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loric Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


loric ka kya matlab hota hai


लोरिक

Noun:

न्यायशास्र, तर्क,



loric शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:

कबानीज ने जीव विज्ञान के पूर्व अध्ययन के प्रकाश में मस्तिष्क के बारे में व्याख्या की और तर्क दिया कि संवेदनशीलता (sensibility) और आत्मा (soul), तंत्रिका तंत्र (nervous system) के गुण हैं।



यह मुफ्ती निजी मामलों के लिए इस्लामी न्यायशास्र की कानूनी राय और संपादनों, फतवा, और व्याख्याओं को जारी करता है या मामलों का निर्णय लेने में न्यायाधीशों की सहायता करता है।

इसमें 600 से अधिक छात्र और एक्जेजेसिस और न्यायशास्र पाठ्यक्रम के स्नातक हैं।

कुछ लोगों का मत है कि यदि मनोविज्ञान का मुख्य संबंध मानव व्यवहार के अध्ययन से है तो पशुओं के व्यवहारों का अध्ययन करना कोई अधिक तर्कसंगत बात नहीं दिखता।

इस्लाम आधिकारिक धर्म है, और इस्लामी न्यायशास्र कतर की कानूनी व्यवस्था का आधार है।

न्याय अल्लामा: (अरबी: علامه, उर्दू और फारसी: علامه), अल्लामह और जिसे अल्लामा भी लिखा जाता है, इस्लामी फिकह, न्यायशास्र और दर्शन के विद्वानों द्वारा ग्रहण की जाने वाली एक मानद उपाधि है।

यह सुन्नी इस्लाम के भीतर हनफी़ न्यायशास्र से जुड़ा हुआ है, और भारतीय उपमहाद्वीप में अनुवाद का व्यापक रूप से पढ़ा गया संस्करण है।

इब्न रश्द की शिक्षा उनके पारंपरिक जीवनीकारों के अनुसार, "उत्कृष्ट" थी, हदीस (पैगंबर हज़रत मुहम्मद सहाब की परंपराओं), फिकह (न्यायशास्र), दवा और धर्मशास्त्र में अध्ययन के साथ शुरू हुई थी।

(१२) संस्कृत विश्व की सर्वाधिक 'पूर्ण' (perfect) एवं तर्कसम्मत भाषा है।

फ़िकह (فقه) : न्याय (अल-यूआरएफ) द्वारा शरिया के चारों ओर न्यायशास्र बनाया गया।

इसलिए उपयुक्त कमी का ध्यान रखकर कुछ विद्वान् कहते हैं कि इतिहास की संपूर्णता असाध्य सी है, फिर भी यदि हमारा अनुभव और ज्ञान प्रचुर हो, ऐतिहासिक सामग्री की जाँच-पड़ताल को हमारी कला तर्कप्रतिष्ठत हो तथा कल्पना संयत और विकसित हो तो अतीत का हमारा चित्र अधिक मानवीय और प्रामाणिक हो सकता है।

इतिहासकार किथ विंडशटल तर्क देते है कि आदिवासी लोगो के आचरण का प्रबल ऐतिहासिक भाषांतरण श्वेतो के सीमा अवस्थापन में ऑस्ट्रेलिया की कल्पना हुई।

आचार्य बलदेव उपाध्याय ने पर्याप्त तर्कों के आधार पर सिद्ध किया है कि शिव पुराण वस्तुतः एक उपपुराण है और उसके स्थान पर वायु पुराण ही वस्तुतः महापुराण है।

देवनागरी की वर्णमाला (वास्तव में, ब्राह्मी से उत्पन्न सभी लिपियों की वर्णमालाएँ) एक अत्यन्त तर्कपूर्ण ध्वन्यात्मक क्रम (phonetic order) में व्यवस्थित है।

प्रारंभिक द्वितीय से मध्य-चौथी सदी जब शिया और सुन्नी आठ "सबसे महत्वपूर्ण" न्यायशास्र के स्कूल प्रकट हुए।

उन्होंने 1 99 4 में पोंफिफ़िकल ग्रेगोरियन यूनिवर्सिटी, रोम से न्यायशास्र में अपनी डॉक्टरेट की पढ़ाई की थी।

उनका तर्क था अपनी नागरिकता के दावों को कानूनी जामा पहनाने के लिए भारतीयों को युद्ध प्रयासों में सहयोग देना चाहिए।

स्वर और व्यंजन में तर्कसंगत एवं वैज्ञानिक क्रम-विन्यास - देवनागरी के वर्णों का क्रमविन्यास उनके उच्चारण के स्थान (ओष्ठ्य, दन्त्य, तालव्य, मूर्धन्य आदि) को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

चाणक्य को ही 'अर्थशास्त्र' का रचनाकार मानने के पीछे तर्क

ट्रिपल तालक़, जिसे तलाक़-ए-बिद्दात, तत्काल तलाक़ और तालक़-ए-मुघलाजाह (अविचल तलाक़) के रूप में भी जाना जाता है, इस्लामी तलाक़ का एक रूप है जिसे भारत में मुसलमानों द्वारा इस्तेमाल किया गया है, विशेषकर हनफ़ी पन्थ के अनुयायी न्यायशास्र के सुन्नी इस्लामी स्कूल।

यह क्रम इतना तर्कपूर्ण है कि अन्तरराष्ट्रीय ध्वन्यात्मक संघ (IPA) ने अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला के निर्माण के लिये मामूली परिवर्तनों के साथ इसी क्रम को अंगीकार कर लिया।

इस्लामी सैन्य न्यायशास्र

अपने शुरुआती सालों में, अपने दोस्त ताक़ीर अल-हसन (توقیر الحسن) के साथ, परंपरा के कारण (تقلید) के कारण अनुसंधान और चर्चा के बाद, इन दो विद्वान इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि फ़िकह के सिद्धांतों के अनुसार, यानी मुस्लिम न्यायशास्र, समय और आवश्यकता के अनुसार कानूनों को बदला और संशोधित किया जा सकता है।

'अर्थशास्त्र' के रचयिता के रूप में कौटिल्य को नहीं मान्यता देनेवालों ने अपने मत के समर्थन में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किये हैं—।

ऑस्ट्रियाई-ब्रिटिश दार्शनिक कार्ल पोप्पर (Karl Popper) ने तर्क दिया कि फ्रुद के मनो विश्लेषक सिद्धांत जांच के अयोग्य (untestable) रूप में पेश किये गए।

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