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gynaecium Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


gynaecium ka kya matlab hota hai


स्त्री रोग

Noun:

जायांग,



gynaecium शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



कुछ क्षेत्रों में इसमें मामूली सर्जरी, दवाएं लिखना, रीढ़ की हड्डी के उपचार, प्रसूति एवं स्त्री रोगों के निदान की मंजूरी दी जाती है, जबकि दूसरे क्षेत्रों में इन्हें प्राकृतिक चिकित्सा के दायरे से बाहर रखा जाता है।

जायांग पाँच एवं प्रत्येक अंडप के अंतिम भाग में एक वर्तिकाग्र होते हैं।

G जायांग (कार्पेल या अन्ड़प; उदाहरण, G1 एक अंडकोषधारी)।

इन शिकायतों को लेकर महिलाएं, स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाती है।

यहाँ के K2 कैलिक्स (Calyx, बाह्यदल पुंज) C कौरोला (Corolla, दलपुंज); Aएंड्रोसियम (Androecium पुमंग) G गाइनासियम (Gynacium जायांग)।

लौंग के चार नुकीले भाग बाह्यदल (sepal) हैं तथा अंदर के गोल हिस्से में दल (petal) और उनसे ढँका हुआ आवश्यक भाग है, पुमंग (ardroecium) एवं जायांग (gynaeceum)।

गर्भावस्था के दौरान महिला की किसी स्त्री रोग से विशेषज्ञ से करवानी चाहिए।

लेबियेटी कुल में पुष्य का जायांगधर लक्षण आद्य है जबकि अन्य सभी लक्षण प्रगत माने जाते है।

, स्त्री रोग, बाँझपन, शक्तिन्यूनता और पागलपन तक दूर करने में समर्थ है।

वे एलिनर लिपमन के उपन्यास देन शी फाउन्ड मी के फ़िल्मी रूपांतरण में (हंट की प्रथम विर्देषित फ़िल्म) हेलेन हंट के प्रसूतिविज्ञानी- स्त्री रोग-विशेषज्ञ की भूमिका में प्रस्तुत होते हैं।

योगनिद्रा का प्रयोग रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, सिरदर्द, तनाव, पेट में घाव, दमे की बीमारी, गर्दन दर्द, कमर दर्द, घुटनों, जोड़ों का दर्द, साइटिका, अनिद्रा, अवसाद और अन्य मनोवैज्ञानिक बीमारियों, स्त्री रोग में प्रसवकाल की पीड़ा में बहुत ही लाभदायक है।

एक दिन प्रकाश को दिल्ली से उसके एक स्त्री रोग विशेषज्ञ दोस्त डॉ॰ त्रिवेदी का ख़त आता है कि वह अपने दोस्त आनन्द (राजेश खन्ना) को उसके पास भेज रहा है।

डाक्टर के पास जाओ और एस टी डी की जांच के लिए हो या अगर आप पुरूष हैं तो त्वचा विशेषज्ञ के पास जाओ स्त्री हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाओ।

गुलाब के पौधे में पुष्पासन जायांग से होता हुआ लम्बाई में वृद्धि करता है तथा पत्तियों को धारण करता है।

19. जायांगधर (hypogynous) पुष्प आद्य तथा जायांगोपरिक (epigynous) पुष्प सबसे प्रगत दशा है।

पुष्प प्राय: एकव्याससममित (zygomorphic), द्विलिंगी (bisexual), जायांगाधर (hypogynous), या परिजायांगी (perigynous) होते हैं।

इसके विपणन उत्पादों में एंटीवाइरल व एंटीइन्फेक्टिव, हृदय-संवहनी, केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र, दंत-संबंधी, त्वचा-विज्ञान, निदान शास्त्र, पोषण या पोषकाहार, प्रसूति व स्त्री रोग-विज्ञान तथा गठिया-संबंधी विज्ञान के उत्पाद शामिल हैं।

जायांग पुष्पासन के बीच में तथा अन्य पुष्पयत्र प्यालानुमा रचना की नेमि या किनारों पर स्थित होते हैं।

पुष्प के चारो भाग पुटचक्र, दलचक्र, पुमंग तथा जायांग इसमें पाएँ जाते हैं।

जैसे ही पुष्टि हो जाती है कि आप गर्भवती हैं उसके बाद से प्रसव होने तक आप किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ की निगरानी में रहें तथा नियमित रूप से अपनी चिकित्सीय जाँच कराती रहें।

जायांग (gynaeceum) एक कोशिकीय तथा असमबाहु (inequilateral) होता है।

प्रसव घर पर कराने के बजाए अस्पताल, प्रसूति गृह या नर्सिगं होम में किसी कुशल स्त्री रोग विशेषज्ञ से कराना सुरक्षित रहता है।

इन्होंने शल्य चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेद के अन्य पक्षों जैसे शरीर सरंचना, काय चिकित्सा, बाल रोग, स्त्री रोग, मनोरोग आदि की जानकारी भी दी।

जैसा कि ऊपर वर्णित किया गया है कि व्यक्तिक फूलों के ज्यादातर नस्लों में जायांग (pistil) और पुंकेसर दोना होते हैं।

इस रोग के कारणों की जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ, लेडी डॉक्टर से करा लेना चाहिए, ताकि उस कारण को दूर किया जा सके।

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