martyrium Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
martyrium ka kya matlab hota hai
शहादत
Noun:
यातना, कष्ट, शहादत,
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martyrium शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
7. परोपकार पुण्य है, दूसरों को कष्ट देना पाप है।
प्रत्येक कष्ट से परमात्मा ही बचा सकता है।
बहुत कष्ट नबी सल्ल0 को होता था यहां तक कि आपने (मुहम्मद ﷺ) ने फ़रमाया (बताया) कि जब कभी ऐसी वह्यी आती है तो मैं समझता हू कि अब जान निकल जाएगी।
इस संस्मरण में उसने लिखा कि उसने अपने पूर्ववर्तियों के उलट, अपने राज में यातना देना बंद कर दिया है।
सभी आयुवर्ग के स्वयंसेवकों ने गिरफ्तारी से पूर्व और बाद में पुलिस के लॉकअप में यातनाएं सहीं।
आत्मशुद्धि प्राप्त करने के लिये जैन पन्थ में देह-दमन और कष्टसहिष्णुता को मुख्य माना गया है।
अपनी रचनाओं के माध्यम से इसी ‘जन’ की आशाओं, आकांक्षाओं, विवशताओं, कष्टों को अभिव्यक्ति देने का प्रयास उन्होंने किया है।
बिलाल रजी., एक और मुस्लिम दास, उमायाह बिन खल्फ ने यातना दी थी, जिन्होंने अपनी छाती पर भारी चट्टान लगाया था ताकि वह अपना रूपांतरण लागू कर सके।
लेकिन यहां यह भी बात ध्यान रहे कि काशी में पाप करने वाले को मरणोपरांत मुक्ति मिलने से पहले अतिभयंकर भैरवी यातना भी भोगनी पडती है।
स्वाधीनता संग्राम में अनेक बार जेल यातनाएँ सहने के पश्चात अपनी अनुभूतियों को कहानी में भी व्यक्त किया।
भंडारित अनाज पर जब विभिन्न प्रकार के कवक आक्रमण करते हैं तो इनके विनष्टीकरण के साथ उनमें कुछ विषैले पदार्थ भी उत्पन्न होते हैं जो मनुष्यों एवं पशुओं उन्माद, लकवा, आमाशय कष्ट इत्यादि रोगों का कारण बनते हैं।
ब्रिटेन ने अपनी क्षतिपूर्ति उपनेवेशों से व्यापार बढ़ा कर कर ली, किंतु यूरोपीय राष्ट्रों की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी और वे फ्रांस की इस यातना से पीड़ित हो उठे।
राजापुर में अपने घर जाकर जब उन्हें यह पता चला कि उनकी अनुपस्थिति में उनके पिता भी नहीं रहे और पूरा घर नष्ट हो चुका है तो उन्हें और भी अधिक कष्ट हुआ।
" तब इन्द्र ने पुन: कुरू के पास जाकर कहा-"नरेश्वर, तुम व्यर्थ ही कष्ट कर रहे हो।
इस मंदिर परिसर के दक्षिण-पूर्व में राजयातना वृक्ष है।
आमतौर पर सेगा में गुलामी के दिनों की यातनाओं का वर्णन होता है साथ ही इन गीतों में आजकल के दौर में अश्वेतों की सामाजिक समस्याओं को भी उठाया जाता है।
उनमें विषाद, पाप या कष्टमय जीवन के विचार की छाया नहीं थी।
हर एक बात के लिए हमें उन्हें कष्ट नहीं देना चाहिए।
जैसे, समाज में सभी लोगों को राजा या राज्यप्रबंध एक दूसरे के प्रति व्यवहार में नियंत्रित रखता है, वैसे ही संसार के सभी प्राणियों के ऊपर शासन करनेवाले और उनको पाप और पुण्य के लिए यातना, दंड और पुरस्कार देनेवाले ईश्वर की आवश्यकता है।
फिरोज शाह के राज के यातना में कमी तथा समाज के कुछ वर्गों के साथ किए जा रहे पक्षपात के खत्म करने के रूप में देखा गया, परन्तु समाज के कुछ वर्गों के प्रति असहिष्णुता और उत्पीड़न में बढ़ोत्तरी भी हुई।
नरक व उसमें मिलने वाली यातनाओं की कल्पना तक नहीं की गई थी।
तुलसीदास जी ने अपने लिये भगवान को कष्ट हुआ जान कुटी का सारा समान लुटा दिया और पुस्तक अपने मित्र टोडरमल (अकबर के नौरत्नों में एक) के यहाँ रखवा दी।
जाड़ों का मौसम सुहावना होता है किंतु कई बार शीत लहर का प्रकोप कष्टदायी हो जाता है।
यातना जैसे कि अंग-विच्छेदन, आँखे निकाल लेना, जिन्दा व्यक्ति का शरीर चीर देना, रीढ़ की हड्डी तोड़ देना, गले में पिघला हुआ सीसा डालना, व्यक्ति को जिन्दा फूँक देना आदि शामिल था।
जैन धर्म, अद्वैत वेदांत के मोनिस्ट संप्रदाय और शैव सम्रदाय के अन्तर में योग का लक्ष्य मोक्ष का रूप लेता है, जो सभी सांसारिक कष्ट एवं जन्म और मृत्यु के चक्र (संसार) से मुक्ति प्राप्त करना है, उस क्षण में परम ब्रह्मण के साथ समरूपता का एक एहसास है।
martyrium's Usage Examples:
hewn in rock under the martyrium which contained seven tombs.
Crombach, Vita et Martyrium S.
Another legend, his Martyrium, makes him labour and suffer in Mysore.
In that year appeared Waddington's Mdmoire sur la chronologie de la vie du rheteur Aelius Aristide, in which it was shown from a most acute combination of circumstances that the Quadratus whose name is mentioned in the Martyrium was proconsul of Asia in 155-156, and that consequently Polycarp was martyred on the 23rd of February 155.
He must have been born not later than the year 69, for on the day of his death (c. 155) he declared that he had served the Lord for eighty-six years (Martyrium, 9).
The Church of Smyrna had early to explain its position in this matter with regard to St Polycarp: "We worship Christ, as the Son of God; as to the martyrs, we love them as the disciples and imitators of the Lord" (Martyrium Polycarpi, xvii.
We find traces of this in the 2nd half of the 2nd century, in the Martyrium Polycarpi (xviii.