inappreciation Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
inappreciation ka kya matlab hota hai
प्रशंसा में
Noun:
अभिमूल्यन,
People Also Search:
inappreciativeinapprehensible
inapprehension
inapprepriate
inapproachable
inapproachably
inappropriate
inappropriately
inappropriateness
inapt
inaptitude
inaptitudes
inaptly
inaptness
inarable
inappreciation शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
रणजीत सिंह ने इस नए इलाके की हुकूमत के लिए एक जागीरदार की नियुक्ती की और १८२० में गुलाब सिंह एवं उनके परिवार की मुलाज़मत का अभिमूल्यन करते हुए महाराज रणजीत सिंह ना जम्मू को एक वंशानुगत जागीर के रूप में किशोर सिंह को सौंप दिया।
ये वैयक्तिक संसाधन की खोज जैसे अंदरूनी शक्ति,चुनाव , अभिमूल्यन आदि पर आधारित शांति की शिक्षा देते हैं।
प्रशंसा में गायक या भाट जो कभी-कभी "ग्रिओट्स" के रूप में जाने जाते हैं, अपनी कहानियाँ संगीत के साथ सुनाते है।
विस्तृत वर्णनवाले महाकाव्य, व्यावसायिक पद्य, पारंपरिक पद्य तथा शासकों और दूसरे प्रमुख लोगों की प्रशंसा में लिखी गई कविताएँ।
जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में गठित समिति जिसमें मौलाना अबुल कलाम आजाद भी शामिल थे, ने पाया कि इस गीत के शुरूआती दो पद तो मातृभूमि की प्रशंसा में कहे गये हैं, लेकिन बाद के पदों में हिन्दू देवी-देवताओं का जिक्र होने लगता है; इसलिये यह निर्णय लिया गया कि इस गीत के शुरुआती दो पदों को ही राष्ट्र-गीत के रूप में प्रयुक्त किया जायेगा।
संगम साहित्य अनेक वीरों और वीरांगनाओं की प्रशंसा में रचित अनेक छोटी-बड़ी कविताओं का संग्रह है।
अन्नामय्या कदप्पा जिले से हैं जो चित्तौर जिले के तिरुपति में बस गए और श्री वेंकटेश्वर स्वामी की प्रशंसा में कई गाने बनाये गये विजयनगर काल के हैं और तेलुगू साहित्य के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध कर्नाटक संगीतकार में से एक है।
इस पर किया गया सुलेखन मुमताज की पहचान एवं प्रशंसा में है।
यूनानी शासक सेल्यूकस के राजदूत मैगस्थनीज ने वैश्य समाज की विरासत की प्रशंसा में लिखा है-‘कि देश में भरण- पोषण के प्रचुर साधन तथा उच्च जीवन-स्तर, विभिन्न कलाओं का अभूतपूर्व विकास और पूरे समाज में ईमानदारी, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार तथा प्रचुर उत्पादन वैश्यों के कारण है।
रामानुज की प्रशंसा में सौ पदों की रचना रामानुजनूर्रदादि इस दृष्टि से प्रमुख अपवाद है।
इसको मंच पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है लेकिन मूल रूप से यह किसी देवी या देवता की प्रशंसा में गाया जाने वाला गीत है।
वैश्य समाज की समाजसेवा प्रवृत्ति की प्रशंसा में राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने दिल्ली में 22 फरवरी 2009 को भाषण के दौरान कहा था कि ‘इस समाज का प्रेम और सद्भाव देश को मंदी के दौर से उबारने में सक्षम है।
इन कृतियों के बीच-बीच में भी यदि कहीं कबीर एवं शेख फरीद के 'सलोक' संगृहीत हैं तो अन्यत्र किन्हीं 11 पदों द्वारा निर्मित वे स्तुतियाँ दी गई हैं जो सिख गुरुओं की प्रशंसा में कही गई हैं ओर जिनकी संख्या भी कम नहीं है।
उसी अवसर पर प्रासाद की ओर जाते हुए सिद्धार्थ की शोभा से मुग्ध होकर राजकुमारी कृशा गौतमी ने उनकी प्रशंसा में एक प्रसिद्ध गाथा कही जिसमें 'नुबुत्त' (निर्वृत्त प्रशान्त) शब्द आता है।
राजा ने धारिणी की प्रशंसा में कहा की आपके पुत्र विजयी होकर वापस लौटे हैं अतैव आप वीरमाता के नाम से जानी जाओगी।