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jati Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


jati ka kya matlab hota hai


सागौन

Noun:

जति,



jati शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



बॉलीवुड के अन्य प्रसिद्ध संगीतकार के साथ भी आशा जी ने काम किया जिनमे जतिन ललित, बप्पी लाहिरी, कल्याण जी आन्नद जी, उषा खन्ना, चित्रगुप्त एवं रौशन शामिल है।

1930- राजकुमार कोहली, नागिन (1976), जानी दुश्मन, राजतिलक, विरोधी आदि के निर्माता।

१४ फ़रवरी, १५५६ को अकबर का राजतिलक हुआ।

राज्य के जंगलों में सागौन और साल के पेड़ बहुतायत में पाये जाते हैं।

इसके इर्द-गिर्द के जंगल सागौन व साल की इमारती लकड़ियां और लाख उपलब्ध कराते हैं कृषि उत्पादों में चावल, जूट, चाय और रेशम शामिल हैं।

लघु वनोपज (एमएफपी) जैसे की तेंदू, जिसके पत्ते का बीड़ी बनाने में इस्तेमाल किया जाता हैं, साल बीज, सागौन बीज, और लाख आदि भी राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए योगदान देते हैं।

मुगल साम्राज्य ने अकबर के राजतिलक के बाद पहला निशाना गुजरात को बनाया और सागर तट पर प्रथम विजय पायी १५७२ में, किन्तु पुर्तगालियों की शक्ति को ध्यान में रखते हुए पहले कुछ वर्षों तक उनसे मात्र फारस की खाड़ी क्षेत्र में यात्रा करने हेतु कर्ताज़ नामक पास लिये जाते रहे।

जंगलों में सागौन और बाँस मिलते हैं।

9 सितंबर- प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी जतिन्द्रनाथ सान्याल और अंग्रेजों के बीच उड़ीसा के काप्टेवाड़ा में संघर्ष।

वनों में सागौन, बाँस, तेंदुपत्ता आदि एवं आम, महुआ, आचार, खैरी आदि से भरा पड़ा हैं।

१३ वर्षीय अकबर का कलनौर, पंजाब में सुनहरे वस्त्र तथा एक गहरे रंग की पगड़ी में एक नवनिर्मित मंच पर राजतिलक हुआ।

सागौन, महोगनी, चीड़, ओक, चेस्टनट आदि वृक्षों से लकड़ी मिलती है।

यहाँ बौना रॉडॉडेन्ड्रोन, ओक, चीड़, मैप्ले, फर और जुनिपर के वृक्षों के साथ साल और सागौन जैसे मुख्य आर्थिक प्रजाति के वृक्ष भी पाये जाते हैं।

खोये हुए राज्य को पुनः प्राप्त करने के लिये अकबर के पिता हुमायूँ के अनवरत प्रयत्न अन्ततः सफल हुए और वह सन्‌ १५५५ में हिंदुस्तान पहुँच सका किंतु अगले ही वर्ष सन्‌ १५५६ में राजधानी दिल्ली में उसकी मृत्यु हो गई और गुरदासपुर के कलनौर नामक स्थान पर १४ वर्ष की आयु में अकबर का राजतिलक हुआ।

यहाँ पर सागौन के दरवाजे, खिड़की आदि बहुत ही खुबसूरत ढंग से बनाए जाते हैं।

लकड़ियों में सागौन बहुतायक में मिलता है।

यहाँ बलोच और जाट जातियों की अधिकता है, इसलिए इसको 'बरीचिकी' और 'जतिकी' भी कहा जाता है।

सागौन की कुछ उन्नत किस्म भी छत्तीसगढ़ के वनों में पायी जाती है।

इन वनों के प्रमुख वृक्ष सागौन, बांस, क्वीब्राको एवं साल जाति के हैं।

यहाँ साल, सागौन, साजा और बीजा और बाँस के वृक्षों की अधिकता है।

" पंचतंत्र नामक भारतीय साहित्य दर्शन में कहा गया है "विधाक्तिम शिल्पं तावन्नाप्यनोती मानवः सम्यक यावद ब्रजति न भुमो देशा - देशांतर:।

सर्वाधिक ढाख, शीशम, नीम, बेल, पीपल, बरगद, गूलर, महुआ, जामुन, सागौन, अर्जुन आदि के वृक्ष हैं।

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