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gonorrheas Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


gonorrheas ka kya matlab hota hai


प्रमेह

Noun:

सूजाक,



gonorrheas शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



ज्वर चिकित्सा अध्याय से लेकर अन्तिम अध्याय तक विभिन्न व्याधियॉं जैसे ज्वर, रक्तपित्त, गुल्म, प्रमेह, दोषगत व्याधियॉं, मानसिक रोग, मदात्य व्याधियॉं, विषजन्य व्याधियां का व्यापक निदान, लक्षण, भेद, चिकित्सा संबंधित औषधी योग का विस्तृत वर्णन प्राप्त हैं।

सूजाक रोग में चूँकि लिंगेन्द्रिय के अंदर घाव हो जाता है और इससे पस निकलता है अतः इसे हिंदी में 'पूयमेह ' , औपसर्गिक पूयमेह और ' परमा ' कहते हैं और अंग्रेजी भाषा में गोनोरिया (gonorrhoea ) कहते हैं. पश्चिमी देशों में इसे क्लेप (clap ) के नाम से भी जाना जाता है.।

क्षय, प्रमेह, बवासीर, पथरी, मूत्राघात इत्यादि रोगों में यह लाभदायक कहा गया है।

सूजाक और क्लामीडिया संवर्ध।

आम का बौर शीतल, वातकारक, मलरोधक, अग्निदीपक, रुचिवर्धक तथा कफ, पित्त, प्रमेह, प्रदर और अतिसार को नष्ट करनेवाला है।

वमन योग्य रोग- श्वास, कास, प्रमेह, पांडु रोग (एनीमिया), मुख रोग अर्बुद आदि।

सूजाक के चिह्न और लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि यह अपने चार चरणों (प्राथमिक, द्वितीयक, अव्यक्त व तृतीयक) में से किस चरण में है।

माना जाता है कि सूजाक ने 1999 में पूरी दुनिया में 12 मिलियन लोगों को प्रभावित किया, जिसमें से 90% से अधिक मामले विकासशील दुनिया के हैं।

फिरंग (syphilis), सूजाक (gonorrhoea) तथा विसर्प (erysipelas) एवं मसूरिका आदि रोगों का संक्रमण मृत, संक्रांत या वाहक मनुष्य या पशु के प्रत्यक्ष संसर्ग से होता है।

जब एक यौन सक्रिय महिला को योनिरस या योनि मुक्ति की शिकायत हो, तो गर्भाशय ग्रीवा के असामान्य होने पर भी क्लामीडिया और सूजाक का सामान्य परीक्षण किया जाना आवश्यक है।

सूजाक नीसेरिया गानोरिआ नामक जीवाणु से होता है जो महिला तथा पुरुषों में प्रजनन मार्ग के गर्म तथा गीले क्षेत्र में आसानी और बड़ी तेजी से बढ़ती है।

यह कोई 20 प्रकार के प्रमेह, विविध कुष्ठरोग, विषमज्वर व सूजन को नष्ट करता है।

2007 से, तीसरी पीढ़ी के सिफालोस्पोरिन (सेफ़्ट्राइऐक्सोन या सेफ़िक्सिम) संयुक्त राज्य अमेरिका में सूजाक के लिए एक मात्र परामर्श योग्य उपचार रहे हैं।

प्रमेह आदि में शहद के साथ त्रिफला लेने से अत्यंत लाभ होता है।

सूजाक एक संक्रामक यौन रोग (यौन संचारित बीमारी (एसटीडी)) है।

बाल्यावस्था का गन्ना कफ बढ़ाने वाला, मेदा बढ़ाने वाला और प्रमेह रोग को नष्ट करने वाला होता है।

वर्तमान में माधवनिदान पर विजयरक्षित और श्रीकण्ठदत्त द्वारा (पंचनिदान से अश्मरीनिदान पर्यन्त व्याख्या विजयरक्षित द्वारा एवं प्रमेह-प्रमेहपिडकानिदान से ग्रन्थसमाप्ति पर्यन्त व्याख्या उनके शिष्य श्रीकण्ठदत्त द्वारा) रचित मधुकोश एवं वाचस्पति वैद्य द्वारा रचित आतंकदर्पण व्याख्यायें पूर्ण रूप में उपलब्ध है।

क्लामीडिया, सूजाक, माइकोप्लाज़्मा, दाद, कैंपीलोबेक्टर, अनुचित स्वच्छता और कुछ परजीवियों के कारण भी यह रोग आमतौर पर होता है।

अत: उसके अनेक कार्बनिक तथा अकार्बनिक यौगिक रक्ताल्पता, तंत्रिकाव्याधि, गठिया, मलेरिया, प्रमेह तथा अन्य रोगों के उपचार में प्रयुक्त होते हैं।

आयुर्वेद चिकित्सा में अभ्रक भस्म काफी प्रचलित औषधि है जो क्षय, प्रमेह, पथरी आदि रोगों के निदान में प्रयुक्त होती है।

पुराने सूजाक और मूत्रकृच्छ में भी इससे आश्चर्यजनक लाभ होता है।

विशेषकर प्रमेह के उपचार में सालवारसन का उपयोग होता है, जो आर्सेनिक का कार्बनिक यौगिक आर्सफिनामीन हाइड्रोक्लोराइड है।

पका फल मधुर, स्निग्ध, वीर्यवर्धक, वातनाशक, शीतल, प्रमेहनाशक तथा व्रण श्लेष्म और रुधिर के रोगों को दूर करनेवाला होता है।

ज्वर, रक्तपित्त, गुल्म, प्रमेह, कुष्ठ, आदि रोगों की संख्या, भेद, कारण, लक्षण, साध्य-असाध्यता तथा चिकित्सा सूत्र का सरल एवं सुबोध भाषा में वर्णन प्राप्त होता है।

मस्तिष्कावरणशोथ, एच. इंफ्लुएंज़ा, एवं अतिसंवेदनशील ई.कोली, क्लेब्सिएला, एवं पेनिसिलिन-प्रतिरोधी एन. गोनॉरिया (सूजाक) के विरुद्ध उपयोगी बनाते हैं।

Synonyms:

venereal disease, Cupid's itch, VD, Cupid's disease, sexually transmitted disease, gonorrhoea, clap, social disease, dose, STD, venereal infection, Venus's curse,



Antonyms:

boo, disapprove, bring to,



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