konk Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
konk ka kya matlab hota hai
कोंक
Noun:
उदासी, यति, महंत, मठवासी, संन्यासी, साधु,
People Also Search:
konkankonking
konqueror
koodoo
koodoos
kook
kookaburra
kookaburras
kookie
kookier
kookiest
kooking
kooks
kooky
koolah
konk शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
बिरला मन्दिर , श्रीमणिरामदास जी की छावनी , श्रीरामवल्लभाकुञ्ज , श्रीलक्ष्मणकिला , श्रीसियारामकिला , उदासीन आश्रम रानोपाली तथा हनुमान बाग जैसे अनेक आश्रम आगन्तुकों का केन्द्र हैं।
मुनियों को यति, तपस्वी, भिक्षु और श्रमण भी कहा जाता है।
|प्रोफेसर यतिन खन्ना।
संबोधि की गंभीरता के कारण बुद्ध के मन में उसके उपदेश के प्रति उदासीनता स्वाभाविक थी।
वे भजन-पूजन को समर्पित रहतीं. मां के संस्कारों का प्रभाव. भौतिक सुख-सुविधाओं के प्रति उदासीनता और त्याग की भावना किशोरावस्था में ही विनोबा के चरित्र का हिस्सा बन चुकी थी।
श्लोक प्रायः छंद के रूप में होते हैं अर्थात् इनमें गति, यति और लय होती है।
इन दोनों का संयुक्त अस्तित्व बहुत दिनों तक बना रहा और इनको वैखानस, पर्व्राािट्, यति, मुनि, श्रमण आदि से अभिहित किया जाता था।
उन्होंने गृहस्थ आश्रम त्याग कर श्रीरंगम् के यतिराज नामक संन्यासी से सन्यास की दीक्षा ली।
शहजादा सलीम माँ-बाप और दूसरे लोगों के अधिक दुलार के कारण शिक्षा के प्रति उदासीन हो गया था।
1915- प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी यतिन्द्रनाथ सान्याल और अंग्रेजों के बीच उड़ीसा के काप्टेवाड़ा में संघर्ष।
इस असफल कर्स के कारण वोल्डेमॉर्ट की आत्मा का एक अंश उसके शरीर से निकलकर हैरी के शरीर में चला गया जिससे कि हैरी वस्तुतः एक हॉरक्रक्स बन गया. हैरी के माथे पर बिजली के बाण जैसा निशान इस यतित ह्त्या का प्रत्यक्ष परिणाम था।
लड़कपन ही से ये सांसारिक विषयों से उदासीन रहा करते थे।
यह प्राय: उदासीन प्रकृति की होती है।
आश्रम संस्था को सबसे बड़ी बाधा परंपराविरोधी बौद्ध एवं जैन मतों से हुई जो आश्रमव्यवस्था के समुच्चय और संतुलन को ही नहीं मानते और जीवन का अनुभव प्राप्त किए बिना अपरिपक्व संन्यास या यतिधर्त को अत्यधिक प्रश्रय देते हैं।
| "पापा कहते हैं" (उदासीन)।
सेवा क्षेत्र में अहमदनगर की विफलता मुख्य रूप से आवश्यक कौशल की कमी और प्रशासन की उदासीनता के कारण भी हो सकती है।
गीतांजलि -1961 (मूल बाङ्ला गीतों की यति-गति एवं छंदों के अनुरूप पद्यानुवाद- हंसकुमार तिवारी, मानसरोवर प्रकाशन, गया से प्रकाशित; परवर्ती संस्करण सन्मार्ग प्रकाशन, दिल्ली से सन् 1974 एवं 2000 ई॰ में प्रकाशित।
परंतु संसार का क्रमश: त्याग और यतिधर्म का प्रारंभ हो जाता है (मनु.६)।
अनेक लेखकों का मत है कि इसका कारण यह है कि अतीत में यहाँ के लेखकों ने संस्कृत भाषा को लेखन का माध्यम बनाया और छत्तीसगढ़ी के प्रति ज़रा उदासीन रहे।
इस भाग के श्लोकों में व्याकरण की अनेक त्रुटियाँ छन्दोभंग, यतिभंग तथा अनेक दोष दिखाई देते हैं, जिससे कोई सन्देह नहीं रह जाता कि इन परवर्ती नौ सर्गों की रचना बाद में किसी अज्ञातनामा कवि ने की और कालिदास की मूल रचना के साथ उसे मिला दिया।
उन पुत्रों में से 'श्रीचन्द आगे चलकर उदासी सम्प्रदाय के प्रवर्तक हुए।
लेकिन कश्मीर के नए प्रधानमन्त्री मेहरचन्द्र महाजन के बार-बार सहायता के अनुरोध पर भी भारत सरकार उदासीन रही।
इसके फलस्वरूप मुनि अथवा यतिवृत्ति को बड़ा प्रोत्साहन मिला और समाज में भिक्षुओं की अगणित वृद्धि हुई।
राज्य सरकार की घोषणा के बाद भी इस के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में उदासीनता एवं लापरवाही बरती जा रही है।
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी के कवियों की उर्मिला विषयक उदासीनता के विमर्श ने गुप्त जी को साकेत महाकाव्य लिखने के लिए प्रेरित किया।