gondi Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
gondi ka kya matlab hota hai
गोंडी
Noun:
गोंडी,
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gondi शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसमें द्रविण कुल की गोंडी है तो आर्यकुल की हल्बी व भतरी।
कभी बस्तर में ३६ बोलियां थीं, लेकिन अब गोंडी, हल्बी, भतरी, धुरवी, परजी, माड़ी जैसी गिनी-चुनी बोलियां ही बची हैं।
तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, तुलू, गोंडी, कुड़ुख।
हल्बी संपर्क भाषा है और क्षेत्र के अनुसार इसमें दोरली, गोंडी आदि बोलियों का समावेश दिखता है।
यहाँ की अन्य भाषाओं में तेलुगू, भिलोड़ी (भीली), गोंडी, कोरकू, कळतो (नहली), और निहाली (नाहली) आदि शामिल हैं, जोकि आदिवासी समूहों द्वारा बोली जाती हैं।
भिली / भिलोदी 1.04 करोड़ वक्ताओं के साथ सबसे ज्यादा बोली जाने वाली गैर अनुसूचित भाषा थी, इसके बाद गोंडी 29 लाख वक्ताओं के साथ थीं।
गोंडवाना की गोंडी भी हालांकि द्रविण कुल की ही बोली है, लेकिन बस्तर की गोंडी से यह एकदम अलग है।
उत्तर और पूर्व भारत की कुछ भाषाएँ जौसे ब्राहुई, गोंडी, कुड़ुख द्रविड़ भाषा-परिवार से सम्बंधित हैं।
यहाँ की अन्य भाषाओं में तेलुगू, भिलोड़ी (भीली), गोंडी, कोरकू, कळतो (नहली), और निहाली (नाहली) आदि शामिल हैं, जोकि आदिवासी समूहों द्वारा बोली जाती हैं।
गोंडी आज भी सर्वाधिक बोली जाने वाली बोली है।
गोंडी सबसे बड़े भूभाग की बोली है, जबकि हल्बी बस्तर की जनजातियों की संपर्क भाषा रही है।
भिली / भिलोदी 1.04 करोड़ वक्ताओं के साथ सबसे ज्यादा बोली जाने वाली गैर अनुसूचित भाषा थी, इसके बाद गोंडी 29 लाख वक्ताओं के साथ थीं।
गोंडी आज भी सर्वाधिक बोली जाने वाली बोली है।
कभी बस्तर में ३६ बोलियां थीं, लेकिन अब गोंडी, हल्बी, भतरी, धुरवी, परजी, माड़ी जैसी गिनी-चुनी बोलियां ही बची हैं।
मध्यभारत की गोंडी और बस्तर की गोंडी में कोई समानता नहीं है।
तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, तुलू, गोंडी, कुड़ुख।
मध्यभारत की गोंडी और बस्तर की गोंडी में कोई समानता नहीं है।
इसमें द्रविण कुल की गोंडी है तो आर्यकुल की हल्बी व भतरी।
अबूझमाड़ की गोंडी व दंतेवाड़ा की गोंडी में केवल लहजे का अन्तर है।
उत्तर और पूर्व भारत की कुछ भाषाएँ जौसे ब्राहुई, गोंडी, कुड़ुख द्रविड़ भाषा-परिवार से सम्बंधित हैं।
आन्ध्र प्रदेश में 1% से कम बोली जाने वाली अन्य भाषाओं में कन्नड़ (0.94%), मराठी (0.84%), उड़िया (0.42%), गोंडी (0.21%) और मलयालम (0.1%) हैं।
हल्बी संपर्क भाषा है और क्षेत्र के अनुसार इसमें दोरली, गोंडी आदि बोलियों का समावेश दिखता है।
अबूझमाड़ की गोंडी व दंतेवाड़ा की गोंडी में केवल लहजे का अन्तर है।
गोंडी सबसे बड़े भूभाग की बोली है, जबकि हल्बी बस्तर की जनजातियों की संपर्क भाषा रही है।
आन्ध्र प्रदेश में 1% से कम बोली जाने वाली अन्य भाषाओं में कन्नड़ (0.94%), मराठी (0.84%), उड़िया (0.42%), गोंडी (0.21%) और मलयालम (0.1%) हैं।