mandapa Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
mandapa ka kya matlab hota hai
मंडप
Noun:
मन्दरा,
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mandapa शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
हिन्दू पौराणिक कथाओं में इसे मन्दराचल (मन्दर + अचल मन्दर पर्वत) कहा गया है और इसी को मथनी बनाकर समुद्र मन्थन किया गया था।
मन्दिर परिसर में बने विवाह मंडप में सालोंभर विवाह-संस्कार संपन्न कराये जाते हैं, जिसकी आधिकारिक मान्यता भी है।
मंदिर चार भागों में विभक्त है प्रथम-देउल(मुख्य मंदिर )द्वितीय -जगमोहन (भक्तोंका बैठकखाना ) तृतीय-नाट मंदिर (नृत्य मंडप )चतुर्थ-भोगमण्डप ( यहां भोग चढ़ाया जाता है ) मंदिर की ऊचाई १५९ फिट चौड़ाई४६५ फिट लम्बाई ५२० फिट में और क्षेत्रफल में ४.५ एकड़ जमीन पर यह मंदिर अवस्थित है।
पद्म पुराण के उपसंहार खण्ड की कथा के अनुसार मन्दराचल पर्वत हो रहे यज्ञ में ऋषि-मुनियों में इस बात पर विवाद छिड़ गया कि त्रिदेवों (ब्रह्मा-विष्णु-शंकर) में श्रेष्ठ देव कौन है?देवों की परीक्षा के लिए ऋषि-मुनियों ने महर्षि भृगु को परीक्षक नियुक्त किया।
मन्दरालगांव-जैतोल.१, चौबटाखाल तहसील मारवाडी चक पाखी, जोशीमठ तहसील में भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत गढ़वाल मण्डल के चमोली जिले का एक गाँव है।
सुंदर रूप से गढ़े गए 16-खंभों वाला नाट्य मंडप और 96-खंभों वाला कल्याण मंडप, मंदिर के कुशल वास्तु-शिल्प की गवाही देते हैं।
अन्य बगीचों में, विद्याधर का बाग बहुत ही अच्छे ढ़ग से संरक्षित बाग है, इसमें घने वृक्ष, बहता पानी व खुले मंडप हैं।
शिवजी मन्दराचलपर्वत पर चले तो गए परंतु काशी से उनका मोह कम नहीं हुआ।
सिसोदिया रानी के बाग में फव्वारों, पानी की नहरों, व चित्रित मंडपों के साथ पंक्तिबद्ध बहुस्तरीय बगीचे हैं व बैठकों के कमरे हैं।
मन्दरालगांव-जैतोल.१, चौबटाखाल तहसील।
विद्रुम, हेमशौल, द्युतिमान, पुष्पवान, कुशेशय, हरि और मन्दराचल नामक सात पर्वत हैं।
16वीं सदी के उत्तरार्द्ध एवं 17वीं सदी के जैन काष्ठ मंडपों पर जैन पौराणिक कथाएँ एवं समकालीन जीवन के दृश्य तथा काल्पनिक बेल-बूटे, पशु-पक्षी एवं ज्यामितीय आकृतियाँ उत्कीर्ण की गई हैं; आकृति मूर्तिकला अत्यंत जीवंत एवं लयात्मक है।
मजोठी, चमोली तहसील मन्दरालगांव-जैतोल.१, चौबटाखाल तहसील में भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत गढ़वाल मण्डल के पौड़ी जिले का एक गाँव है।
इन आन्दोलन में अग्रणी व्यक्तित्वों में बसव, अक्का महादेवी और अलाम प्रभु थे, जिन्होंने अनुभव मंडप की स्थापना की जहां शक्ति विशिष्टाद्वैत का उदय हुआ।
इसी मंदिर के भोग मंडप के बाहरी दीवार पर मनुष्य और जानवर को सेक्स करते हुए दिखाया गया है।
मन्दराचल पर्वत को मथनी तथा वासुकी नाग को नेती बनाया गया।
जन्मकाल में मथनी रूपी मन्दराचल के घूमने से क्षीर सागर में जो भंवर पड़ गयी उसकी भ्रामकता लक्ष्मी में आज भी विद्यमान है।
कूर्मावतार : असुरराज बलि के नेतृत्व में दानवों द्वारा देवताओं को परास्त कर शासन-च्युत कर देने पर भगवान् ने देवताओं को दानवों के साथ मिलकर समुद्र मंथन करने को कहा और जब मन्थन के समय मथानी (मन्दराचल) डूबने लगा तो कूर्म (कच्छप) रूप धारणकर उसे अपनी पीठ पर स्थित कर लिया।
मंदिर, मंडप और पवित्र कुंडो के साथ हरियाली युक्त प्राकृतिक दृश्य इसे आनन्ददायक स्थल बना देते हैं।
स्वयं भगवान श्री विष्णु कच्छप अवतार लेकर मन्दराचल पर्वत को अपने पीठ पर रखकर उसका आधार बन गये।
आमेर और शीला माता मंदिर - लगभग दो शताब्दी पूर्व राजा मान सिंह, मिर्जा राजा जयसिंह और सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित महलों, मंडपों, बगीचों और मंदिरों का एक आकर्षक भवन है।
Image:Gandhi Mandapam, Kanyakumari, at Night.JPG|रात्रि में गाँधी मंडपम, कन्याकुमारी।
लम्बाई की इकाइयाँ हिन्दू मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन में देवताओं ने मन्दराचल (मंदार पर्वत) को मथनी बनाया था।
कटक में अन्य प्रसिद्ध नृत्य व संगीत केन्द्र है: उत्कल संगीत समाज, उत्कल स्मृति कला मंडप और मुक्ति कला मंदिर।
मन्दराचल से चलते हुए जब महर्षि भृगु विमुक्त क्षेत्र (वर्तमान बलिया जिला उ0प्र0) के गंगा तट पर पहुँचे तो उनकी मृगछाल गिर पड़ी और छड़ी में कोंपले फूट पड़ी।
निर्माण सामग्री के रूप में जिस समय पत्थर का इस्तेमाल अधिक सुविधाजनक और विश्वसनीय था, इस समय भी गुजरात के लोगों ने मंदिरों के मंडप तथा आवासीय भवनों के अग्रभागों, द्वारों, स्तंभों, झरोखों, दीवारगीरों और जालीदार खिड़कियों के निर्माण में निर्माण में बेझिझक लकड़ी का प्रयोग जारी रखा।
"समुद्र मंथन आरम्भ हुआ और भगवान कच्छप के एक लाख योजन चौड़ी पीठ पर मन्दराचल पर्वत घूमने लगा।