inimitability Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
inimitability ka kya matlab hota hai
इनामिबिलिटी
Noun:
अपरिहार्यता, अनिवार्यता,
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inimitableinimitableness
inimitably
inion
iniquities
iniquitous
iniquitously
iniquity
init
initial
initial offering
initial public offering
initial rhyme
initialed
initialer
inimitability शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
लिखावट सुंदर हो इसलिये प्राचीन समय में तख्ती, क़लम और काली स्याही की दवात का प्रयोग अनिवार्यता था।
बौद्ध तथा जैन सुधारणा ने आश्रम का विरोध नहीं किया, किंतु प्रथम दो आश्रमों-ब्रह्मचर्य और गार्हस्थ्य-की अनिवार्यता नहीं स्वीकार की।
पूर्वी पाकिस्तानमें तनाव बढ़ने के साथ, ब्लड ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता को एक अपरिहार्यता के रूप में देखा।
उन्होंने औरों की तरह न केवल मार्क्सवाद के इस तनाव को महसूस किया वरन् उन दोनों धाराओं के अन्तर को महसूस कर एक का चयन भी कर लिया और उन्होंने मार्क्सवाद में क्रांति की अपरिहार्यता को अस्वीकृत करने के बाद भी स्वयं को सच्चा मार्क्सवादी कहना न छोड़ा।
महात्मा गांधी ने भी संघर्ष की अनिवार्यता को स्वीकार किया है।
आवश्यकता- जरूरत, अपेक्षा, गरज, अनिवार्यता, अपरिहार्यता, महत्ता।
इस प्रकार भारतीय संस्कृति में धर्म और मोक्ष आध्यात्मिक सन्देश एवं अर्थ और काम की भौतिक अनिवार्यता परस्पर सम्बद्ध है।
आवश्यकता- जरूरत, अपेक्षा, गरज, अनिवार्यता, अपरिहार्यता, महत्ता।
लेकिन हाल ही में, वरिष्ठ राज्य के नेताओं और पार्टी के केंद्रीय नेताओं दोनों के नेतृत्व में अक्षमता और लापरवाही के कारण, त्रिनुम त्रिपुरा में राजनीतिक अपरिहार्यता की ओर तेजी से आ रहा है।
कश्मीर जाने के लिए परमिट की अनिवार्यता की गई।
वाक्यखंड में संज्ञा का एक विशेष स्थान होता है और विभक्तियों की आज जैसी अनिवार्यता उस समय थी भी नहीं, क्योंकि यह एक महान वास्तविक कल्पना थी जो यहूदियों की अपनी थी तथा शब्दों के प्रति उनका संवेदन मर्मस्पर्शी था।
अत्यन्त आकस्मिकता व अपरिहार्यता की स्थिती में ही विवाहादि में इनका प्रयोग करें।
इसकी सर्वार्थिक उपादेयता की प्रथम अनिवार्यता इसकी बोधगम्यता है।
हिंदी में इसके साथ "देना", "हटाना", "रखना" आदि सकर्मक क्रियाओं का प्रयोग, इसमें व्यक्तिगत प्रयत्न की अनिवार्यता सिद्ध करता है।
पूरे आश्रमधर्म की प्रतिष्ठा और उनके क्रम की अनिवार्यता भी स्वीकार की गई।
सांस्कृतिक आवश्यकता एवं अपरिहार्यता ।
दार्शनिक स्तर पर समाज के लिए राज्य की अनिवार्यता स्थापित करने का श्रेय सत्रहवीं सदी के विचारक थॉमस हॉब्स और उनकी रचना लेवायथन को जाता है।
जीवन के विभिन्न व्यवहारों के अनुरूप भाषिक प्रयोजनों की तलाश हमारे दौर की अपरिहार्यता है।
सूत्रों के रूप में तो बीजगणित की अनिवार्यता तुरन्त प्रकट हो जाती है।