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mathesis Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


mathesis ka kya matlab hota hai


मैथसिस

Noun:

प्रसंग, मान्यता, वचन, वाद, थिसिस, निबंध, थीसिस,



mathesis शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौराणिक मान्यताओं में देव-दानवों को एक ही पिता, किंतु अलग-अलग माताओं की संतान बताया गया है।

भारत में कोशविद्या के आधुनिक स्वरुप का उद्भव और विकास मध्यकालीन हिंदी कोशों की मान्यता और रचनाप्रक्रिया से भिन्न उद्देश्यों को लेकर हुआ।

फरवरी 2019 में अबू धाबी में हिन्दी को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वे महर्षि अंगिरा के पुत्र थे।

हिंदू धर्म मान्यताओं में पांच प्रमुख देवता पूजनीय है।

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परिभाषा ऐसी होनी चाहिए जो अव्याप्ति और अतिव्याप्ति दोषों से मुक्त हो, योग शब्द के वाच्यार्थ का ऐसा लक्षण बतला सके जो प्रत्येक प्रसंग के लिये उपयुक्त हो और योग के सिवाय किसी अन्य वस्तु के लिये उपयुक्त न हो।

'अर्थशास्त्र' के रचयिता के रूप में कौटिल्य को नहीं मान्यता देनेवालों ने अपने मत के समर्थन में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किये हैं—।

तीसरे मत को धर्मग्रन्थ मान्यता नहीं देते।

यहाँ प्रसंगतः ज्ञानकोशों का संकेतात्मक नामनिर्देश मात्र कर दिया जा रहा है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी महीने की प्रतिपदा को भगवान विष्णु के दशावतारों में से पहले अवतार मतस्यावतार अवतरित हुए एवं जल प्रलय के बीच घिरे मनु को सुरक्षित स्थल पर पंहुचाया था।

पाशुपत योग और माहेश्वर योग जैसे शब्दों के भी प्रसंग मिलते है।

ऋग्वेद में सरमा नामक कुत्ते को सन्देशवाहक के रूप में भेजने का प्रसंग है।

नौ स्कंधों के भीतर तो जीवब्रह्म की एकता, भक्ति का महत्व, सृष्टिलीला, कपिलदेव का जन्म और अपनी माता के प्रति वैष्णव भावानुसार सांख्यशास्त्र का उपदेश, मन्वंतर और ऋषिवंशावली, अवतार जिसमें ऋषभदेव का भी प्रसंग है, ध्रुव, वेणु, पृथु, प्रह्लाद इत्यादि की कथा, समुद्रमथन आदि अनेक विषय हैं।

ललित कला – अर्थात् चित्रकला, मुर्त्तिकला आदि का प्रसंग इनसे भिन्न और सौंदर्यशास्त्र से सम्बन्धित है।

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बहुदलीय प्रणाली वाले इस संसदीय गणराज्य में छ: मान्यता-प्राप्त राष्ट्रीय पार्टियां, और ४० से भी ज़्यादा क्षेत्रीय पार्टियां हैं।

पाश्चात्य कोशों के आदर्श, मान्यताएँ, उद्देश्य, रचनाप्रक्रिया और सीमा के नूतन और परिवर्तित आयामों का प्रवेश भारत की कोश रचनापद्धति में आरंभ हुआ।

महाभारत में इस संबंध में एक प्रसंग है, जिसमें अर्जुन को अर्थशास्त्र का विशेषज्ञ माना गया है।

हम इस प्रसंग को यहीं समाप्त करते हैं और शब्दर्थकोश से संबंद्ध प्रकृत विषय की चर्चा पर लौट आते हैं।

बीच बीच में करुणा; हास्य इत्यादि और रस तथा और और लोगों के प्रसंग भी आने चाहिए।

कलि के राजाओं की वंशावली विक्रम तक आई है, अवतार प्रसंग भी है।

पतिवियुक्ता प्रवासिनी सीता के प्रति प्रेषित श्री राम के संदेशवाहक हनुमान, दुर्योधन के प्रति धर्मराज युधिष्ठिर द्वारा प्रेषित श्रीकृष्ण और सुन्दरी दयमन्ती के निकट राजा नल द्वारा प्रेषित सन्देशवाहक हंस इसी परम्परा के अन्तर्गत गिने जाने वाले प्रसंग हैं।

हिन्दू मान्यता के अनुसार वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थ अनादि, नित्य हैं, ईश्वर की कृपा से अलग-अलग मन्त्रद्रष्टा ऋषियों को अलग-अलग ग्रन्थों का ज्ञान प्राप्त हुआ जिन्होंने फिर उन्हें लिपिबद्ध किया।

रामायण, महाभारत और उनके परवर्ती ग्रन्थों में भी इस प्रकार के स्फुट प्रसंग विपुल मात्रा में उपलब्ध होते हैं।

लोगों की मान्यता है कि जो इन चारों धाम की यात्रा कर लेता है, उसका जीवन धन्य हो जाता है।

mathesis's Usage Examples:

The titles in the order adopted, but with date of publication, are as follows: "Oratio inauguralis," on his appointment (1649) as Savilian professor (1657); "Mathesis universalis, seu opus arithmeticum philologice et mathematice traditurn, arithmeticam numerosam et speciosam aliaque continens" (1657); "Adversus Meibomium, de proportionibus dialogus" (1657); "De sectionibus conicis nova methodo expositis" (1655); "Arithmetica infinitorum, sive nova methodus inquirendi in curvilineorum quadraturam aliaque difficiliora matheseos problemata" (1655); "Eclipsis solaris observatio Oxonii habita 2° Aug.


Wallis having meanwhile published other works and especially a comprehensive treatise on the general principles of calculus (Mathesis universalis, 1657), he might take this occasion of exposing afresh the new-fangled methods of mathematical analysis and reasserting his own earlier positions.


The Mathesis universalis, a more elementary work, contains copious dissertations on fundamental points of algebra, arithmetic and geometry, and critical remarks.


The titles in the order adopted, but with date of publication, are as follows: "Oratio inauguralis," on his appointment (1649) as Savilian professor (1657); "Mathesis universalis, seu opus arithmeticum philologice et mathematice traditurn, arithmeticam numerosam et speciosam aliaque continens" (1657); "Adversus Meibomium, de proportionibus dialogus" (1657); "De sectionibus conicis nova methodo expositis" (1655); "Arithmetica infinitorum, sive nova methodus inquirendi in curvilineorum quadraturam aliaque difficiliora matheseos problemata" (1655); "Eclipsis solaris observatio Oxonii habita 2° Aug.



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