mulk Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
mulk ka kya matlab hota hai
मुल्क
Noun:
पयस, दूध,
Verb:
दुधारू होना, दूध देना, दुहना, दूध दुहना,
People Also Search:
mullmull over
mulla
mullah
mullahs
mullas
mulled
mullein
mulleins
mullen
muller
muller's
mullers
mullet
mullets
mulk शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
श्रीमद्भागवत[1]में इसका उल्लेख है—'…कावेरी वेणी पयस्विनी शर्करावती तुंगभद्रा कृष्णा वेण्या भीमरथी…' कृष्णा बंगाल की खाड़ी में मसुलीपट्नम के निकट गिरती है।
'तमतिक्रम्य शैलैंद्रमुत्तर: पयसां निधि:, तत्र सोमगिरिर्नाम मध्येहमेमयो महान्।
पुआ, - मैदा, दूध, घी, चीनी मधु इत्यादि से बनाया जाता है।
तमिल नाडु दूध का भी प्रमुख उत्पादक है।
नृणामेको गम्यस्त्वमसि पयसामर्णव इव॥।
पयस्वतीः प्रदिशः सन्तु मह्यम्।
पयस्वनी का प्रभाव वर्षा ॠतु में २१८४ घन मी. प्रति सेकेण्ड, ग्रीष्म में न्यूनतम प्रवाह ०.४२ घन मीटर रह जाता है।
प्रसिद्ध तीर्थ चित्रकूट पयस्विनी नदी के इस पार और उस पार के उ.प्र., म.प्र. के विभाजन से अविकसित है।
मनुष्य को पशुओं से अनेक उपयोगी पदार्थ यथा दूध, मांस, ऊन, चमड़ा आदि प्राप्त होते हैं और कुछ पशुओं का प्रयोग सामान ढोने और परिवहन या सवारी करने के लिए भी किया जाता है।
ऐसी भी मान्यता है कि प्रयागराज प्रत्येक वर्ष पयस्वनी में स्नान करके अपने पापों को धोने के लिए आते हैं।
राज्य की कृषि नीति में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए, दूध, मछली और मांस उत्पादन के विकास को विशेष रूप से विकसित करने का प्रयास करके कुल दुग्ध उत्पादन 36 लाख लीटर प्रतिदिन अर्थात 3 लाख लीटर से अधिक तक पहुँचा दिया गया है।
एक पर्यटक यहाँ के खूबसूरत झरने, चंचल युवा हिरण और नाचते मोर को देखकर रोमांचित होता है, तो एक तीर्थयात्री पयस्वनी/मन्दाकिनी में डुबकी लेकर और कामदगिरी की धूल में तल्लीन होकर अभिभूत होता है।
बृहस्पतिरूतथ्यश्य पयस्यः शांतिरेवच।
९- नीम के तेल की ५-१० बूंदों को सोते समय दूध में डालकर पीने से ज़्यादा पसीना आने और जलन होने सम्बन्धी विकारों में बहुत फायदा होता है।
उनके लिये वैदिक मन्त्र पढ़े जाते थे और अग्नि में घी, दूध, दही, जौ, इत्यागि की आहुति दी जाती थी।
जैसे— आग, दूध, दाँत, मुँह।
अल्पाइन ज़ोन में अधिक सामान्यतः पाए जाने वाले जानवरों का मुख्य रूप से उनके दूध, मांस और बोझ उठाने वाले जानवर के रूप में पालन किया जाता है।
इनकी मृत्यु के बाद बहुगुणा जी के सम्पादकत्व में "नंदिनी" गीति कविता प्रकाशित हुई, इसके बाद इनके गीत- माधवी, प्रणयिनी, पयस्विनि, जीतू, कंकड-पत्थर आदि नाम से प्रकाशित हुये।
3. एक गृहिणी किसी महानगर में दूध के बूथ पर जा कर कहती है, ‘‘मुझे दो लीटर वाली एक थैली दीजिए।
दीपावली का पांच दिवसीय महोत्सव देवताओं और राक्षसों द्वारा दूध के लौकिक सागर के मंथन से पैदा हुई लक्ष्मी के जन्म दिवस से शुरू होता है।
तावज्जनः कतिपयस्तभु पाससाद।
चम्बल, सिन्ध पहुज, बेतवा, केन, धसान, पयस्वनी आदि उद्गम स्रोत होते हुए भी विन्ध्य शैल समूह को जलविहीन माना० जाता है।
सा न: पयस्वती दुहामुत्तरामुत्तरां समाम्।