lectionary Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
lectionary ka kya matlab hota hai
लेमिशनरी
Noun:
शब्द-संग्रह, कोश, शब्दकोश,
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lectionary शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
असली आधुनिक कोश आया इक्यावन वर्ष बाद 1806 में अमरीका में नोहा वैब्स्टर्स की नोहा वैब्स्टर्स ए कंपैंडियस डिक्शनरी आफ़ इंग्लिश लैंग्वेज प्रकाशित हुई।
ईसा से तीसरी सदी पहले की चीनी भाषा का कोश है 'ईर्या'।
वह अंग्रेजी-रोमन-हिन्दी में तैयार किया गया शब्द-संग्रह है।
कोश को सफल होना ही था, हुआ।
आयोग के सभी शब्द-संग्रह मूलतः अंग्रेजी-हिंदी में हैं, क्योंकि स्रोत भाषा अंग्रेजी रही है।
अमरकोश को विश्व का सर्वप्रथम समान्तर कोश (थेसेरस) कहा जा सकता है।
कोश में शब्दों को इकट्ठा किया जाता है।
इस के लिए उस ने कोश बनाना शुरू किया।
वर्तमान युग ने कोशविद्या को अत्यन्त व्यापक परिवेश में विकसित किया।
इनमें विज्ञान के विषयों का शब्द-संग्रह, मानविकी के विषयों का शब्द-संग्रह, आयुर्विज्ञान, कृषि एवं इंजीनियरी शब्द-संग्रह एवं प्रशासनिक शब्दावली के हिंदी-अंग्रजी संस्करण अब तक प्रकाशित किए जा चुके हैं।
निघण्टु पर महर्षि यास्क की व्याख्या निरुक्त संसार का पहला शब्दार्थ कोश (डिक्शनरी) एवं विश्वकोश (ऐनसाइक्लोपीडिया) है।
इस शब्द-संग्रह में लगभग 9000 शब्द थे।
आज की कोशविद्या का विकसित स्वरूप भाषा विज्ञान, व्याकरणशास्त्र, साहित्य, अर्थविज्ञान, शब्दप्रयोगीय, ऐतिहासिक विकास, सन्दर्भसापेक्ष अर्थविकास और नाना शास्त्रों तथा विज्ञानों में प्रयुक्त विशिष्ट अर्थों के बौद्धिक और जागरूक शब्दार्थ संकलन का पुंजीकृत परिणाम है।
आधुनिक कोशों की नींव डाली इंग्लैंड में 1755 में सैमुएल जानसन ने।
रसायन विज्ञान हेतु लघु पारिभाषिक शब्द-संग्रह।
सन् 1962 में इन सभी शब्दों को एकत्र कर ‘पारिभाषिक शब्द-संग्रह’ के नाम से पहली बार छापा गया।
गूगल के कर्मचारी हिंदी शब्दसागर, हिन्दी भाषा के लिए बनाया गया एक बृहत् शब्द-संग्रह तथा प्रथम मानक कोश है।
अब तक कुल मिलाकर लगभग 35 शब्द-संग्रह/शब्दावलियाँ छापी जा चुकी जिनमें कुल मिलाकर लगभग 8.5 लाख तकनीकी शब्दों के हिंदी पर्याय दिए गए हैं।
आयोग द्वारा निर्मित शब्दावली का उद्देश्य शब्द-संग्रह तक सीमित रहना नहीं है बल्कि विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षण में उसका प्रयोग होना भी उसका अंतिम लक्ष्य है।
वैब्स्टर के बाद अंग्रेजी कोशों के संशोधन और नए कोशों के प्रकाशन का व्यवसाय तेजी से बढ़ने लगा।
संस्कृत-हिन्दी कोश (राज संस्करण) (गूगल पुस्तक ; रचनाकार - वामन शिवराम आप्टे)।
आंध्रभारती का संस्कृत कोश गपेषणम् : आनलाइन संस्कृत कोश शोधन ; कई कोशों में एकसाथ खोज ; देवनागरी, बंगला आदि कई भारतीय लिपियों में आउटपुट; कई प्रारूपों में इनपुट की सुविधा।
काफी शब्दों के निर्माण के निर्माण के बाद उन्हें विषय-समूहवार बृहत् शब्द-संग्रहों के रूप में छापा गया।
इनका वर्तमान कार्य कंप्युटेशनल कोशनिर्माण क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं पर है जिसमें एक प्रमुख परियोजना “बंध जाल” (Frame Net) नाम से प्रसिद्ध है जो अंग्रेजी शब्द-संग्रह (Lexicon) का एक विस्तृत ऑनलाईन विवरण है।
आयोग ने इनमें से अनेक शब्द-संग्रहों के हिंदी-अंग्रेजी संस्करण प्रकाशित किए हैं।
शब्दावली या शब्द-संग्रहों में अंग्रेजी तकनीकी शब्दावली तथा उनके हिंदी पर्याय मात्र होते हैं, किंतु परिभाषा-कोशों में अंग्रेजी तकनीकी शब्द, उसका हिंदी पर्याय और उसके बाद तीन-चार पंक्तियों में हिंदी में उसकी परिभाषा दी जाती है।
उन की डिक्शनरी सैमुएल जॉन्संस डिक्शनरी ऑफ़ इंग्लिश लैंग्वेज ने कोशकारिता को नए आयाम दिए।
आधुनिक कोश की विधाएँ ।
lectionary's Usage Examples:
The Liber comitis formerly attributed to St Jerome must be three, or nearly three, centuries later than that saint, and the Luxeuil lectionary, or Lectionarium Gallicanum, which Mabillon attributed to the 7th, cannot be earlier than the 8th century; yet the oldest MSS.
Nothing in the shape of a lectionary is extant older than the 8th century, though there is evidence that Claudianus Mamercus made one for the church at Vienne in 450, and that Musaeus made one for the church at Marseilles c. 458.
From the 2nd century onwards references multiply, though the earlier references do not prove the existence of a fixed lectionary or order of lessons, but rather point the other way.
LECTIONARY.
It was equally from Jerusalem that they subsequently adopted their lectionary and arrangement of the Christian year; and a 9th-century copy of this lectionary in the Paris library preserves to us precious details of the liturgical usages of Jerusalem in the 4th century.
In 1871 a new Lectionary was substituted for the previously existing one, into the merits and demerits of which it is not possible to enter here; and in 1872, by the Act of Uniformity Amendment Act, a shortened form of service was provided instead of the present form of Morning and Evening Prayer for optional use in other than cathedral churches on all days exeept Sunday, Christmas Day, Ash Wednesday, Good Friday and Ascension Day; provision was also statutably made for the separation of services, and for additional services, to be taken, however, except so far as anthems and hymns are concerned, entirely out of the Bible and the Book of Common Prayer.
Aggadath Bereshith, 83 homilies on Genesis, each in three parts connected with a section from the lectionary of the Pentateuch, and one from the Prophets, and a Psalm (ed.
[The text may be found in Lewis and Gibson's The Palestinian Syriac Lectionary (London, 1899), (Gospels), and in Studia Sinaitica, part vi.
Though thus attributed here to Alcuin, who is known to have revised the Lectionary or Comes Hieronymi, the compilation 176 homilies arranged in order for all the Sundays and festivals of the ecclesiastical year; and probably was completed before the year 780.
This is a lectionary which was once thought to have come from the neighbourhood of Jerusalem, but has been shown by Burkitt to come from.