inarticulateness Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
inarticulateness ka kya matlab hota hai
मुखरता
Noun:
स्पष्टता, गठीलापन,
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inarticulationinartificial
inartistic
inartistical
inasmuch
inasmuch as
inattention
inattentions
inattentive
inattentively
inattentiveness
inaudibility
inaudible
inaudibleness
inaudibly
inarticulateness शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
प्रत्याहार के प्रयोग से व्याकरण के नियम संक्षिप्त रूप में पूरी स्पष्टता से कहे गये हैं।
मानव भाषा की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वह ‘व्यक्त वाक्’ अर्थात् शब्द और अर्थ की स्पष्टता लिए हुए होती है।
परन्तु, अथर्ववेद की शाब्दिक स्पष्टता से लेकर महाभारत तक में हिंसा के अत्यधिक विरोध के बावजूद सनातन (हिन्दू) धर्म में इस कदर हिंसा व्याप्त हो गयी कि अहिंसा के प्रबल उपदेशक बुद्ध को जयदेव के समय (12वीं शती) से पहले ही पूरी तरह भगवान् का सहज अवतार मानकर उनके उपदेशों को मान्यता दे दी गयी।
गैलेना (Galena) एक दूसरे रोमन वैद्य थे, जिन्होंने दूसरी शताब्दी में पशुओं की अनेक विशेषताओं का बड़ी स्पष्टता से वर्णन किया है।
জজজ
सीमा शुल्क विंग शीघ्र और निर्यात / आयात खेपों की स्पष्टता सुनिश्चित करता है।
अत्यधिक संक्षेप होने के कारण सूत्रों में अपने आप में अस्पष्टता है और उन्हें बिना भाष्य या टीका के समझना सम्भव नहीं है।
इस प्रकार, विज्ञान की स्पष्टता और सरलता को नास्तिकता के खतरे तथा अंधविश्वासी उत्साह दोनों की भावनात्मक और आध्यात्मिक अतिशयोक्ति का मुकाबला करने के लिए एक रास्ते के रूप में देखा गया, और उसी समय पर, अंग्रेजी देवत्व की एक दूसरी लहर ने न्यूटन की खोजों का उपयोग एक "प्राकृतिक धर्म" की संभावना को प्रर्दशित करने के लिए किया।
अधिक स्पष्टता की दृष्टि से इस प्रकार विभाजन किया गया है - पूर्वी मलनाड (Eastern Highland), अडिवारम (तराई - Foot Hill Zone), ऊँचा पहाडी क्षेत्र (Hilly Uplands), पालक्काड दर्रा, तृश्शूर-कांजगाड समतल, एरणाकुलम - तिरुवनन्तपुरम रोलिंग समतल और पश्चिमी तटीय समतल।
(घ) आधुनिक शब्दकोशों मे अर्थ की स्पष्टता के लिये चित्र, रेखा-चित्र, मानचित्र आदि का उपयोग भी किया जाता है।
इनमें प्रायः पारिभाषिक एवं तकनीकी शब्दों का खुलकर किया जाता है ताकि गूढ से गूढ बात भी संक्षेप में किन्तु स्पष्टता से कही जा सके।
विद्वानों ने बुद्धिमत्तापूर्वक टिंडेल की स्पष्टता और कवरडेल की लयात्मक वाक्पटुता को काफी हद तक छोड़ दिया।
महादेवी लिखती हैं: “आग हूँ जिससे ढुलकते बिन्दु हिमजल के” और भी स्पष्टता की माँग हो तो ये पंक्तियाँ देखें: मेरे निश्वासों में बहती रहती झंझावात/आँसू में दिनरात प्रलय के घन करते उत्पात/कसक में विद्युत अंतर्धान।
वह टिंडेल की स्पष्टता को निबाहने में सफल हुआ है किंतु उसने उसे वाग्मीयता से भर दिया है।