muset Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
muset ka kya matlab hota hai
अनिवार्य
Noun:
भुकड़ी, फफूंदी, द्राक्षारस, ज़रूरत,
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muset शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इस राक्षस की एक असामान्य विशेषता इसकी हरी-सफ़ेद रोएंदार त्वचा है, जिसे शायद इसने शवों पर पड़ती फफूंदी या कवक से पाया है।
वसा अम्ल जैवसंश्लेषण के एंजाइम दो समूहों में विभाजित किये गए हैं, पशुओं और फफूंदी में ये सभी वसा अम्ल सिंथेज प्रतिक्रियाएं एक बहुकार्यशील टाइप I प्रोटीन द्वारा फलीभूत की जाती हैं, जबकि वनस्पति प्लास्टिडों और बैक्टीरिया में पृथक टाइप II एंजाइम पथमार्ग में हर चरण को पूरा करते हैं।
यह एक विशेष फफूंदी बू आ रही है।
माना जाता है कि नाक की झिल्ली पर अनेक प्रकार के वायरस, बैक्टीरियां, फफूंदी, धूल-मिट्टी के कण, एलर्जी करने वाले कण व धूंआ आदि के कण होते हैं, जिनको साफ करने से बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है।
5. कतरे/कद्दूकस चीज़ पर फफूंदी लगती है इसलिए इसे कुछ ही दिनों में इस्तेमाल कर लें।
इस किस्म का विकास भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बंगलौर द्वारा किया गया है यह एन्थ्रेक्नोज, चूर्णी फफूंदी और मृदुरोमिल फफूंदी की प्रतिरोधी किस्म है प्रति हे० ६० टन तक उपज दे देती है।
2011- * विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मायकोलॉजी के फफूंदी अनुसंधान दल ने 100-115 डिग्री सेल्सियस तापमान सह सकने वाले तापरोधी फफूंदी के बीजाणुओं की खोज की।
परजीवी कवकों से फसलों के अनेक रोग, केंदवा, रितुआ, फफूंदी, अंगमारी इत्यादि और मनुष्यों के चर्मरोग, दाद आदि, होते हैं।
नीवारिका (अंग्रेजी में राई / Rye) नाम के निकृष्ट अन्न में बहुधा एक विशेष प्रकार की फफूँदी (भुकड़ी) लग जाती है जिससे वह अन्न विषाक्त हो जाता है।
वे घरेलू कारक जो अस्थमा की गंभीर तीव्रता को बढ़ा सकते हैं धूल, जानवर रूसी(विशेष रूप से बिल्ली और कुत्ते के बाल), कॉकरोच एलर्जी कारक और फफूंदीशामिल हैं।
कार्बेन्डाजिम (0.1 प्रतिशत) फफूंदीनाशक का छिड़काव दो बार फूल आने के समय 20 दिन के अन्तराल (बुआई के 50वें व 70वें दिन पर) पर करने से रोग का बचाव किया जा सकता है।
रोग-नियंत्रण:- चूर्णी फफूंदी- यह रोग एक प्रकार की फफूंदी के कारण होता है।
इसकी पत्तियां ख़स्ता फफूंदी, पत्ता स्पॉट (कवक Sphaerella fragariae द्वारा कारण), पत्ता ब्लाइट (कवक Phomopsis obscurans के कारण) से संक्रमित हो सकती हैं।
मैंकोजेव फफूंदी से बीज उपचार करने के बाद ही प्रर्वधन हेतु उपयोग करना चाहिए।