immoralists Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
immoralists ka kya matlab hota hai
अनैतिक
Noun:
पाप, अनैतिक आचरण, अधर्म, अनीति, अनैतिकता,
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immoralists शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
तीन पंचक्रोशी-परिक्रमा करने वाले के जन्म-जन्मान्तर के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
मानव योनि ही अकेला ऐसा जन्म है जिसमें मनुष्य के कर्म, पाप और पुण्यमय फल देते हैं और सुकर्म के द्वारा मोक्ष की प्राप्ति मुम्किन है।
पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है।
यानि कानि च पापानि जन्मान्तर कृतानि च .।
कतिपय ऋषियों की चारित्रिक त्रुटियों तथा अनैतिक आचरणों का भी वर्णन वैदिक तथा उनका अनुसरण करनेवाले महाभारत और पुराणों में पाए जानेवाले आख्यानों में उपलब्ध होता है।
मैं चुनाव के संबध में अनैतिक आचरण नहीं करूँगा |।
7. परोपकार पुण्य है, दूसरों को कष्ट देना पाप है।
एक प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल अनैतिक आचरण के लिए प्रेरित कर सकता है।
अनुसंधान और अनैतिक आचरण का नैतिक लागत के इस तरह के संभावित लाभ का एक मूल्यांकन चुनाव के लिए सुराग प्रदान करेगा।
काशीवासियोंको कम से कम वर्ष में एक बार पंचकोसी-परिक्रमाअवश्य करनी चाहिए क्योंकि अन्य स्थानों पर किए गए पाप तो काशी की तीर्थयात्रा से उत्पन्न पुण्याग्नि में भस्म हो जाते हैं, परन्तु काशी में हुए पाप का नाश केवल पंचकोसी-प्रदक्षिणा से ही संभव है।
अठारह पुराणों में अलग-अलग देवी-देवताओं को केन्द्र मानकर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएँ कही गयी हैं।
कई कंपनियां पर्यावरणीय कारकों का आकलन करती हैं जो कर्मचारियों को अनैतिक आचरण में संलग्न कर सकते हैं।
नितान्त स्वार्थ लाभ से प्रेरित होकर अमीचंद ने अँग्रेजों की यथेष्ट सहायता की; किंतु, इतिहास में उसका नाम अपरिचित ही रहता यदि प्लासी युद्ध के पूर्व क्लाइव के अनैतिक आचरण से इंग्लैंड की पार्लियामेंट में तथा अँग्रेज इतिहासकारों द्वारा क्लाइव के कार्य की कटु आलोचना न हुई होती।
मानव मन की निश्चिंतता, पवित्रता, भावुकता, भोलेपन व निष्पापता का युग था।
मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो इस लोक में पाप और पुण्य, दोनो कर्म भोग सकता है और मोक्ष प्राप्त कर सकता है।
लेकिन यहां यह भी बात ध्यान रहे कि काशी में पाप करने वाले को मरणोपरांत मुक्ति मिलने से पहले अतिभयंकर भैरवी यातना भी भोगनी पडती है।
उनमें विषाद, पाप या कष्टमय जीवन के विचार की छाया नहीं थी।
भक्त सब पापों से मुक्त होकर पवित्र हो जाता है।
किंतु, इतिहास में उसका नाम अपरिचित ही रहता यदि प्लासी युद्ध के पूर्व क्लाइव के अनैतिक आचरण से इंग्लैंड की पार्लियामेंट में तथा अँग्रेज इतिहासकारों द्वारा क्लाइव के कार्य की कटु आलोचना न हुई होती।
पुराणों में अलग-अलग देवी-देवताओं को केन्द्र में रखकर पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म और कर्म-अकर्म की कहानियाँ हैं।