graals Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
graals ka kya matlab hota hai
ग्रेल
Noun:
दूब, शस्य, कुश, तिनका, तृण, घास,
Verb:
घास से ढांकना,
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graals शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
गुलमेंहदी को आसानी से किसी भी आकार में काटा जा सकता है इसीलिए इसे शस्यकर्तन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वन्दे मातरम्! सुजलां सुफलां मलयज शीतलां शस्यश्यामलां मातरम्।
वर्षा के दिनों में कभी-कभी बाढ़ आ जाती है जिससे किनारे के शस्य क्षति ग्रस्त हो जाते हैं।
प्रिय वस्तु- दुर्वा (दूब), शमी-पत्र।
गीत का मुखड़ा विशुद्ध संस्कृत में इस प्रकार है: "वन्दे मातरम् ! सुजलां सुफलां मलयज शीतलाम्, शस्य श्यामलाम् मातरम्।
सन्दर्भ शस्यकर्तन या शस्यकर्तन कला का अर्थ, छंटाई या कटाई के द्वारा पौधों या झाड़ियों को मनचाहा रूप देकर शिल्प निर्माण करना है।
शस्यकर्तन दो संस्कृत शब्दों शस्य और कर्तन से मिल कर बना है जिनका अर्थ क्रमशः वनस्पति और काटना होता है।
नौतनवां क्षेत्र में श्री पूर्णमासी एवं श्री राम लगन दूबे ने जनता का नेतृत्व किया और स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए जन जागृति पैदा की।
पूजा करते हुए दूब से पानी के छींटे देते हुए गोर गोर गोमती गीत गाती हैं।
प्रशासनिक दृष्टि से जनपद सुलतानपुर पाँच तहसील- लम्भुआ, कादीपुर, सुलतानपुर, जयसिंहपुर और बल्दीराय व 14 विकास खंड- अखंड नगर, दोस्तपुर, करौंदी कला, कादीपुर, मोतिगरपुर, जयसिंहपुर, कुरेभार, प्रतापपुर कमैचा, लंभुआ, भदैया, दूबेपुर, धनपतगंज, कुड़वार व बल्दीराय है।
शस्यचक्र की फसलें मुख्यत: चरी, मक्का, कपास एवं बाजरा हैं।
पाँव तले की दूब -1995 (वाग्देवी प्रकाशन, बीकानेर)।
यह त्योहार शस्योत्सव यानि फ़सल काटने के त्योहार के रूप में मनाया जाता है और विवाह आदि के लिये इसका विशेष महत्त्व माना जाता है।
इस प्रकार राजस्थान के रेगिस्तान का एक बड़ा भाग अन्तत: शस्य श्यामला भूमि में बदल जायेगा।
शस्यकर्तन का सबसे साधारण उदाहरण घरेलु हैज (बाड़) है जिसे बाहरी सीमा, दीवार या पर्दा बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
जीवसांख्यिकी का उपयोग आज विशुद्ध विज्ञान जैसे वनस्पतिविज्ञान, प्राणिविज्ञान, जीवाणुविज्ञान, शरीरक्रियाविज्ञान इत्यादि से लेकर व्यावहारिक विज्ञान जैसे कीटविज्ञान, जैविकी, मत्स्यविज्ञान, उद्यानविज्ञान, शस्यविज्ञान, औषधप्रभावविज्ञान, लाक्षणिक औषधि विज्ञान, कवक से फैली बीमारियों के अध्ययन, जीवन बीमा कंपनियों के अध्ययन इत्यादि में समान रूप से हो रहा है।
शस्यकर्तन के लिये अमूमन सदाबहार छोटे या सुइयों जैसे घने पत्तों वाले पौधों का उपयोग किया जाता है।
बर्माई तट के पूर्वोत्तर में चेदूबा एवं अन्य द्वीपसमूह दलदली ज्वालामुखी श्रेणी में आते हैं जो कभी कभार सक्रिय भी हो जाते हैं।
दुर्वा गणेश जी में दूबी अर्पित करें।
राजेन्द्र बाबू महाविद्यालय बनकटिया दूबे, देवरिया।
शब्दार्थ दूर्वा यानि दूब यह एक तरह की घास है जो पूजन में प्रयोग होती है।
यह भूमध्य रेखा के निकट भारी वर्षा वाले क्षेत्रों से निकलकर दक्षिण से उत्तर क्रमशः युगाण्डा, इथियोपिया, सूडान एवं मिस्र से होकर बहते हुए काफी लंबी घाटी बनाती है जिसके दोनों ओर की भूमि पतली पट्टी के रूप में शस्यश्यामला दिखती है।