olfact Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
olfact ka kya matlab hota hai
ओफैक्ट
Noun:
सचाई, दृढ़ कथन, सत्य, यथार्थता, कृति, कार्य, तथ्य,
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olfactionolfactive
olfactory
olfactory impairment
olfactory modality
olibanum
olid
oligarch
oligarchal
oligarchic
oligarchical
oligarchies
oligarchs
oligarchy
oligist
olfact शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
अन्य रचनाएँ हैं- बाल भूगोल, जगत सचाई सार (१८८७) , एकांतवासी योगी (१८८६) , काश्मीरसुषमा (१९०४) , आराध्य शोकांजलि (१९०५; पिता की मृत्यु पर ) , जार्ज वंदना (१९१२) , भक्ति विभा, श्री गोखले प्रशस्ति (१९१५) , श्रीगोपिकागीत, भारतगीत (१९२८) , तिलस्माती मुँदरी और विभिन्न स्फुट निबंध तथा पत्रादि।
सीसीएमबी के वरिष्ठ विश्लेषक कुमारसमय थंगरंजन का मानना है कि आर्य और द्रविड़ सिद्धांतों के पीछे कोई सचाई नहीं है।
मिथक, इतिहास यथार्थ, फैंटेसी, सचाई, इन्द्रजाल आदि का अनूठा संगम इन कथाओं में है।
जिस प्रकार दाऊद के भजन भक्तिभावना के सुंदर उदाहरण हैं उसी प्रकार सुलेमान की अधिकांश कहावतें हर देश और हर काल के लिए कीमती हैं और सचाई से भरी हैं।
वह कहता था, ""सच्चा ज्ञान संभव है बशर्ते उसके लिए ठीक तौर पर प्रयत्न किया जाए; जो बातें हमारी समझ में आती हैं या हमारे सामने आई हैं, उन्हें तत्संबंधी घटनाओं पर हम परखें, इस तरह अनेक परखों के बाद हम एक सचाई पर पहुँच सकते हैं।
জজজ
किन्तु इन ऐतिहासिक तथ्यों के पीछे एक सचाई गुम है, वह यह कि आजादी की लड़ाई शुरू करने वाले मेरठ के संग्राम से भी 15 साल पहले बुन्देलखंड की धर्मनगरी चित्रकूट में एक क्रांति का सूत्रपात हुआ था।
ऐसे विवरणों के कारण ही सिकंदर को महान समझा जाने लगा और पोरस को एक हारा हुआ योद्धा, जबकि सचाई इसके ठीक उलट थी।
इसीलिए उनके ये अनुभव एक जबर्दस्त सचाई लिए हुए उनके कथा-साहित्य में झलक उठे थे।
ज्ञानेन्द्रपति की कविता एक और तो छोटी-से-छोटी सचाई को, हल्की-से-हल्की अनुभूति को, सहेजने का जतन करती है प्राणी-मात्र के हर्ष-विषाद को धारण करती है; दूसरी ओर जनमत भूमि पर दृढ़ता से पाँव रोपे सत्ता-चालित इतिहास के झूठे सच के मुकाबिल होती है ।
यह नहीं कि ज़िंदगी के हर स्तर पर फैली हुई कुरुपता, गंदगी, हिंसा, स्वार्थपरता, नीचता उन्हें दीखती नहीं, पर वे उसे घिसे हुए उग्र आक्रामक मुहाविरे की बजाय एक आयासहीन हल्के-धीमे अंदाज में रखते हैं जिससे सचाई की उनकी निजी पहचान शोर में खो नहीं जाती।
औपचारिक तौर पर उन्हें प्रचारक १९५८ में घोषित किया गया पर सचाई यह है कि उन्होंने कार्यवाह पद को प्रचारक की भूमिका स्वयं प्रदान कर दी।
शून्य का आविष्कार, जानिए सचाई क्या है... (वेबदुनिया)।