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major axis Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


major axis ka kya matlab hota hai


प्रमुख धुरी

Noun:

प्रधान अक्ष, दीर्घ अक्ष,



major axis शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



दीर्घवृत्त परिधि का वह बिंदु जो रवि के निकट दीर्घ अक्ष पर स्थित है उसे रविनीच, तथा जो बिंदु दीर्घ अक्ष के दूसरी ओर है उसे सूर्योच्च कहते हैं।

अर्ध दीर्घ अक्ष (a\,\!, semimajor axis) - यह उपमन्द और अपमन्द की दो दूरियों का औसत है।

दो दीर्घवृत्तों के दीर्घ अक्षों का अनुपात उनके लघु-अक्षों के अनुपात के बराबर हो तो वे भी समरूप होंगे।

यह संस्कृति की तरह विभिन्न पदों को जोड़कर समास के रूप में नही होता, बल्कि प्रत्येक पद का एक-एक प्रधान अक्षर या ध्वनि लेकर सबको एक साथ मिला दिया जाता है।

दोनों नाभियों से परिधि तक जानेवाली सरल रेखा को दीर्घ अक्ष (major axis) तथा दीर्घवृत्त के केंद्र से दीर्घ अक्ष पर लंब रेखा के परिधि पर्यंत भाग को लघु अक्ष (minor axis) कहते हैं।

(१) दीर्घवृत्त पर स्थित किसी भी बिंदु से उसकी नाभीय दूरियों का योगफल सदा दीर्घ अक्ष के बराबर रहता है तथा।

दोनों नाभि प्रधान अक्ष पर अवस्थित होते हैं और दीर्घवृत्त पर स्थित किसी भी बिन्दु की इन दोनों नाभियों से दूरी का योग इस प्रधान अक्ष की लंबाई के बराबर यानि हमेशा नियत होता है।

यहाँ a और b क्रमशः दीर्घ अक्ष और लघु अक्ष की लम्बाई के आधे हैं।

दीर्घवृत्त के दो अक्षों में से बड़े को प्रधान अक्ष कह सकते हैं।

सौर मंडल का कोई भी हीन ग्रह जिसकी सूरज की परिक्रमा की कक्षा की सूरज से औसत दूरी वरुण (नेप्ट्यून) की कक्षा की औसत दूरी (अर्ध दीर्घ अक्ष, semi-major axis) से अधिक (यानि ३० खगोलीय इकाईयाँ से अधिक) हो उसे वरुण-पार वस्तु कहा जाता है।

जलवायु परिवर्तन कारक क्षुद्रग्रह परिवार (Asteroid family) क्षुद्रग्रहों (ऐस्टेरोयडों) के ऐसे गुट को कहते हैं जिनकी सुर्य की परिक्रमा करते हुए कक्षाओं (ऑरबिटों) में काफ़ी समानताएँ हो, मसलन उनके अर्ध दीर्घ अक्ष, कक्षीय विकेन्द्रता और कक्षीय झुकाव एक जैसे हो।

आकाश में ग्रह की स्थिति जानने के लिये हमें ग्रह का दीर्घ अक्ष, उत्केंद्रता (eccentricity), कक्षा की क्रांतिवृत्त से नति (inclination), निर्देशक्षण (epoch), सूर्योच्च की स्थिति तथा पात की स्थिति का ज्ञान करना आवश्यक है।

लेंस का केंद्र उसके प्रधान अक्ष पर होना चाहिए।

मान लें दीर्घ अक्ष (2a) और लघु अक्ष (2b) का दीर्घवृत्त अभीष्ट है, तो नाभियों के बीच की दूरी 2d 2 \sqrt{a^2-b^2} होगी।

दीर्घ अक्ष पर सूर्योच्च तथा रविनीच स्थिति हैं, इसलिये इसे नीचोच्च रेखा कहते हैं।

मध्यम या बड़े अर्ध दीर्घ अक्ष वाले उपग्रहों के लिये स्थानीय लाप्लास समतल को सन्दर्भ समतल समझा जाता है।

छोटे अर्ध दीर्घ अक्ष वाले उपग्रहों के लिये उनके ग्रहों की भूमध्य रेखाएँ सन्दर्भ समतल समझी जाती हैं।

अगर किसी ऐसी वस्तु का अर्ध दीर्घ अक्ष १५० ख॰इ॰ से भी अधिक और उसका अपसौर (perihelion) ३० ख॰इ॰ से अधिक हो तो उसे चरम वरुण-पार वस्तु (extreme trans-Neptunian object) कहते हैं।

Synonyms:

axis, semimajor axis,



Antonyms:

nonalignment,



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