gool Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
gool ka kya matlab hota hai
Noun:
पुण्यात्मा, उपकार, कल्याण, लाभ, सुविधा, भलाई,
Adjective:
योग्य, अनुकूल, धार्मिक, दयालु, उपयुक्त, उचित, साधु, आकर्षक, संतोषप्रद, संतोषजनक, उत्तम, भला, ख़ूब, ठीक, अच्छा,
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gool शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसी कारण नबी (सल्ल.) शुभकाल में सहाबा या आपकी पुण्यात्मा पत्नियाँ से मनुष्य होने के कारण जब भी कोई भूल - चूक हुई उपसर टोका गया ।
तरल गतिकी कृतज्ञ का अर्थ होता है अपने प्रति किये गये किसी दूसरे के नेक कार्यों या उपकारो को सदैव याद रखने वाला।
पुण्यात्मा राजा की अनुनय भरी वाणी सुनकर यमदूत ने कहा हे राजन् एक बार आपके द्वार से एक भूखा ब्राह्मण लौट गया यह उसी पापकर्म का फल है।
लेकिन ' उपकार ' का यह गीत ' कसमे वादे प्यार वफ़ा ...' जब हिट हुआ तो किशोर कुमार मनोज कुमार के पास गए और कहने लगे इतने अच्छे गाने का मौका उन्होने छोड़ दिया।
प्रत्येक कार्य को उपकार्यों में विभाजित किया जाता है जिससे कि उने।
हालाकि इस खेल में विशेशागता बड़ी हैं एवं विशिस्ट उपकारों के प्रयोग के चलते दुर्घटना की सम्भावना घटी हैं।
भावार्थ - वेद बोलने वाला ब्रह्म कह रहा है कि विलक्षण मनुष्य के बच्चे के रूप में प्रकट होकर पूर्ण परमात्मा कविर्देव अपने वास्तविक ज्ञान को अपनी कविर्गिभिः अर्थात कबीर वाणी द्वारा निर्मल ज्ञान अपने हंसात्माओं अर्थात् पुण्यात्मा अनुयायियों को कवि रूप में कविताओं, लोकोक्तियों के माध्यम से वर्णन करते हैं।
इस अधिकारी के उपकार के लिये या रसपुष्टि के लिये प्रसंगवश जिसका वर्णन आ जाता है उसे प्रासंगिक वस्तु कहते हैं; जैसे सुग्रीव, आदि का चरित्र।
भीष्म और भगवान कृष्ण सहित कर्ण के समकालीनों ने यह स्वीकार किया है कि कर्ण एक पुण्यात्मा है जो बहुत विरले ही मानव जाति में प्रकट होते हैं।
मधुमक्खियाँ कमल के रस को लेकर मधु बनाती हैं जो आँख के राग के लिये उपकारी होता है।
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा।
एक बार उनकी फ़िल्म ' उपकार ' के लिए किशोर कुमार को गाना गाने के लिए आमंत्रित किया तो वह यह कहकर भाग खड़े हुए कि वे तो फ़िल्म के हीरो के लिए ही गाने गाते हैं, किसी खलनायक पर फ़िल्माया जाने वाला गाना नहीं गा सकते।
"महाराजा विक्रमादित्य तुम्हारे जैसा पुण्यात्मा शायद ही कोई हो।
अर्थ- बिल्व के मूल में लिंगरूपी अविनाशी महादेव का पूजन जो पुण्यात्मा व्यक्ति करता है, उसका कल्याण होता है।
काफी मंथन के बाद सारे विद्वानों ने उन्हें वह दिशा बताई जिधर से स्वर्गरोहण हो सकता था तथा उन्हें बतलाया कि कोई पुण्यात्मा जो सतत् भगवान का स्मरण करता है तथा धर्म के पथ से विचलित नहीं होता है वही स्वर्ग जाने का अधिकारी है।
इसी तरह आदरणीय सहाबा हों या नबी (सल्ल.) की पुण्यात्मा पत्नियाँ, ये सब मनुष्य थे , फ़रिश्ते या परामानव न थे।
इस दिन के व्रत और पूजा के संदर्भ में एक अन्य कथा यह है कि रन्ति देव नामक एक पुण्यात्मा और धर्मात्मा राजा थे।
इस मामले में विशेष रूप से नबी (सल्ल.) की पुण्यात्मा पत्नियों के सामने तीन प्रकार की स्त्रियों को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया गया है।
कृष्ण ने इस उपकार का बदला बाद में चीरहरण के समय उनकी साड़ी को बढ़ाकर चुकाया।
राजा केदार ने सात महाद्वीपों पर शासन और वे एक बहुत पुण्यात्मा राजा थे।
अहसान- उपकार, भलाई, अनुग्रह, कृतज्ञता, आभार।
यदि पाप और पुण्य के लिए दंड और पुरस्कार का प्रबंध होता तथा उनको रोकने और करानेवाला कोई ईश्वर होता; और पुण्यात्माओं की रक्षा हुआ करती तथा पापात्माओं को दंड मिला करता तो ईसामसीह और गांधी जैसे पुण्यात्माओं की नृशंस हत्या न हो पाती।
इतिहास मे कृष्ण और द्रौपदी की कहानी प्रसिद्ध है, जिसमे युद्ध के दौरान श्री कृष्ण की उंगली घायल हो गई थी, श्री कृष्ण की घायल उंगली को द्रौपदी ने अपनी साड़ी मे से एक टुकड़ा बाँध दिया था, और इस उपकार के बदले श्री कृष्ण ने द्रौपदी को किसी भी संकट मे द्रौपदी की सहायता करने का वचन दिया था।
उसने महाराष्ट्र के निवासियों को गर्वीला और युद्धप्रिय बतलाया है एवं कहा है कि वे उपकार के प्रति कृतज्ञ और अपकार के प्रति प्रतिशोधक होते है, विपन्न और शरणगत के लिये वे आत्मबलिदान तक करने को तत्पर रहते हैं और अपमान करनेवाले की हत्या की उन्हें पिपासा होती है।
"प्रभु का पुनरागमन क़यामत के दिन होगा जब वो स्वर्ग से उतर कर यहाँ आयेंगे दुनिया पर फ़ैसला सुनाने : पुण्यात्माओं को अमर स्वर्गिक जीवन मिलेगा और पापी सदा के लिये अभिशापित होंगे।
इस दौरान भी कई बार अपनी अमानवीय शक्तियों से परिचित होता है, फिर वयस्क आयु में, वह सुपरमैन के गुप्त रूप में मानवता के उपकार हेतु इसका संकल्प भी लेता है।