<< mutualization mutually exclusive >>

mutually Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


mutually ka kya matlab hota hai


परस्पर

Adverb:

बाहम, आपस में, परस्पर,



mutually शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



परन्तु उसके सभी पुत्र आपस में युद्ध करके मारे गये।

और न उन्हीं लोगों पर कोई इल्ज़ाम है जो तुम्हारे पास आए कि तुम उनके लिए सवारी बाहम पहुँचा दो और तुमने कहा कि मेरे पास (तो कोई सवारी) मौजूद नहीं कि तुमको उस पर सवार करूँ तो वह लोग (मजबूरन) फिर गए और हसरत (व अफसोस) उसे उस ग़म में कि उन को ख़र्च मयस्सर न आया (92)।

सिकन्दर के साम्राज्य को उसके सेनापतियों ने आपस में बाँट लिया।

और जो लोग कहते हैं कि हम नसरानी हैं उनसे (भी) हमने इमान का एहद (व पैमान) लिया था मगर जब जिन जिन बातों की उन्हें नसीहत की गयी थी उनमें से एक बड़ा हिस्सा (रिसालत) भुला बैठे तो हमने भी (उसकी सज़ा में) क़यामत तक उनमें बाहम अदावत व दुशमनी की बुनियाद डाल दी और ख़ुदा उन्हें बहुत जल्द (क़यामत के दिन) बता देगा कि वह क्या क्या करते थे (14)।

जिस प्रकार धागा वस्तुओं को आपस में जोड़कर एक विशिष्ट रूप प्रदान करता है, उसी प्रकार सूत्र भी विचारों को सम्यक रूप से जोड़ता है।

और जो लोग ख़ुदा से एहद व पैमान को पक्का करने के बाद तोड़ डालते हैं और जिन (तालुकात बाहमी) के क़ायम रखने का ख़ुदा ने हुक्म दिया है उन्हें क़तआ (तोड़ते) करते हैं और रुए ज़मीन पर फ़साद फैलाते फिरते हैं ऐसे ही लोग हैं जिनके लिए लानत है और ऐसे ही लोगों के वास्ते बड़ा घर (जहन्नुम) है (25)।

और जो लोग काफ़िर हैं वह भी (बाहम) एक दूसरे के सरपरस्त हैं अगर तुम (इस तरह) वायदा न करोगे तो रूए ज़मीन पर फ़ितना (फ़साद) बरपा हो जाएगा और बड़ा फ़साद होगा (73)।

सभी राज्यों में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिकांश प्रवासी हिन्दी भाषियों द्वारा आपस में किया जाता है।

यदि स्ट्राइकर विषम संख्या में रन बनाता है तो बल्लेबाजों का स्थान आपस में बदल जाता है और नॉन स्ट्राइकर अब स्ट्राइकर बन जाता है।

अनामिका (1973 फ़िल्म) नर्गिस बेग़म जिन्हें मखदुमा-ए-जहाँ नाम से भी जाना जाता है, बाहमनी बादशाह हुमायूँ की पत्नि थीं।

मुनाफिक़ मर्द और मुनाफिक़ औरतें एक दूसरे के बाहम जिन्स हैं कि (लोगों को) बुरे काम का तो हुक्म करते हैं और नेक कामों से रोकते हैं और अपने हाथ (राहे ख़ुदा में ख़र्च करने से) बन्द रखते हैं (सच तो यह है कि) ये लोग ख़़ुदा को भूल बैठे तो ख़़ुदा ने भी (गोया) उन्हें भुला दिया बेषक मुनाफ़िक़ बदचलन है (67)।

और हमने बनी इसराइल को (मालिक ्याम में) बहुत अच्छी जगह बसाया और उन्हं अच्छी अच्छी चीज़ें खाने को दी तो उन लोगों के पास जब तक इल्म (न) आ चुका उन लोगों ने एख़्तेलाफ़ नहीं किया इसमें तो ्यक ही नहीं जिन बातों में ये (दुनिया में) बाहम झगड़े रहे है क़यामत के दिन तुम्हारा परवरदिगार इसमें फैसला कर देगा (93)।

(ऐ रसूल) ये किस्सा ग़ैब की ख़बरों में से है जिसे हम तुम्हारे पास वही के ज़रिए भेजते हैं (और तुम्हें मालूम होता है वरना जिस वक़्त यूसुफ के भाई बाहम अपने काम का मशवरा कर रहे थे और (हलाक की) तदबीरे कर रहे थे (102)।

थोड़ी देर बाद आकाशवाणी हुई:“उठा लो पर्दा, इसमें नहीं है मुर्दा”कबीर परमात्मा का शरीर नहीं बल्कि वहां सुगन्धित फूल मिले, जिसको दोनों राजाओं ने आधा आधा आपस में बांट लिया।

और जिन लोगों ने (सुलह हुदैबिया के) बाद ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और तुम्हारे साथ मिलकर जिहाद किया वह लोग भी तुम्हीं में से हैं और साहबाने क़राबत ख़़ुदा की किताब में बाहम एक दूसरे के (बनिस्बत औरों के) ज़्यादा हक़दार हैं बेषक ख़़ुदा हर चीज़ से ख़ूब वाक़िफ हैं (75)।

ए ईमानवालों आपस में एक दूसरे का माल नाहक़ न खा जाया करो लेकिन (हाॅ) तुम लोगों की बाहमी रज़ामन्दी से तिजारत हो (और उसमें एक दूसरे का माल हो तो मुज़ाएक़ा नहीं) और अपना गला आप घूॅट के अपनी जान न दो (क्योंकि) ख़ुदा तो ज़रूर तुम्हारे हाल पर मेहरबान है (29)।

ऐ ईमानदारों यहूदियों और नसरानियों को अपना सरपरस्त न बनाओ (क्योंकि) ये लोग (तुम्हारे मुख़ालिफ़ हैं मगर) बाहम एक दूसरे के दोस्त हैं और (याद रहे कि) तुममें से जिसने उनको अपना सरपरस्त बनाया पस फिर वह भी उन्हीं लोगों में से हो गया बेशक ख़ुदा ज़ालिम लोगों को राहे रास्त पर नहीं लाता (51)।

पस (ऐ रसूल) तुम्हारे परवरदिगार की क़सम ये लोग सच्चे मोमिन न होंगे तावक़्ते कि अपने बाहमी झगड़ों में तुमको अपना हाकिम (न) बनाएॅ फिर (यही नहीं बल्कि) जो कुछ तुम फै़सला करो उससे किसी तरह दिलतंग भी न हों बल्कि ख़ुशी ख़ुशी उसको मान लें (65)।

और तुम लोग जिस चीज़ में बाहम एख़्तेलाफ़ात रखते हो उसका फैसला ख़ुदा ही के हवाले है वही ख़ुदा तो मेरा परवरदिगार है मैं उसी पर भरोसा रखता हूँ और उसी की तरफ़ रूजू करता हूँ (10)।

्यैतान की तो बस यही तमन्ना है कि ्यराब और जुए की बदौलत तुममें बाहम अदावत व दुषमनी डलवा दे और ख़ुदा की याद और नमाज़ से बाज़ रखे तो क्या तुम उससे बाज़ आने वाले हो (91)।

इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं।

ऐ ईमानदारों ख़ुदा तुम्हें हुक्म देता है कि लोगों की अमानतें अमानत रखने वालों के हवाले कर दो और जब लोगों के बाहमी झगड़ों का फै़सला करने लगो तो इन्साफ़ से फै़सला करो (ख़ुदा तुमको) इसकी क्या ही अच्छी नसीहत करता है इसमें तो शक नहीं कि ख़ुदा सबकी सुनता है (और सब कुछ) देखता है (58)।

(ऐ रसूल) तुम से लोग अनफाल (माले ग़नीमत) के बारे में पूछा करते हैं तुम कह दो कि अनफाल मख़सूस ख़ुदा और रसूल के वास्ते है तो ख़़ुदा से डरो (और) अपने बाहमी (आपसी) मामलात की असलाह करो और अगर तुम सच्चे (ईमानदार) हो तो ख़़ुदा की और उसके रसूल की इताअत करो (1)।

सूत्र साहित्य में छोटे-छोटे किन्तु सारगर्भित वाक्य होते हैं जो आपस में भलीभांति जुड़े होते हैं।

(दिली) दोस्त इस दिन (बाहम) एक दूसरे के दुशमन होगें मगर परहेज़गार कि वह दोस्त ही रहेगें (67)।

और उसी ने उन मुसलमानों के दिलों में बाहम ऐसी उलफ़त पैदा कर दी कि अगर तुम जो कुछ ज़मीन में है सब का सब खर्च कर डालते तो भी उनके दिलो में ऐसी उलफ़त पैदा न कर सकते मगर ख़़ुदा ही था जिसने बाहम उलफत पैदा की बेषक वह ज़बरदस्त हिक़मत वाला है (63)।

प्राचीनकाल और मध्यकाल में शैव, शाक्त और वैष्णव आपस में लड़ते रहते थे।

सभी धर्मावलम्बी आपस में मिलकर उल्लासमय वातावरण में सभी पर्वों में भाग लेते हैं।

कबीर परमेश्वर जी ने देखा की यह दोनों आपस में कट के मरेंगे और हिन्दू मुस्लिम का गृह युद्ध छिड़ जाएगा।

और (दुनिया में) जिस जिसने (हमारी नाफरमानी कर के) ज़ुल्म किया है (क़यामत के दिन) अगर तमाम ख़ज़ाने जो जमीन में हैं उसे मिल जाएँ तो अपने गुनाह के बदले ज़रुर फिदया दे निकले और जब वह लोग अज़ाब को देखेगें तो इज़हारे निदामत करेगें (षर्मिंदा होंगें) और उनमें बाहम इन्साफ़ के साथ हुक्म दिया जाएगा और उन पर ज़र्रा (बराबर ज़ुल्म न किया जाएगा (54)।

यह नाद दो वस्तुओं को आपस में रगड़ने, घर्षण या एक पर दूसरी वस्तु के प्रहार में पैदा होता है।

तब परमेश्वर कबीर जी ने दोनों को समझाया और आदेश दिया कि मेरे शरीर त्यागने के उपरांत दो चादरों के बीच जो वस्तु मिले उसको दोनों आधा-आधा आपस में बांट लेना और मेरे जाने के बाद कोई किसी से लड़ाई नहीं करेगा।

mutually's Usage Examples:

So far the development of algebra and geometry had been mutually independent, except for a few isolated applications of geometrical constructions to the solution of algebraical problems. Certain minds had long suspected the advantages which would accrue from the unrestricted application of algebra to geometry, but it was not until the advent of the philosopher Rene Descartes that the co-ordination was effected.


Accordingly, if these general characteristics do not possess reality, things are reduced to a number of characterless and mutually indifferent points.


They dated in college, parted ways mutually, and ended up working for the same financial planning firm in Virginia.


In more serene surroundings perhaps we could come to some understanding and move forward in a mutually peaceful way.


But these possibilities are not mutually exclusive alternatives.


Mancini had therefore to be content with a declaration that the allies would act in mutually friendly intelligence.


If the analysis given above is correct, the book is not a unit; it contains passages mutually contradictory and not harmonizable.


Split up into numerous and mutually hostile communities, they never, through the fourteen centuries which have elapsed since the end of the old Western empire, shook off the yoke of foreigners completely; they never until lately learned to merge their local and conflicting interests in the common good of undivided Italy.


The two ideals are counter posed and mutually excltisive.


Merimee was tried for a week, but the cool cynic and the perfervid apostle of women's rights proved mutually repulsive.



Synonyms:

reciprocally,



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