nobody's Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
nobody's ka kya matlab hota hai
कोई नहीं है
Pronoun:
कोई भी नहीं, कोई नहीं,
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nobody's शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
मरते हुये मृग ने पाण्डु को शाप दिया, "राजन! तुम्हारे समान क्रूर पुरुष इस संसार में कोई भी नहीं होगा।
तांत्रिकों की देवी कालिका के इस चमत्कारिक मंदिर की प्राचीनता के विषय में कोई नहीं जानता, फिर भी माना जाता है कि इसकी स्थापना महाभारतकाल में हुई थी, लेकिन मूर्ति सतयुग के काल की है।
सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण मंदिर बंद कर दिया जाता है और केदारनाथ में कोई नहीं रुकता।
लंबे समय तक कोई भी नहीं आता।
कोई नहीं जानता कि वे ऐसा कब से कर रहे हैं, लेकिन वे तब से पहले से आते हैं जब शांगशुंग तिब्बत से आजाद था।
लक्ष्मी के तीन मरे हुए बच्चे होने के बाद, उसका पति, सत्यप्रकाश और उसकी मां डरते हैं कि वह और बच्चे पैदा नहीं कर पाएगी, और इसलिए परिवार के नाम को आगे बढ़ाने के लिए कोई भी नहीं होगा।
जिसको कोई नहीं जीत पाया।
उन्होंने सचमुच वही काम कर दिखाया जो कोई भी नहीं कर सकता है।
सब जीव जीना चाहते हैं, मरना कोई नहीं चाहता, अतएव इस धर्म में प्राणिवध के त्याग का सर्वप्रथम उपदेश है।
वायु मार्ग - फरीदाबाद / बल्लबगढ़ में कोई नहीं है।
मुसलमानों के अनुसार अल्लाह अद्वितीय है - उसके जैसा और कोई नहीं।
आज यह कहाँ है कोई नहीं जानता।
" अजातशत्रु ने पूछा, "तो क्या मैं निर्वाण प्राप्त करूंगा या सातवें नरक में जाऊंगा?" उन्होंने जवाब दिया, "उनमें से कोई भी नहीं, तुम छठे नरक में जाओगे।
कोई नहीं सोचता था कि रोम के अंदर गुप्त तथा सुसज्जित कंदराओं या कुटियों में मिले समवेत रूप से मंद उच्चारित गायन में सम्मिलित होनेवाले लोग, जो पहले भयंकर रोमन पर्वों की जमातों के प्रसन्नार्थ ही उपयुक्त थे, एक न एक दिन केवल रोम की राजकीय शक्ति को ही नहीं हिला देंगे, अपितु आगामी दिनों में एक महत्तर और अधिक गौरवशाली रोम जैसे सनातन नगर का निर्माण करेंगे।
35|41|अल्लाह ही आकाशों और धरती को थामे हुए है कि वे टल न जाएँ और यदि वे टल जाएँ तो उसके पश्चात कोई भी नहीं जो उन्हें थाम सके।
यह जगह पिछले 900 सालों से वीरान है और आज भी यहाँ पर दिन में कुछ चहल – पहल रहती है पर शाम होते ही यह जगह वीरान हो जाती है , सूर्यास्त के बाद यहाँ पर कोई भी नहीं रुकता है।
अंग्रेजी हुकूमत के समय किशनगंज की शान रहे इस रियासत का नाम लेने वाला भी अब कोई नहीं रहा।
इसे कोई भी नहीं भुला सकता है।
हालांकि, उसे डॉन (अमरीश पुरी) द्वारा बचाया गया है और कोई भी नहीं जानता कि वह जीवित है।
राखी का त्योहार कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता।
| aligncenter colspan2 | सूत्रवाक्य: कोई नहीं।
* कोई नहीं जानदाँ (१९७५) हिन्दी और अंग्रेज़ी में अनूदित,।