lyam Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
lyam ka kya matlab hota hai
लायम
Noun:
जिमीकंद, रतालू,
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lyam शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
परन्तु अब तो जिमीकंद की व्यवसायिक खेती होने लगी है।
बड़े जिमीकंद की खेती की तैयारी कैसे करें।
भारत के विभिन्न राज्यों में जिमीकंद के भिन्न-भिन्न नाम ओल या सूरन हैं।
कंद - किसी खाई जाने वाली जड़ को कहते हैं, जैसे जिमीकंद।
व्यापक वनस्पति अनुसंधान के तीन साल बाद, वह एक बहुत अच्छा मूल्य उस सामग्री, अखाद्य मैक्सिकन जिमीकंद (डिसकोरिया मेकसिकाना) ऑरिज़ाबा के पास भेराक्रुज़ के वर्षा वनों में पाया जाता है।
गूगल परियोजना जिमीकंद एक बहुवर्षीय भूमिगत सब्जी है जिसका वर्णन भारतीय धर्मग्रंथों में भी पाया जाता है।
जिमीकंद की जैविक उन्नत खेती।
मैक्सिकन जिमीकंद से प्रोजेस्टेरोन संश्लेषण की वाणिज्यिक क्षमता में अपने शोध के प्रायोजक पार्के, डेविस हित में असमर्थ, मार्कर पेन राज्य छोड़ दिया और 1944 में सह मेक्सिको सिटी में दो भागीदारों के साथ सिनटेक्स एक साल बाद रवाना होने से पहले Syntex की स्थापना की।
एक से डेढ़ फीट की गड्ढा तैयार कर उसमें फसलों के अवशिष्ट पदार्थ डाल के उसके उपरांत जिमीकंद के बीज का रोपण कर मिट्टी और खाद से फसल की बुवाई कर देनी चाहिए ।
इस विधि से जिमीकंद की खेती करने से अत्याधिक मात्रा में उत्पादन प्राप्त होता है [https://janglekheti.blogspot.com/2021/04/how-to-do-large-size-elephant-foot-yam.html]।
जिमीकंद एक सब्जी ही नहीं वरन यह एक बहुमूल्य जड़ीबूटी है जो सभी को स्वस्थ एवं निरोग रखने में मदद करता है।
हलवा अनेक अन्य सामग्रियों पर आधारित भी हो सकता है, जिसमें सूरजमुखी के बीज, विभिन्न नट, फलियां, मसूर, वनस्पतियां जैसे गाजर, कद्दू, रतालू , आलू, लौकी और स्क्वैश शामिल हैं।
बड़े आकार की जिमीकंद की खेती कैसे करें।
एबोन्यी राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि-प्रधान है, और यहाँ चावल, रतालू, आलू, मक्का, सेम और कसावा पैदा किया जाता है।
भारत स्थानीय 'चिप्स की दुकानों' की एक बड़ी संख्या के लिए प्रसिद्ध है, ये न सिर्फ आलू के चिप्स, बल्कि केला चिप्स, साबूदाना चिप्स, रतालू चिप्स और यहां तक कि गाजर के चिप्स भी बेचते हैं।
जड एवं कन्द (Roots ' Tubers) : आलू, शकरकन्द, अदरक, गाजर, मूली, अरबी, रतालू, टेपियोका, शलजम।
यहाँ अरहर, तुअर, विभिन्न प्रकार की सब्जी की पैदावारी अधिक होती हैं तथा विशेष रूप से तिल, जिमीकंद (रतालू) होने की सम्भावना अधिक हैं व धान, सोयाबीन पर्याप्त मात्रा में पैदा होता है।
जिमीकंद की खेती हेतु उपयुक्त भूमि जल निकासी युक्त होनी चाहिए जल निकासी युक्त भूमि में खेती करने से जिमीकंद की के पौधे की वृद्धि दर अच्छी रहती है जिमीकंद की बुवाई से पहले हमें जिमीकंद के कांदा डेढ़़ किलो केेे अनुपात से बड़े कांदा की कटाई कर अलग कर देनी चाहिए।
७ सूरदास ने श्री कृष्ण के भोजन सम्बधी एक बड़े पद में विविध काध पदार्थों के साथ भटा (बैंगन) चना, चौराई, सोवा, सरसों, बथुआ, परबल, टेंटी, ढ़ेंढ़स, कुनस, ककोरा, कचरी, चीचड़ा, करेला, सहजना, करील, पाकर, अगस्त की फली, अरबी, इमली, पेठा, खीरा, रामतरोई, रतालू, ककड़ी, कचनार, केला, करोंदा आदि तरकारी के पेड़ों व बेलों का नामोल्लेख किया है।
जिमीकंद या सूरन या ओल।