grue Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
grue ka kya matlab hota hai
क्रेन
Noun:
तसदीक़,
Adjective:
यथार्थ,
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grue शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
मास्टर साहिब ने बगै़र तसदीक़ किए आप रहमता अल्लाह अलैहि को सज़ा के तौर पर क्लास से बाहर निकाल दिया।
यथार्थवाद और संदेहवाद ऐसे ही सिद्धांत हैं।
अपनी विचारधारा को प्रेमचंद ने आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहा है।
मेट्रो- वर्तमान में मेट्रो का डी.पी.आर. तैयार हो चुका है तथा चार-पांच वर्षों में पटना जंक्शन, नए बनते अन्तरराज्यीय बस अड्डा तथा उच्च न्यायालय को जोड़ती हुई मेट्रो यथार्थ होगी।
आदर्शोन्मुख यथार्थवाद उनके साहित्य की मुख्य विशेषता है।
और जो (कु़रान) मैंने नाजि़ल किया वह उस किताब (तौरेत) की (भी) तसदीक़ करता हूँ जो तुम्हारे पास है और तुम सबसे चले उसके इन्कार पर मौजूद न हो जाओ और मेरी आयतों के बदले थोड़ी क़ीमत (दुनयावी फायदा) न लो और मुझ ही से डरते रहो (41)।
सेवासदन के दौर में वे यथार्थवादी समस्याओं को चित्रित तो कर रहे थे लेकिन उसका एक आदर्श समाधान भी निकाल रहे थे।
(3) (ऐ रसूल) उसी ने तुम पर बरहक़ किताब नाज़िल की जो (आसमानी किताबें पहले से) उसके सामने मौजूद हैं उनकी तसदीक़ करती है और उसी ने उससे पहले लोगों की हिदायत के वास्ते तौरेत व इन्जील नाज़िल की ।
जगत के विषय में सामान्य दृष्टिकोण का विस्तार करने तथा सामान्य आधारों व नियमों का करने, यथार्थ के विषय में चिंतन की तर्कबुद्धिपरक, तर्क तथा संज्ञान के सिद्धांत विकसित करने की आवश्यकता से दर्शनशास्त्र का एक विशिष्ट अनुशासन के रूप में जन्म हुआ।
उनके दिलों पर और उनके कानों पर (नज़र करके) खु़दा ने तसदीक़ कर दी है (कि ये ईमान न लाएँगे) और उनकी आँखों पर परदा (पड़ा हुआ) है और उन्हीं के लिए (बहुत) बड़ा अज़ाब है (7)।
और जब उनके पास खु़दा की तरफ से रसूल (मोहम्मद) आया और उस किताब (तौरेत) की जो उनके पास है तसदीक़ भी करता है तो उन अहले किताब के एक गिरोह ने किताबे खु़दा को अपने बस पुश्त फेंक दिया गोया वह लोग कुछ जानते ही नहीं और उस मंत्र के पीछे पड़ गए (101)।
और ये कुरान ऐसा नहीं कि खुदा के सिवा कोई और अपनी तरफ से झूठ मूठ बना डाले बल्कि (ये तो) जो (किताबें) पहले की उसके सामने मौजूद हैं उसकी तसदीक़ और (उन) किताबों की तफ़सील है उसमें कुछ भी ्यक नहीं कि ये सारे जहाँन के परवरदिगार की तरफ से है (37)।
मार्ग में हनुमान को राक्षस होने के सन्देह में भरत ने बाण मार कर मूर्छित कर दिया परन्तु यथार्थ जानने पर अपने बाण पर बैठा कर वापस लंका भेज दिया।
मैक्डूगल के अनुसार, मनोविज्ञान, आचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है ।
१९३६ तक आते-आते महाजनी सभ्यता, गोदान और कफ़न जैसी रचनाएँ अधिक यथार्थपरक हो गईं, किंतु उसमें समाधान नहीं सुझाया गया।
प्रेमचंद साहित्य की वैचारिक यात्रा आदर्श से यथार्थ की ओर उन्मुख है।
और वह उसमंे हमेशा अपना किया भुगतता रहेगा और उसके लिए बड़ी रूसवाई का अज़ाब है और तुम्हारी औरतों में से जो औरतें बदकारी करें तो उनकी बदकारी पर अपने लोगों में से चार गवाही लो और फिर अगर चारों गवाह उसकी तसदीक़ करें तो (उसकी सज़ा ये है कि) उनको घरों में बन्द रखो यहाॅ तक कि मौत आ जाए या ख़ुदा उनकी कोई (दूसरी) राह निकाले (15)।
और जब उनके पास खु़दा की तरफ़ से किताब (कु़रान) आई और वह उस (किताब तौरेत) की जो उन के पास है तसदीक़ भी करती है।
दर्शन यथार्थ की परख के लिये एक दृष्टिकोण है।
ब्रनो में देश की तीनों इचाचासर्व-उच्च अदालतों स्थित हैं जो इसको चेक अदालती शाखा की यथार्थ राजधानी बनाते हैं।
इसमें शक नहीं कि उन लोगों के किस्सों में अक़लमन्दों के वास्ते (अच्छी ख़ासी) इबरत (व नसीहत) है ये (क़ुरान) कोई ऐसी बात नहीं है जो (ख्वाहामा ख्वाह) गढ़ ली जाए बल्कि (जो आसमानी किताबें) इसके पहले से मौजूद हैं उनकी तसदीक़ है और हर चीज़ की तफसील और इमानदारों के वास्ते (अज़सरतापा) हिदायत व रहमत है (111)।
और तौरेत जो मेरे सामने मौजूद है मैं उसकी तसदीक़ करता हॅू और (मेरे आने की) एक ग़रज़ यह (भी) है कि जो चीजे़ तुम पर हराम है उनमें से बाज़ को (हुक्मे ख़ुदा से) हलाल कर दूॅ और मैं तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से (अपनी नबूवत की) निशानी लेकर तुम्हारे पास आया हॅू (50)।
और तू देखता है कि जब यह लोग (इस कु़रान) को सुनते हैं जो हमारे रसूल पर नाज़िल किया गया है तो उनकी आँखों से बेसाख़्ता (छलक कर) आँसू जारी हो जातें है क्योंकि उन्होंने (अम्र) हक़ को पहचान लिया है (और) अर्ज़ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले हम तो ईमान ला चुके तो (रसूल की) तसदीक़ करने वालों के साथ हमें भी लिख रख (83)।
वे जीवनभर हिंदू जीवन को भारतीय जीवन का यथार्थ मानते रहे।