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habshi Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


habshi ka kya matlab hota hai


Adjective:

खट्टा, कसैला, तेज़, निष्ठुर, खरछरा, रूखा, कड़ा, कठोर,



habshi शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



लैक्टोज का किण्वन लैक्टिक अम्ल बनाता है, जो दूध प्रोटीन से प्रतिक्रिया कर इसे दही मे बदल देता है साथ ही इसे इसकी खास बनावट और विशेष खट्टा स्वाद भी प्रदान करता है।

इसी प्रकार सोडियम बाईसल्फाइड खट्टा और क्षारहर होता है।

पिलाव (या पुलाव) खट्टा तथा मीठा दोनों स्वाद में मांस के साथ खाया जाता है।

गूलर शीतल, गर्भसंधानकारक, व्रणरोपक, रूक्ष, कसैला, भारी, मधुर, अस्थिसंधान कारक एवं वर्ण को उज्ज्वल करने वाला है कफपित्त, अतिसार तथा योनि रोग को नष्ट करने वाला है।

वैद्यक में सिंघाड़ा शीतल, भारी कसैला वीर्यवर्द्घक, मलरोधक, वातकारक तथा रुधिरविकार और त्रिदोष को दूर करनेवाला कहा गया है।

पका फल - कसैला, मधुर, कृमिकारक, जड, रूचिकारक, अत्यंत शीतल, कफकारक, तथा रक्तदोष, पित्त, दाह, क्षुधा, तृषा, श्रम, प्रमेह शोक और मूर्छा नाशक है।

छह रस- कड़वा, तीखा, खट्टा, मीठा, कसैला, खारी।

कच्चा फल कसैला, खट्टा, वात पित्त को उत्पन्न करनेवाला, आँतों को सिकोड़नेवाला, गले की व्याधियों को दूर करनेवाला तथा अतिसार, मूत्रव्याधि और योनिरोग में लाभदायक बताया गया है।

यह मधुर, कसैला, शीतल, हलका, स्निग्ध, पिच्छिल तथा शुक्र और कफ को बढ़ाने वाला कहा गया है।

इसके अतिरिक्त वनस्पति शास्त्रियों के अनुसार हरड़ के 3 भेद और किए जा सकते हैं- पक्व फल या बड़ी हरड़, अर्धपक्व फल पीली हरड़ (इसका गूदा काफी मोटा स्वाद में कसैला होता है।

गुण- कठूमर स्तम्भक, शीतल, कसैला, तथा पित्तकफ, व्रण, श्वेतकुष्ट, पाण्डुरोग, अर्श, कामला, दाह, रक्तातिसार, रक्तविकार, शोथ, उर्ध्वश्वास एवं त्वग दोष विनाशक है।

कच्चा फल कसैला, खट्टा, वात पित्त को उत्पन्न करनेवाला, आँतों को सिकोड़नेवाला, गले की व्याधियों को दूर करनेवाला तथा अतिसार, मूत्रव्याधि और योनिरोग में लाभदायक बताया गया है।

प्रकृति में यह अम्लीय और कसैला होता है और स्वाद में मीठा होता है।

(४) रसायन प्रत्यक्ष, जैसे, फल खाने पर जान पड़ता है कि वह मीठा है अथवा खट्टा है।

वह एक अभिनेता और निर्माता थे, जिन्हे अंगूर (१९८२),गोल माल (1979 फ़िल्म), खट्टा मीठा (1978 फ़िल्म), नास्तिक, रंग बिरंगी,अंदाज अपना अपना (१९९४) और दिल तो पागल है (१९९७) ही नहीं वरन कई हास्य फ़िल्मों के लिए जाना जाता है।

बिन्दिया आगे बढ़ी और जल्द ही निर्देशक बासु चटर्जी के साथ खट्टा मीठा (1977) और प्रेम विवाह (1979) में सफल रही।

आलू बुख़ारों का ज़ायका मीठा या खट्टा होता है और अक्सर इनका पतला छिलका अधिक खट्टा होता है।

इस फल को सुखाने के बाद चूरा बनाया जाता है और इसे पानी में मिलाने से नींबू पानी जैसा खट्टा स्वास्थयवर्धक पेय बनता है।

अम्ल (ऐसिड) उन पदार्थों को कहते हैं जो पानी में घुलने पर खट्टे स्वाद के होते हैं (अम्ल खट्टा), हल्दी से बनी रोली (कुंकम) को पीला कर देते हैं,तथा इनका जलीय विलयन नीले लिटमस पेपर को लाल करता है।

पर यह स्वाद में खट्टा और क्रिया में क्षारहर होता है।

"पानकरस" का उदाहरण देकर जैसे यह सिद्ध किया गया कि गुड़ मिरिच आदि को मिश्रित करके बनाए जानेवाले पानक रस में अलग-अलग वस्तुओं का खट्टा मीठापन न मालूम होकर एक विचित्र प्रकार का आस्वाद मिलता है, उसी प्रकार यह भी कहा गया कि उस वैचित्र्य में भी आनुपातिक ढंग से कभी खट्टा, कभी तिक्त और इसी प्रकार अन्य प्रकार का स्वाद आ ही जाता है।

स्वाद कसैला, तीखा होता है तथा गोदने पर वृक्ष से एक प्रकार का दूध निकलता है।

सेमल की छाल कसैली और कफनाशक; फूल शीतल, कड़वा, भारी, कसैला, वातकारक, मलरोधक, रूखा तथा कफ, पित्त और रक्तविकार को शांत करने वाला कहा गया है।

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