incensers Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
incensers ka kya matlab hota hai
धूप
Noun:
हवन सामग्री, सुगंध,
Verb:
कुद्ध करना, चिढ़ाना, क्रोध से कुद्ध करना, धूप देना,
People Also Search:
incensesincensing
incensor
incensories
incensors
incensory
incenter
incentive
incentive option
incentive program
incentive scheme
incentive stock option
incentives
incentre
incept
incensers शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
मिट्टी की सुगंध नामक कहानी संग्रह संपादित कर उषा राजे सक्सेना ने युनाइटेड किंगडम के कथाकारों को पहली बार एक संगठित मंच प्रदान किया।
हवन सामग्री के अतिरिक्त लाजा (धान की खीलें) रखनी चाहिए।
इन नए रूपों को विशेष रूप से सुगंधित चंदन-नीम के पेड़ों से निर्धारित कड़ी धार्मिक रीतियों के अनुसार सुगंधित किया जाता है।
उनका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन और धूप को सुगंधित करने के लिए भी किया जाता है।
ऋतु अनुसार हवन सामग्री ।
यथा, वायु देवता से हमारा श्वास प्रश्वास चलता है, हवा को हम गंदा करते हैं; उत्तम सुगंधित पदार्थो के धूप-दीप से, होम हवन से, हवा पुन: स्वच्छ करनी चाहिए।
हवन सामग्री में थोड़ा मेवा, मिष्टान्न मिलाकर ५ आहुतियाँ निम्न मन्त्र से दें।
विशेष आहुति के लिए खीर, मिष्टान्न या मेवा जिसे हवन सामग्री में मिलाकर आहुतियाँ दी जा सकें।
इस प्रयोग में पांच दजर्न से ज्यादा जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार हवन सामग्री का इस्तेमाल किया गया।
इसके अलावा जलयान निर्माण, स्वचालित यंत्र, चित्रमय परदे, सुगंधित द्रव्य, चीनी मिट्टी के बरतन, शराब, आभूषण, शृंगार की वस्तुओं, फीते, लकड़ी की वस्तुओं के उत्पादन में तो फ्रांस ने विश्व के अन्य देशों को पीछे छोड़ दिया है।
आहुति अथवा हव्य अथवा होम-द्रव्य अथवा हवन सामग्री वह जल सकने वाला पदार्थ है जिसे यज्ञ (हवन/होम) की अग्नि में मन्त्रों के साथ डाला जाता है।
लकड़ी और औषधीय जडी़ बूटियां जिनको आम भाषा में हवन सामग्री कहा जाता है को साथ मिलाकर जलाने से वातावरण में जहां शुद्धता आ जाती है वहीं हानिकारक जीवाणु 94 प्रतिशत तक नष्ट हो जाते हैं।
इसकी लकड़ी का उपयोग मूर्तिकला, तथा साजसज्जा के सामान बनाने में और अन्य उत्पादनों का अगरबत्ती, हवन सामग्री, तथा सौगंधिक तेज के निर्माण में होता है।
इस प्रकार इस क्षेत्र की एक आध्यात्मिक सुगंध है, जो पूरे वातावरण में व्याप्त है और यहाँ के प्रत्येक दिन को आध्यात्मिक रूप से जीवंत बनाती है।
किसी भी ऋतु में सामान्य हवन सामग्री ।
यहां के लोग पाम आयल, जड़ी-बूटियों तथा सुगंध वाले पौधों की खेती भी बड़े पैमाने पर करने लगे हैं।
अपनी विशिष्ट सुगंध और स्वाद करी पत्ते, सरसों के बीज, धनिया, अदरक, लहसुन, मिर्च, काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, हरी इलायची, जीरा, जायफल, नारियल और गुलाब जल हर एक पकवान को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाते है।
भीमसेनजातक में यहाँ के उत्तम सुगंधित द्रव्यों का भी उल्लेख है।
खैर, चूना, सुपारी के योग से इसका बीड़ा लगाया जाता है और मुख की सुंदरता, सुगंधि, शुद्धि, श्रृंगार आदि के लिये चबा चबाकर उसे खाया जाता है।
इसके साथ विभिन्न प्रकार के सुगंधित, असुगंधित तमाखू, तरह तरह के पान के मसाले, लवंग, कपूर, सुगंधद्रव्य आदि का भी प्रयोग किया जाता है।
यह हवन सामग्री गुरकुल कांगड़ी हरिद्वार संस्थान से मंगाई गयी थी।
इधर हवन सामग्री में पूजा स्थल से एक नीलकमल रावण की मायावी शक्ति से गायब हो गया और राम का संकल्प टूटता-सा नजर आने लगा।
दैनिक या मासिक होम में सामान्यतः नित्य हवन सामग्री का प्रयोग किया जाता है जिसमें जौ (यव), अक्षत, घी, शहद, तिल, पंचमेवा, एवं ऋतुफलों को काटकर प्रयोग किया जाता है इनकी मात्राएं निर्धारित होती है।
भारतीय मलमल, मोती और मसालों की बारीकी, चमक और सुगंध में वे डूबने लगे और प्लिनी जैसे इतिहासकार की चीख के बावजूद रोम का सोना भारत के पश्चिमी बंदरगाहों से यहाँ आने लगा।
हवन सामग्री में कुछ मिष्टान्न मिलाकर पाँच आहुतियाँ निम्न मन्त्र से कराएँ।
हवन सामग्री के साथ निर्धारित मेवा-मिष्टान्न खीर आदि मिलाकर पाँच आहुतियाँ नीचे लिखे मन्त्र दी जाएँ।