखनऊ घराने के प्रवर्तक मोदू ख़ाँ और बख़्शू ख़ाँ; फ़र्रूख़ाबाद घराने के प्रवर्तक विलायत अली ख़ाँ उर्फ़ हाजी साहब; अजराड़ा घराने के प्रवर्तक कल्लू ख़ाँ और मीरू ख़ाँ; बनारस घराने के प्रवर्तक पंडित राम सहाय और पंजाब घराने के प्रवर्तक उस्ताद फ़क़ीरबख़्श ख़ाँ थे।
1938 में जन्मे लोग पियरे फ्रेडे, बैरोन डे कोबेर्टिन (फ्रेंच उच्चारण: [pjɛʁ də kubɛʁtɛ̃]; 1 जनवरी 1863 – 2 सितम्बर 1937) एक फ्रांसीसी शिक्षाशास्री और इतिहासकार थे, अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के संस्थापक और आधुनिक ओलंपिक खेलों के जनक मानें जाते हैं।
इस वाद्ययंत्र के उस्ताद जहुर खान मेवाती माने जाते है।
फारसी वास्तुकार उस्ताद ईसा खां के दिशा निर्देश में इसे यमुना नदी के किनारे पर बनवाया गया।
दिल्ली घराने के प्रवर्तक उस्ताद सुधार ख़ाँ थे और पंजाब घराने के अलावा बाकी के चार अन्य घराने भी दिल्ली घराने का ही विस्तार माने जाते हैं।
अकबर ने बैरम खाँ के विद्रोह को सफलतापूर्वक दबा दिया और अपने उस्ताद की मान एवं लाज रखते हुए उसे हज पर जाने की इच्छा जताई।