ophism Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
ophism ka kya matlab hota hai
ऑर्फीवाद
Noun:
हेत्वाभास, कुतर्क,
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ophism शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
ऐसे कुतर्क में कभी-कभी किसी दावे को सच्चा जतलाने का प्रयत्न भी उसके कहने वाले के गुणों के आधार पर किया जाता है।
उदाहरण के लिए यह कहना कि 'वर्मा साहब ने जो भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है उसपर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि वह को हमेशा अपनी पत्नी से झगड़ते रहते हैं' एक व्यक्ति-केन्द्रित कुतर्क है क्योंकि वर्माजी की व्यक्तिगत समस्याओं का भ्रष्टाचार का इलज़ाम सच या झूठ होने से कोई सम्बन्ध नहीं।
व्यक्ति-केन्द्रित कुतर्क।
उसके दो भेद होते हैं - "सद्धेतु" और हेत्वाभास (दुष्ट हेतु)।
ध्यान दें कि बिना किसी तर्क के केवल किसी को गाली देना व्यक्ति-केन्द्रित कुतर्क नहीं होता।
व्यक्ति-केन्द्रित कुतर्क कई प्रकार के होते हैं जिनमें से कुछ का बखान नीचे है।
भारतीय कला व्यक्ति-केन्द्रित कुतर्क (लातिनी और अंग्रेज़ी: argumentum ad hominem, आर्ग्युमॅन्टम ऐड हॉमिनॅम) तर्कशास्त्र में ऐसे मिथ्या तर्क (ग़लत तर्क) को कहते हैं जिसमें किसी दावे की निहित सच्चाई को झुठलाने की कोशिश उस दावेदार के चरित्र, विचारधारा या किसी अन्य गुण की ओर ध्यान बंटाकर की जाए।
हिन्दी में इसे 'मिथ्या हेतु', हेत्वाभास, तर्काभास और भ्रामकता भी कहा जाता है।
(6) नैयायिक असिद्ध, विरुद्ध, अनैकांतिक, प्रकरणसम तथा कालात्ययापदिष्ट - ये पाँच हेत्वाभास मानते हैं, किंतु वैशेषिक विरुद्ध, असिद्ध तथा संदिग्ध, ये ही तीन हेत्वाभास मानते हैं।
प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टान्त, सिद्धान्त, अवयव, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितण्डा, हेत्वाभास, छल, जाति और निग्रहस्थान।
सोलह पदार्थ या विषय में हैं - प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टांत, सिद्धांत, अवयव, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितंडा, हेत्वाभास, छल, जाति और निग्रहस्थान।
इस वितंडा में जितने हेतु दिए जायँगे वे ठीक न होंगे, वे 'हेत्वाभास' मात्र होंगे।
मसलन किसी साबुन के विज्ञापन में अगर कोई मशहूर फ़िल्म अभिनेता आये तो यह कुतर्क प्रस्तुत किया जा रहा होता है कि 'आपको अगर यह अभिनेता पसंद है तो आपको यह साबुन भी पसंद आएगा', हालांकि साबुन का अभिनेता से कोई विशेष सम्बन्ध नहीं होता।
" - यह कुतर्क है क्योंकि क्रमविकास कहता है कि मानव कपि से उत्पन्न हुए हैं लेकिन यह नहीं कहता कि सभी कपि मानव बन गए थे।
बालक हकीकत उन सब के कुतर्को का प्रतिवाद करता और उन मुस्लिम छात्रों को वाद-विवाद में पराजित कर देता।
इसके बाईस भेद हैं- प्रतिज्ञाहानि, प्रतिज्ञांतर, प्रतिज्ञाविरोध, प्रतिज्ञासंन्यास, हेत्वंतर, अर्थांतर, निरर्थक, अविज्ञातार्थ, अपार्थक, अप्राप्तकाल, न्यून, अधिक, पुनरुक्त, अननुभाषण, अज्ञान, अप्रतिभा, विक्षेप, मतानुज्ञा, पर्यनुयोज्योपेक्षण, निरनुयोज्यानुयोग, अपसिद्धांत और हेत्वाभास।
" - किसी राष्ट्रीय नेता द्वारा जारी ऐसा बयान कुतर्क होगा क्योंकि स्पष्ट है कि अभी निन्दा केवल संधि की है और उसका उत्तर देने की बजाए नेता उसे उपहासजनक अतिशयोक्ति तक खींचकर विवाद बन्द करने का प्रयास कर रहा है।
प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टांत, सिद्धांत, अवयव, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितंडा, हेत्वाभास, छल, जाति, और निग्रहस्थान इन १६ विषयों के तत्वज्ञान से नि:श्रेयस की प्राप्ति न्यायशास्त्र में मानी गई है।
''प्रमाण-प्रमेय-संशय-प्रयोजन-दृष्टान्त-सिद्धान्तावयव-तर्क-निर्णय-वाद-जल्प-वितण्डाहेत्वाभास-च्छल-जाति-निग्रहस्थानानाम्तत्त्वज्ञानात् निःश्रेयसाधिगमः ॥।
हेत्वाभास - जिसके ज्ञान से अनुमिति उसके कारणभूत व्याप्तिज्ञान या पक्षधर्मताज्ञान का प्रतिबंध होता है उसे - हेतुगत दोष अर्थ में - "हेत्वाभास" कहा जाता है और ये दोष जिन हेतुओं में होते हैं उन्हें- "दुष्ट हेतु अर्थ में"- "हेत्वाभास" कहा जाता है।
'तुम भी' (tu quoque या you also) प्रकार के कुतर्क में विपक्षी के तर्क को कमज़ोर करने के लिए कहा जाता है कि वह स्वयं अपने तर्क का पालन नहीं करता।
महात्मा गांधी प्रहसन कुतर्क (लातिनी: reductio ad ridiculum, अंग्रेज़ी: appeal to ridicule) तर्कशास्त्र में ऐसे मिथ्या तर्क (ग़लत तर्क) को कहते हैं जिसमें किसी दावे को उपहासजनक तरीक़े से प्रस्तुत करके उसका मज़ाक़ बनाकर या खिल्ली उड़ाकर उसे झुठा ठहराने का ग़लत प्रयास किया जाए।
१३. हेत्वाभास – ये पांच प्रकार के होते हैं : सव्यभिचार, विरुद्ध, प्रकरणसम, साध्यसम और कालातीत।
वादात्मक विचार में "छल" और "जाति" का प्रयोग तथा "अपसिद्धांत" "न्यून", अधिक" और "हेत्वाभास" से अतिरिक्त निग्रह स्थानों का उद्भावन वज्र्य माना गया है।