iron age Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
iron age ka kya matlab hota hai
कलियुग
Noun:
लौह युग,
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iron age शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
तुलसीदास जी जब काशी के विख्यात् घाट असीघाट पर रहने लगे तो एक रात कलियुग मूर्त रूप धारण कर उनके पास आया और उन्हें पीड़ा पहुँचाने लगा।
अधिकतर पश्चिमी विद्वान जैसे मायकल विटजल के अनुसार भारत युद्ध १२०० ईसा पूर्व में हुआ था, जो इसे भारत में लौह युग (१२००-८०० ईसा पूर्व) से जोड़कर देखते हैं।
एकादश स्कंध में यादवों के नाश और बारहवें में कलियुग के राचाओं के राजत्व का वर्णन है।
तुलसीदासजी अब असीघाट पर रहने लगे, तब एक रात कलियुग मूर्तरूप धारणकर उनके पास आऐ और उन्हें त्रास देने लगे।
३५०० साल पहले, लौह युग में, वैदिक भजनों और अनुष्ठानों से पता चला जा सकता है जिसमें हड़प्पा के विचारों के निशान होते हैं, लेकिन एक स्थाई शहरी जीवन शैली की बजाय एक खानाबदोश और ग्रामीण जीवन शैली के लिए डिजाइन किया गया है।
इस गणना के अनुसार रामायण का समय न्यूनतम ८,७०,००० वर्ष (वर्तमान कलियुग के 5,118 वर्ष + बीते द्वापर युग के ८,६४,००० वर्ष) सिद्ध होता है।
इसमें कलियुग के राजाओं की सूची दी गई है।
सिद्धान्त, तन्त्र और करण के लक्षणों में यह है कि ग्रहगणित का विचार जिसमें कल्पादि या सृष्टयादि से हो वह सिद्धान्त, जिसमें महायुगादि से हो वह तन्त्र और जिसमें किसी इष्टशक से (जैसे कलियुग के आरम्भ से) हो वह करण कहलाता है ।
लौह युगी एशिया के देश कोशल(कोसल) प्राचीन भारत के १६ महाजनपदों में से एक था।
लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया।
एक कलियुग ४,३२,००० वर्ष का, द्वापर ८,६४,००० वर्ष का, त्रेता युग १२,९६,००० वर्ष का तथा सतयुग १७,२८,००० वर्ष का होता है।
लौह युग - जब औज़ारो व हथियारों में लोहे का इस्तेमाल शुरू हो गया।
पुराणों में कहा गया है कि सरस्वती के शाप से भारतवर्ष में आईं गंगा शाप की अवधि पूरी हो जाने पर यानी कलियुग की समाप्ति पर पुन: भगवान श्रीहरि की आज्ञा से बैकुण्ठ चली जाएँगी।
अंग्रेजी के प्रसिद्ध कवि आर्नल्ड ने गेटे को ‘लौह युग का चिकित्सक’ बताया है, पर गेटे के विचार आज भी नवीन तथा सजीव हैं।
हिन्दू कालगणना चतुर्युगी व्यवस्था पर आधारित है जिसके अनुसार समय अवधि को चार युगों में बाँटा गया है- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग एव कलियुग जिनकी प्रत्येक चतुर्युग (४३,२०,००० वर्ष) के बााद पुनरावृत्ति होती है।
हिन्दू धर्म के अनुसार, खाटू श्याम जी कलियुग में श्री कृष्ण से वरदान प्राप्त किया था कि वे कलयुग में उनके नाम श्याम से पूजे जाएँगे।
लौह युग को तीन भागों में बाँटा गया हैं–।
चित्र जोड़ें कुरु साम्राज्य (संस्कृत: कुरु) उत्तरी लौह युग के भारत में एक वैदिक साम्राज्य था।
२००० से ५०० ईसा पूर्व तक ताम्र पाषाण युग संस्कृति से लौह युग का आगमन हुआ।
लौह युग के दौरान उस क्षेत्र में बसने वाली जनजातियों को रोमन लोग वोतादिनी (Votadini) कह करते थे, जिन्हें बाद में गोदौद्दिन्(Gododdin) कहा जाने लगा।
लगभग 1000 ईसा पूर्व से लौह युग का सूत्रपात हुआ।
हज़ारों वर्ष पूव पाषाण युग और लौह युग में रुआण्डा क्षेत्र में शिकारी-फ़रमर लोग बसे और वर्तमान रुआण्डा के त्वा लोग उन्ही के वंशज हैं।
लौह युगी एशिया के देश।
कलियुग का अन्त समीप आ जाने पर जब अनाचार बहुत बढ़ जाएगा और राजा लोग लुटेरे हो जाएँगे, तब सम्भल नामक ग्राम के विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर भगवान् का कल्कि अवतार होगा।
इस समय चल रहा युग कलियुग है और भागवत पुराण की भविष्यवाणी के आधार पर इस युग के अंत में कल्कि अवतार होगा।
श्री कृष्ण बर्बरीक के महान बलिदान से काफ़ी प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि जैसे-जैसे कलियुग का अवतरण होगा, तुम श्याम के नाम से पूजे जाओगे।
Synonyms:
antique, old,
Antonyms:
new, fashionable, junior,