lapith Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
lapith ka kya matlab hota hai
लैपिथ
Noun:
भक्ति, धार्मिक निष्ठा, निष्ठा, मज़हब, यक़ीन, ईमान, विश्रंभ, प्रत्यय, श्रद्धा, धर्म,
People Also Search:
laplacelapland
laplander
lapp
lapped
lapper
lappers
lappet
lappet caterpillar
lappet moth
lappets
lapping
lappings
lappish
lapps
lapith शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
निराकार परमेश्वर की भक्ति करने के लिये भक्त अपने मन में भगवान को किसी प्रिय रूप में देखता है।
अर्थात-- गोमाता में जिसकी भक्ति हो, प्रणव जिसका पूज्य मन्त्र हो, पुनर्जन्म में जिसका विश्वास हो--वही हिन्दू है।
रहीम दास जी की भाषा अत्यंत सरल है, उनके काव्य में भक्ति, नीति, प्रेम और श्रृंगार का सुन्दर समावेश मिलता है।
इन कथाओं का, जो ऐतिहासिक दृष्टि से नितांत महत्वपूर्ण हैं, केन्द्रबिन्दु प्रियदर्शी अशोक ही हैं जिनके व्यक्तिगत घरेलू जीवन, धार्मिक निष्ठा तथा धर्मप्रचार के अदम्य उत्साह की जानकारी के लिए ये कथाएँ अभिप्रेत हैं।
गोषु भक्तिर्भवेद्यस्य प्रणवे च दृढ़ा मतिः।
गुप्त साम्राज्य में भक्ति पर आधारित हिन्दू धर्म का प्रचलन हुई।
तीर्थों के प्रति हमारे देशवासियों में बड़ी भक्ति भावना है।
महाराजा चेत सिंह की वीरता के ऐतिहासिक पक्ष के साथ उनकी धार्मिक निष्ठा, साहित्य प्रेम एवं सांगीतिक अनुशीलन की भव्यता का अवलोकन कराने वाली आपके दरबारी कवि श्री बलभद्र की नाना छन्दों में रची ११६६ पद्यों की उद्भुत रचना 'चेतसिंह-विलास' में प्राप्त होती है, जिसमें कवि ने राजा मनसाराम, बलवन्त सिंह, एवं चेत सिंह का जीवन-परिचय काव्य रूप में दिया है।
समोआईयों की धार्मिक निष्ठा में निम्नलिखित शामिल हैं: समोआ का ईसाई सामुदायिक चर्च 35.5%, रोमन कैथोलिक 12.7%, मेथोडिस्ट 15%, लैटर-डे सैंट्स 12.7%, समोअन एसेम्बलीज ऑफ़ गौड 10.6%, सेवेंथ-डे एड्वेंटिस्ट 3.5%, वर्शिप सेंटर 1.3%, अनिर्दिष्ट 0.8% (2001 जनगणना).।
श्री राम द्वारा पूरी कथा पूछने पर लक्ष्मण बोले, "प्राचीनकाल में वृत्रासुर नामक असुर पृथ्वी पर पूर्ण धार्मिक निष्ठा से राज्य करता था।
ऐसा इसलिये होता है क्योंकि सभी शब्द विभक्ति और वचन के अनुसार होते हैं और क्रम बदलने पर भी सही अर्थ सुरक्षित रहता है।
6 और 7 वीं शताब्दी में, पहली भक्ति भजन तमिल भाषा में बनाया गया था।
मूर्तियाँ हिन्दुओं के लिये ईश्वर की भक्ति करने के लिये एक साधन मात्र हैं।
भक्ति साहित्य में अवधी में गोस्वामी तुलसीदास, ब्रज भाषा में सूरदास तथा रैदास, मारवाड़ी में मीराबाई, खड़ीबोली में कबीर, रसखान, मैथिली में विद्यापति आदि प्रमुख हैं।
जैन जैन धर्म के अनुयायी हैं जो धार्मिक निष्ठा के उन चौबीस प्रवर्तकों द्वारा बताया गया जिन्हें तीर्थंकर कहा जाता है।