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logos Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


logos ka kya matlab hota hai


लोगो

Noun:

ईसामसीह,



logos शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात में भी हिन्दी या इसकी मान्य बोलियों का उपयोग करने वाले लोगों की बड़ी संख्या मौजूद है।

भारत की जनगणना २०११ में 57.1% भारतीय आबादी हिन्दी जानती है जिसमें से 43.63% भारतीय लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित किया था।

आम लोगों में हिन्दी भाषा तथा साहित्य के प्रचार-प्रसार करने हेतु- प्रबोध, विशारद, प्रवीण, आदि परीक्षाओं का आयोजन इस समिति के द्वारा होता आ रहा है।

भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की 14 आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग 1 अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है।

वो मूर्ति शायद मरियम्मा देवी की थी जिसे वो ईसामसीह की माँ मरियम समझ रहे थे।

ईसामसीह के सैकड़ों वर्ष पूर्व से ही भारत में शिल्प और वाणिज्य का सर्वांगीण विकास हुआ।

यदि पाप और पुण्य के लिए दंड और पुरस्कार का प्रबंध होता तथा उनको रोकने और करानेवाला कोई ईश्वर होता; और पुण्यात्माओं की रक्षा हुआ करती तथा पापात्माओं को दंड मिला करता तो ईसामसीह और गांधी जैसे पुण्यात्माओं की नृशंस हत्या न हो पाती।

सैल्वाडोर डाली (Salvador Dalí), जब वह 1947 में फ्रांस में थे, इटैलियन सन्यासी गैब्रियल मारिया बेरर्दी (Gabriele Maria Berardi) से भूत-प्रेत के अपसारण का अनुष्ठान करवाने के लिए विख्यात हुए. डाली ने ईसामसीह की एक मूर्ति क्रॉस पर निर्मित कर अपने धन्यवाद के रूप में प्रदान किया।

गौतम बुद्ध की शिक्षाओं पर आधारित बौद्ध धर्म ने मध्यम वर्ग के अनुयायिओं को छोड़कर अन्य सभी वर्ग के लोगों को आकर्षित किया; इसी काल में भारत का इतिहास लेखन प्रारम्भ हुआ।

चलचित्र देखते समय दादासाहब को प्रभु ईसामसीह के स्थान पर कृष्ण, राम, समर्थ गुरु रामदास, शिवाजी, संत तुकाराम इत्यादि महान विभूतियाँ दिखाई दे रही थीं।

पुराकालीन ईसाइयों में यह ईसामसीह की सच्ची सादगी और गौरव व्यक्त करनेवाले गिरजाघरों के निर्माण के प्रति भारी उत्साह के रूप में था; गाथिक निर्माताओं में यह संरचना यांत्रिकी के ज्ञान से युक्त उत्कट शक्ति थी; इतालवी पुनरुद्धार में यह उस युग की विद्वत्ता थी।

राजघरानो ने लोगों को राजधानी की आकर्षित किया।

मेथोडिस्ट चर्च की यह धारणा है कि यह बात सबसे अधिक महत्वपूर्ण है कि सहायता चाहने वाले व्यक्ति को इस बात का यकीन दिलाया जाए कि ईसामसीह की उपस्थिति और उनका प्यार उसे निश्चित रूप से उपलब्ध है।

इसके अतिरिक्त भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में 14 करोड़ 10 लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, व्याकरण के आधार पर हिन्दी के समान है, एवं दोनों ही हिन्दुस्तानी भाषा की परस्पर-सुबोध्य रूप हैं।

"विश्वास" की सबसे उदात्त सिद्धि है ईसामसीह का "यथार्थसंगत अध्यात्मवाद"।

यह शब्द ऐतिहासिक रूप से दक्षिण एशिया में स्वदेशी या स्थानीय लोगों के लिए एक भौगोलिक, सांस्कृतिक, और बाद में मजहबी या पंथीय पहचानकर्ता के रूप में प्रयुक्त किया गया है।

१७वीं शताब्दी के मध्यकाल में पुर्तगाल, डच, फ्रांस, ब्रिटेन सहित अनेक यूरोपीय देशों, जो भारत से व्यापार करने के इच्छुक थे, उन्होंने देश की आतंरिक शासकीय अराजकता का फायदा उठाया अंग्रेज दूसरे देशों से व्यापार के इच्छुक लोगों को रोकने में सफल रहे और १८४० तक लगभग संपूर्ण देश पर शासन करने में सफल हुए।

उन्होंने क्रिसमस के अवसर पर ‘ईसामसीह’ पर बनी एक फिल्म देखी।

भारत की जनगणना २०११ में 57.1% भारतीय जनसंख्या हिन्दी जानती है जिसमें से 43.63% भारतीय लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित किया था।

ई॰सं॰ ५२७ के लगभग रोम निवासी पादरी डोयोनिसियस ने गणना कर रोम नगर की स्थापना से ७९५ वर्ष बाद ईसामसीह का जन्म होना निश्चित किया।

बहुत से लोगों का विचार है कि भारत में अनेकों भाषाएँ होना कोई समस्या नहीं है जबकि उनकी लिपियाँ अलग-अलग होना बहुत बड़ी समस्या है।

(९) वर्णों के संयुक्तीकरण में र के प्रयोग को लेकर अनेक लोगों को भ्रम की स्थिति।

इस अर्थ में प्रतीक का एक उदाहरण ईसामसीह, स्वयं (सेल्फ) नामक आद्यरूप का प्रतीक हैं।

प्रारंभ में (900 ई.) ईसामसीह पर आधारित साहित्य (अनुवाद एवं चंपू) रचा गया।

ऐसा शब्द किसी प्रदेश (क्षेत्र) के लोगों द्वारा बोल-चाल में य़ों ही बना लिया जाता है।

logos's Usage Examples:

10 The identificaton of the Mal'akh Yahweh with the Logos, or Second Person of the Trinity, is not indicated by the references in the Old Testament; but the idea of a Being partly identified with God, and yet in some sense distinct from Him, illustrates the tendency of religious thought to distinguish persons within the unity of the Godhead, and foreshadows the doctrine of the Trinity, at any rate in some slight degree.


It is not a human individual that the Logos assumes, nor is it humanity, or human nature in general.


Knowledge of the self is one with knowledge of the Universal Logos (Reason); such knowledge is the basis not only of conduct but of existence itself in its only real sense.


They held that Christ's body was so inseparably united with the Logos as not to be consubstantial with humanity; its natural attributes were so heightened as to make it sinless and incorruptible.


An extreme school, the Aktistetae or Gaianists (Gaianus was bishop of Alexandria c. 550) even held that from the moment the Logos assumed the body the latter was untreated, the human being transmuted into the divine nature; and the Adiaphorites went still further; denying, like Stephen Barsudaili, an Edessan abbot, all distinction of essence not even between the manhood and the Godhead in Christ, but between the divine and the human, and asserting that "all creatures are of the same essence with the Creator."


For in this Logos is Life, and this Life is a Light which, though shining in darkness, cannot be suppressed by it.


The Logos existed before creation and time; was with the very God and was God; and all things were made through Him.


Lucian, on the other hand, presisted in holding that the Logos became a person in Christ.


Christ himself was the Logos, the Reason.


The immutability of God requires the eternity of the Logos and of the world.



Synonyms:

Son, Word,



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